नई दिल्ली: राजधानी के सफदरजंग मकबरे में एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था का शुभारंभ होना था, लेकिन यह मंच बीजेपी नेताओं की जुबानी जंग का अखाड़ा बन गया. दोनों नेताओं की बीच बुंदेलखंड की समस्या और वहां के गौरवशाली इतिहास को लेकर तू-तू-मैं-मैं हो गई.
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल और सांसद मीनाक्षी लेखी के बीच यह बहस हो गई.
ये है पूरा मामला
लेखी ने बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास और वहां के वर्तमान समस्या का जिक्र करते हुए वहां के लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया दिया, जिसके बाद यह बात पटेल को नागवार गुजरी तो उन्होंने मंच से ही लेखी और अन्य लोगों को वहां के गौरवशाली इतिहास के लिए वहां के लोगों के योगदान को याद रखने की नसीहत दे दी.
'लोगों ने कमाई का 100वां हिस्सा किया था दान'
प्रहलाद पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों ने लगातार 700 सालों तक युद्ध किया, जिसके लिए इतिहास उन्हें कभी नहीं भूल सकता. जिसने कभी हार नहीं मानी और मुगलों के भी गुलाम नहीं बने. उन्होंने आगे कहा कि वहां के लोगों ने अपने इतिहास को आज भी संजो कर रखा है. इतिहास में साफ वर्णन है कि वहां के लोग किस तरह अपनी कमाई का 100वां हिस्सा दान में दे दिया था.
'बुंदेलखंड का निवासी होने पर गर्व'
पर्यटक आज भी बुंदेलखंड घूमने जाते हैं तो वहां की वास्तुकला और धरोहरों से रूबरू होते हैं. पटेल यहीं नहीं रुके, उन्होंने मीनाक्षी लेखी को संबोधित करते हुए कहा कि नेताओं और लोगों को यह लगता है कि वह समस्या को गिनाएंगे तो फंड मिलेगा. गौरवशाली इतिहास का गुणगान करने से उन्हें शायद सहायता न मिले, लेकिन मुझे गर्व है कि मैं बुंदेलखंड के निवासी हूं.