नई दिल्लीः दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को असोला भाटी अभ्यारण के अंतर्गत नीली झील इको टूरिज्म स्थल का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर पर्यावरण को बेहतर बनाने और प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ इको फ्रेंडली टूरिज्म स्थल विकसित करने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हर उचित कदम उठा रही हैं. इसी दिशा में आज विश्व आर्द्रता दिवस पर केजरीवाल सरकार की तरफ से दिल्लीवालों को नीली झील इको टूरिज्म स्थल के रूप में यह भेंट दी जा रही है. दिल्ली के लोग परिवारों के साथ आकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आंनद ले सकते हैं.
वन एवं पर्यावरण मंत्री राय ने बताया कि नीली झील को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जिसके लिए यहां पर पर्यटकों के लिए बनाई गई सभी सुविधाओं में इको फ्रेंडली मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है. उदहारण के लिए यहां पर सोलर सिस्टम द्वारा संचालित चार कृत्रिम झरने विकसित किए गए हैं. साथ ही यहां पर्यटकों के लिए एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है. इसके साथ-साथ पर्यटकों के लिए गोल्फ कोर्ट एवं इलेक्ट्रिक साइकिल की व्यवस्था उपलब्ध कराने और नीली झील के पास एक इको फ्रेंडली कैफेटेरिया का निर्माण करने के लिए विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने नीली झील के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि नीली झील के आसपास 40 हेक्टेयर क्षेत्र में इकोफ्रेडली विकास का काम किया गया है और अन्य सुविधाओं के अलावा इस क्षेत्र में पेड़ों और उनके महत्व के बारे में पर्यटकों को शिक्षित करने के लिए साइनेज की भी व्यवस्था की गई है.
राय ने बताया कि नीली झील की गहराई 100 फीट है और यहां विभाग ने चार कृत्रिम झरने विकसित किए हैं, जो सोलर सिस्टम से चलते हैं. इन झरनों की खास बात है कि 100 फीट ऊंची जगह से पानी नीचे झील में पहुंचता है. कृत्रिम झरने के कारण नीली झील की सुंदरता काफी दर्शनीय हो गई है. पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए नीली झील के आसपास दर्शकों के देखने के लिए सुरक्षित स्थान बनाया गया है और कृत्रिम झरने के पास ही सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है, जिससे लोग अपनी यादों को कैमरे में कैद कर सकते हैं. साथ ही साथ सेल्फी प्वाइंट पर जाकर सेल्फी भी ले सकते हैं.
उन्होंने बताया कि जब तक यह व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक पर्यटक अपने निजी वाहन से यहां आकर इसकी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं. नीली झील पर आने के लिए मुख्य तीन द्वार है. पहला तुगलकाबाद जो उपवन संरक्षक (दक्षिणी) कार्यालय के पास है, दूसरा गेट न. 10, जो छतरपुर होते हुए शनिधाम रोड पर स्थित है और तीसरा गेट नं. 7, जो गुरु जी मंदिर होते हुए अभ्यारण के अंदर को आता है. असोला भाटी वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित नीली झील इको टूरिज्म स्थल के प्रवेश द्वारा पर ही टिकट लेकर पर्यटक इस मनोरम स्थल का आनंद ले सकते हैं. आगे ऑनलाइन टिकट लेने की व्यवस्था भी की जाएगी.
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गोपाल राय ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे नीली झील के पास इको फ्रेंडली कैफेटेरिया के इंतजाम करें ताकि पर्यटकों को यहां पर घूमने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. नीली झील के पास पर्यटन के लिए जितने भी निर्माण किए गए वे सभी लकड़ी, बांस आदि प्राकृतिक वस्तुओं से किए गए है. पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने विभाग के अधिकारियों को नीली झील के लिए बधाई देते हुए कहा कि हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को ऐसी जगह देना चाहती हैं, जहां लोग प्रकृति का आनंद ले सकें और साथ-ही आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति के बारे में जागरूक कर सके.