नई दिल्लीः पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी, विकासपुरी, पश्चिम विहार समेत कई इलाकों के दीवारों पर 'राष्ट्र विरोधी' और 'खालिस्तान समर्थित नारे’ लिखे मिले. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश में जुटे लोगों पर केस दर्ज कर सभी नारों को हटवाया. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को कुछ राष्ट्र-विरोधी और खालिस्तान से संबंधित पेंटिंग को लगाया गया था, जिसे हटा दिया गया है. दीवार पर 'खालिस्तान जिंदाबाद' और 'रेफरेंडम 2020' जैसे नारे लिखे हुए थे.
सिख फॉर जस्टिस नामक संस्था ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें स्वतंत्रता-प्रेमी सिखों ने "खालिस्तान जिंदाबाद", "पंजाब बनेगा खालिस्तान" जैसे नारे लगाए थे. सिख फॉर जस्टिस ने जो घोषणा की थी कि वे 26 जनवरी तक दिल्ली को खालिस्तान जिंदाबाद के छापे से भर देंगे, उस अभियान के तहत पीरा गढ़ी चौक, रेडिसन होटल, पश्चिम बिहार, जिला केंद्र विकासपुरी, बास्को पब्लिक स्कूल, मीरा बाग स्कूल, पश्चिम बिहार मार्केट, विकासपुरी बस स्टेशन और कई फ्लाईओवर और रोहतक रोड पर खालिस्तान जिंदाबाद, पंजाब बनेगा खालिस्तान जैसे नारे लिखे गए.
-
#UPDATE | A case under sections 153-B & 120-B IPC is being registered by the Special Cell, Delhi Police in connection with pro-Khalistani slogans painted - now removed - on a wall in Paschim Vihar area of Delhi today. https://t.co/xORJRculqm
— ANI (@ANI) January 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#UPDATE | A case under sections 153-B & 120-B IPC is being registered by the Special Cell, Delhi Police in connection with pro-Khalistani slogans painted - now removed - on a wall in Paschim Vihar area of Delhi today. https://t.co/xORJRculqm
— ANI (@ANI) January 19, 2023#UPDATE | A case under sections 153-B & 120-B IPC is being registered by the Special Cell, Delhi Police in connection with pro-Khalistani slogans painted - now removed - on a wall in Paschim Vihar area of Delhi today. https://t.co/xORJRculqm
— ANI (@ANI) January 19, 2023
सिख फॉर जस्टिस के जनरल कौंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि खालिस्तान समर्थक सिखों ने दिल्ली में पैर जमा लिया है और दिल्ली के लोगों को 26 जनवरी को घर में रहने की सलाह दी है, क्योंकि खालिस्तान का मसला सिख फॉर जस्टिस और भारत की मोदी सरकार के बीच है. इसमें आम आदमी से का कोई लेना-देना नहीं है.
सिख्स फॉर जस्टिस एक प्रतिबंधित संगठन है. इसका संचालन अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में रहने वाले कुछ कट्टरपंथी सिख करते हैं. इस संगठन को भारत सरकार ने 2019 में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.