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लॉकडाउन 4.0: पढ़ाई के लिए प्रशासन ने बच्चों को बांटी किताबें और स्टेशनरी

नई दिल्ली जिला प्रशासन के मनोरतना कैंपेन के तहत सैंकड़ों जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में स्कूल की किताबें और स्टेशनरी का पूरा सेट दिया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को लाइन में खड़ा किया गया.

studies in Lockdown 4
मनोरतना कैंपेन
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Published : May 22, 2020, 12:17 PM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो. इसका ध्यान रखते हुए प्रशासन लगातार बच्चों की मदद के लिए काम कर रहा है. इसी कड़ी में नई दिल्ली जिला प्रशासन ने मनोरतना कैंपेन के तहत गरीब और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त किताबें और स्टेशनरी बांटी गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया.

मनोरतना कैंपेन

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बांटी गई किताबें

नई दिल्ली जिला प्रशासन के मनोरतना कैंपेन के तहत सैंकड़ों जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में स्कूल की किताबें और स्टेशनरी का पूरा सेट दिया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को लाइन में खड़ा किया गया. एक-एक बच्चे का नाम पुकार कर पहले उनके हाथों और किताबों को सैनिटाइज किया गया. इसके बाद उन्हें क्लास के हिसाब से किताबें और स्टेशनरी का पूरा सेट दिया गया.

पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था नई दिल्ली जिले के एसएडीएम और मनोरतना कैंपेन के नोडल अधिकारी ऑफिसर डॉ. नितिन शाक्या और कैंपेन के वालंटियर कर रहे थे. कार्यक्रम का मकसद लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे मजदूरों और वर्कर की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है. जिसके कारण वो अपने बच्चों के लिए स्कूल की किताबें-कॉपी नहीं खरीद पाए हैं. ऐसे ही परिवार के लगभग 200 बच्चों को मनोरतना कैंपेन के वालेंटियर्स ने चिंहित किया था. जो क्लास नर्सरी से लेकर बारहवीं तक के बच्चे थे.

बच्चों ने किया धन्यवाद

लॉकडाउन कि स्थिति में सरकार और प्रशासन एक के बाद एक सराहनीय काम लगातार करता आ रहा है. जब कैंपेन के वालंटियर और नोडल अधिकारी आरके पुरम के सेक्टर-7 में किताब और स्टेशनरी बांटने के लिए पहुंचे तो लिस्ट के अलावा भी बहुत से बच्चे और अभिभावक मौके पर पहुंच गए. नोडल ऑफिसर ने किसी को भी खाली हाथ नहीं जाने दिया और सभी को उनकी क्लास के मुताबिक किताबें और स्टेशनरी दी गयी. बच्चे भी किताब और स्टेशनरी पाकर काफी खुश थे और सभी बच्चों ने धन्यवाद किया.


लॉकडाउन की स्थिति में गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी थी. ऐसे में वो अपने बच्चों के स्कूल की किताब और स्टेशनरी नहीं खरीद पाए थे. जिसके कारण उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. जब बच्चों को किताब और स्टेशनरी मिली, तो उनके चेहरे खिल गए और बच्चों ने कहा थैंक्यू.

नई दिल्ली: लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो. इसका ध्यान रखते हुए प्रशासन लगातार बच्चों की मदद के लिए काम कर रहा है. इसी कड़ी में नई दिल्ली जिला प्रशासन ने मनोरतना कैंपेन के तहत गरीब और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त किताबें और स्टेशनरी बांटी गई. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया.

मनोरतना कैंपेन

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बांटी गई किताबें

नई दिल्ली जिला प्रशासन के मनोरतना कैंपेन के तहत सैंकड़ों जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में स्कूल की किताबें और स्टेशनरी का पूरा सेट दिया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को लाइन में खड़ा किया गया. एक-एक बच्चे का नाम पुकार कर पहले उनके हाथों और किताबों को सैनिटाइज किया गया. इसके बाद उन्हें क्लास के हिसाब से किताबें और स्टेशनरी का पूरा सेट दिया गया.

पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था नई दिल्ली जिले के एसएडीएम और मनोरतना कैंपेन के नोडल अधिकारी ऑफिसर डॉ. नितिन शाक्या और कैंपेन के वालंटियर कर रहे थे. कार्यक्रम का मकसद लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे मजदूरों और वर्कर की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है. जिसके कारण वो अपने बच्चों के लिए स्कूल की किताबें-कॉपी नहीं खरीद पाए हैं. ऐसे ही परिवार के लगभग 200 बच्चों को मनोरतना कैंपेन के वालेंटियर्स ने चिंहित किया था. जो क्लास नर्सरी से लेकर बारहवीं तक के बच्चे थे.

बच्चों ने किया धन्यवाद

लॉकडाउन कि स्थिति में सरकार और प्रशासन एक के बाद एक सराहनीय काम लगातार करता आ रहा है. जब कैंपेन के वालंटियर और नोडल अधिकारी आरके पुरम के सेक्टर-7 में किताब और स्टेशनरी बांटने के लिए पहुंचे तो लिस्ट के अलावा भी बहुत से बच्चे और अभिभावक मौके पर पहुंच गए. नोडल ऑफिसर ने किसी को भी खाली हाथ नहीं जाने दिया और सभी को उनकी क्लास के मुताबिक किताबें और स्टेशनरी दी गयी. बच्चे भी किताब और स्टेशनरी पाकर काफी खुश थे और सभी बच्चों ने धन्यवाद किया.


लॉकडाउन की स्थिति में गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी थी. ऐसे में वो अपने बच्चों के स्कूल की किताब और स्टेशनरी नहीं खरीद पाए थे. जिसके कारण उनके बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही थी. जब बच्चों को किताब और स्टेशनरी मिली, तो उनके चेहरे खिल गए और बच्चों ने कहा थैंक्यू.

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