नई दिल्ली: उद्योग मंत्री सतेंद्र जैन ने दिल्ली के विभिन्न इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और उद्यमियों की चिंताओं को दूर किया. इंडस्ट्री एसोसिएशन ने औद्योगिक नीति में बदलाव को ऐतिहासिक बताया और उद्योग मंत्री सतेंद्र जैन का आभार जताते हुए कहा कि इस फैसले से दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार और विकास में मदद मिलेगी.
मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि नई औद्योगिक नीति के संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली के सभी नए औद्योगिक क्षेत्रों में केवल हाईटेक और सर्विस इंडस्ट्रीज को ही काम करने की अनुमति होगी. वहीं, पुराने उद्योगों को भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से सर्विस सेक्टर में स्विच करने का विकल्प दिया गया है.
इंडस्ट्री में बदलाव के लिए कंवर्जन शुल्क माफ
अगर कोई उद्यमी अपनी इंडस्ट्री में बदलाव करना चाहता है, तो उससे कन्वर्जन फीस नहीं ली जाएगी. दिल्ली सरकार ने इसे माफ करने का फैसला किया है. दिल्ली के सभी इंडस्ट्री एसोएिशन ने नई नीति के लिए दिल्ली सरकार की सराहना की.
सर्विस और हाई टेक उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि नई औद्योगिक नीति से दिल्ली में सर्विस और हाइटेक सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. अभी तक इन सेक्टर के उद्योगों को अनुमति नहीं थी, लेकिन अब नए औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ हाईटेक और सर्विस सेक्टर से संबंधित उद्योग ही लगाने की अनुमति रहेगी.
उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति को लेकर दिल्ली के लोगों में कुछ भ्रम की स्थिति थी. दिल्ली सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि दिल्ली में जो भी पुराने औद्योगिक क्षेत्र हैं, वहां पर जो भी उद्योग चल रहे हैं, वो सभी चलते रहेंगे. अगर कोई उद्यमी पुराने इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थिति अपनी निर्माण इंडस्ट्री को सर्विस या हाईटेक इंडस्ट्री में बदलना चाहता है, तो वह बदल सकता है.
इंडस्ट्रियल अर्रा में एफएआर बढ़ाने का फैसला
उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित प्लाटों के एफएआर को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अभी तक अलग-अलग प्लाट साइज के अलग-अलग एफएआर हुआ करती थी, लेकिन अब सभी तरह के प्लाट साइज का एफएआर एक समान कर दिया गया है.
मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि बवाना और बादली सहित सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सर्विस और हाईटेक ऑफिस खोलने की अनुमति दी जाएगी. स्पष्ट है कि यह सेक्टर पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के अतिरिक्त होगा और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित नहीं करेगा. उन्होंने कहा, कि यह फैसला केंद्रीय मंत्री के साथ विचार विमर्श के बाद किया गया है.
नए औद्योगिक क्षेत्रों में लगा सकेंगे इस तरह के उद्योग
दिल्ली सरकार ने नए औद्योगिक क्षेत्रों में लगने वाली इंडस्ट्री को सूचीबद्ध किया है. नए औद्योगिक क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के अलावा बहुत से ऑफिस खुल सकते हैं.
इन उद्योगों के खोलने की रहेगी अनुमति-
- कंप्यूटर हाॅर्डवेयर एंड साॅफ्टवेयर इंडस्ट्री
- इंडस्ट्री इंटीग्रेटिंग एंड मैनुपुलेटिंग द इंटरफेस ऑफ कंप्युटर एंड टेलीकाॅम फैसिलिटीज
- आईटी सर्विस इंडस्ट्री
- इंटरनेट एंड ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर
- आईटीईएस इंडस्ट्री
- कस्टमर इंटरेक्शन सर्विसेज
- काॅल सेंटर
- ई-मेल हेल्पडेस्क
- बैक ऑफिस प्रोसेसिंग
- फाइनाॅस एंड अकाउंटिंग
- इंश्योरेंस क्लेम
- एचआर सर्विसेज
- बिजनेस प्राॅसेज आउट सोर्सिंग
- नाॅलेज इंडस्ट्री
- साॅफ्टवेयर एक्सटेंश
- मीडिया इंडस्ट्री
- टीवी एंड वीडियो प्रोग्राम प्रोडक्शन
- फोटो कंपोजिंग एंड डेस्कटाॅप पब्लिकेशन
- पब्लिशिंग सर्विसेज
- ऑडियो विजुअल सर्विसेज
- सभी प्रकार की आर एंड डी के कार्यालय