नई दिल्लीः कोरोना (corona) की दूसरी लहर में ठहराव, तो आ गया है, लेकिन तीसरी लहर (third wave) आने की आशंकाओं का बाजार गर्म है. दूसरी लहर के दौरान, जो बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए, ठीक होने के बाद वे एक रहस्यमई संक्रमण से पीड़ित हो रहे हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना से ठीक हो चुके बच्चों में दो तरह की समस्याएं आम तौर पर देखी जा रही है. एक निमोनिया और दूसरा मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम( MIS C syndrome) . दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न अस्पतालों (delhi ncr hospital) में लगभग 180 बच्चे एडमिट हैं. अकेले दिल्ली में 150 से ज्यादा बच्चे हैं. ये वो आंकड़ें हैं, जो बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं. इससे ज्यादा बच्चे घरों में हो सकते हैं.
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यह सिंड्रोम काफी खतरनाक माना जा रहा है. बाल रोग चिकित्सकों के मुताबिक, कोरोना से ठीक हुए बच्चों में, जब नाखूनों का रंग नीला पड़ता हुआ दिखे, पेट दर्द की शिकायत हो, सांस लेने में परेशानी होने के साथ ही बुखार आने लगे, तो यह इस बीमारी की लक्षण हो सकते हैं. ऐसे लक्षण दिखे, तो बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता है.