ETV Bharat / state

सैलरी विवाद: कस्तुरबा गांधी हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ के समर्थन में हिंदूराव अस्पतालकर्मी

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अस्पताल कस्तूरबा गांधी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पिछले एक सप्ताह से 3 महीने की सैलरी एकमुश्त भुगतान की मांग को लेकर हर दिन 2 घंटे से प्रोटेस्ट कर रहे हैं. 21 सितंबर सोमवार से उनके साथ अस्पताल के ग्रुप सी और ग्रुप डी के स्टाफ भी शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा हिंदूराव अस्पताल के स्टाफ भी प्रोटेस्ट में हिस्सा ले रहे हैं.

protest over salary non-payment issue
मेडिकल स्टाफ प्रोटेस्ट
author img

By

Published : Sep 21, 2020, 7:05 AM IST

नई दिल्ली: नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के नर्सिंग स्टाफ पिछले 3 महीने से सैलरी नहीं मिलने की वजह से अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं. 3 महीने की एकमुश्त सैलरी की मांग को लेकर 14 सितंबर से हर रोज 2 घंटे के लिए काम ठप कर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, लेकिन न तो एमसीडी की तरफ से न ही कोई सराकार की तरफ से उनकी समस्या के समाधान के लिए आगे आ रहे हैं.

सैलरी ना मिलने को लेकर प्रोटेस्ट

3 की जगह एक महीने की सैलरी मिली

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले अस्पताल और डिस्पेंसरी में काम करने वाले डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को पिछले 3 महीने से सैलरी नहीं दी गई है. पिछले महीने भी नहीं सैलरी नहीं मिलने की समस्या आई थी. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस मुद्दे को उठाया था. इसके बावजूद डॉक्टरों और नर्सों को 3 महीने की जगह सिर्फ 1 महीने की सैलरी दी गई.


'प्रोटेस्ट को किया जा रहा है नजरअंदाज'

दिल्ली हॉस्पिटल नर्सेज यूनियन की महासचिव मंजू लता बताती हैं कि पिछले 4 महीने से हमें सैलरी नहीं दी जा रही है. इसलिए मजबूरी में आकर हमें प्रोटेस्ट करने के लिए सामने आना पड़ा. पिछले 15 सितंबर से हर रोज 2 घंटे के लिए अपनी सैलरी की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

लेकिन इन 5 दिनों के दौरान ना तो एमसीडी की तरफ से कोई अधिकारी उनसे मिलने आया, ना ही दिल्ली सरकार की तरफ से कोई अधिकारी उनका हालचाल जानने की कोशिश की. शायद उन्हें लगता है कि ये लोग 2 घंटे के लिए जो प्रोटेस्ट कर रहे हैं. उससे उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. प्रोटेस्ट करते रहें, उनको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. अगर ये अधिकारी ऐसा सोचते हैं, तो गलत सोचते हैं.



हिंदूराव अस्पताल स्टाफ भी प्रोटेस्ट में होगा शामिल

मंजू लता ने बताया कि हम पिछले एक हफ्ता से सैलरी की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो पा रहा है. एमसीडी और दिल्ली सरकार उनकी तरफ से हमारे लिए आंखें मूंद ली है. 21 तारीख से हमारे साथ हिंदू राव हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ भी हमारे प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे हैं. कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल के ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मचारी भी हमारे प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पिछले 4 महीने से सैलरी नहीं दी गई है. अभी तक हम दिन में सिर्फ 2 घंटे के लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं. हमारी इमरजेंसी सर्विस पहले की तरह चल रही है. मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होने दिया जा रहा है.


स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करने की हिदायत

मंजू लता ने बताया कि हमारे प्रोटेस्ट के 1 सप्ताह बाद भी कोई भी हमारी खैर खबर लेने नहीं आ रहा है. हमें सैलरी मिले या ना मिले इस बात से उन्हें कोई लेना देना नहीं है. हम घर खर्च कैसे चला रहे हैं, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है. सभी नेताओं और अधिकारियों से हम अपील करते हैं कि वो हमारी समस्याओं को समझें और इसका कोई स्थाई समाधान निकालते हुए हमारे 3 महीने की सैलरी एकमुश्त भुगतान करने में मदद करें. ऐसा ना हो कि हमें मजबूरी में कोई ऐसा कदम उठाना पड़ जाए कि हमें स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करना पड़े.

नई दिल्ली: नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के नर्सिंग स्टाफ पिछले 3 महीने से सैलरी नहीं मिलने की वजह से अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं. 3 महीने की एकमुश्त सैलरी की मांग को लेकर 14 सितंबर से हर रोज 2 घंटे के लिए काम ठप कर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, लेकिन न तो एमसीडी की तरफ से न ही कोई सराकार की तरफ से उनकी समस्या के समाधान के लिए आगे आ रहे हैं.

सैलरी ना मिलने को लेकर प्रोटेस्ट

3 की जगह एक महीने की सैलरी मिली

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले अस्पताल और डिस्पेंसरी में काम करने वाले डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को पिछले 3 महीने से सैलरी नहीं दी गई है. पिछले महीने भी नहीं सैलरी नहीं मिलने की समस्या आई थी. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने भी इस मुद्दे को उठाया था. इसके बावजूद डॉक्टरों और नर्सों को 3 महीने की जगह सिर्फ 1 महीने की सैलरी दी गई.


'प्रोटेस्ट को किया जा रहा है नजरअंदाज'

दिल्ली हॉस्पिटल नर्सेज यूनियन की महासचिव मंजू लता बताती हैं कि पिछले 4 महीने से हमें सैलरी नहीं दी जा रही है. इसलिए मजबूरी में आकर हमें प्रोटेस्ट करने के लिए सामने आना पड़ा. पिछले 15 सितंबर से हर रोज 2 घंटे के लिए अपनी सैलरी की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

लेकिन इन 5 दिनों के दौरान ना तो एमसीडी की तरफ से कोई अधिकारी उनसे मिलने आया, ना ही दिल्ली सरकार की तरफ से कोई अधिकारी उनका हालचाल जानने की कोशिश की. शायद उन्हें लगता है कि ये लोग 2 घंटे के लिए जो प्रोटेस्ट कर रहे हैं. उससे उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. प्रोटेस्ट करते रहें, उनको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. अगर ये अधिकारी ऐसा सोचते हैं, तो गलत सोचते हैं.



हिंदूराव अस्पताल स्टाफ भी प्रोटेस्ट में होगा शामिल

मंजू लता ने बताया कि हम पिछले एक हफ्ता से सैलरी की मांग को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो पा रहा है. एमसीडी और दिल्ली सरकार उनकी तरफ से हमारे लिए आंखें मूंद ली है. 21 तारीख से हमारे साथ हिंदू राव हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ भी हमारे प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे हैं. कस्तूरबा गांधी हॉस्पिटल के ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मचारी भी हमारे प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें भी पिछले 4 महीने से सैलरी नहीं दी गई है. अभी तक हम दिन में सिर्फ 2 घंटे के लिए प्रोटेस्ट कर रहे हैं. हमारी इमरजेंसी सर्विस पहले की तरह चल रही है. मरीजों को कोई दिक्कत नहीं होने दिया जा रहा है.


स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करने की हिदायत

मंजू लता ने बताया कि हमारे प्रोटेस्ट के 1 सप्ताह बाद भी कोई भी हमारी खैर खबर लेने नहीं आ रहा है. हमें सैलरी मिले या ना मिले इस बात से उन्हें कोई लेना देना नहीं है. हम घर खर्च कैसे चला रहे हैं, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है. सभी नेताओं और अधिकारियों से हम अपील करते हैं कि वो हमारी समस्याओं को समझें और इसका कोई स्थाई समाधान निकालते हुए हमारे 3 महीने की सैलरी एकमुश्त भुगतान करने में मदद करें. ऐसा ना हो कि हमें मजबूरी में कोई ऐसा कदम उठाना पड़ जाए कि हमें स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करना पड़े.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.