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सफदरजंग के मकबरे में बुंदेलखंड को लेकर भिड़ गए दो बीजेपी नेता

जब लेखी ने गिनाई बुंदेलखंड की समस्या तो प्रहलाद पटेल ने दिया करारा जवाब, कहा गर्व है मैं बुंदेलखंड से हूं...

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Published : Jul 21, 2019, 8:24 PM IST

दो बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग

नई दिल्ली: राजधानी के सफदरजंग मकबरे में एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था का शुभारंभ होना था, लेकिन यह मंच बीजेपी नेताओं की जुबानी जंग का अखाड़ा बन गया. दोनों नेताओं की बीच बुंदेलखंड की समस्या और वहां के गौरवशाली इतिहास को लेकर तू-तू-मैं-मैं हो गई.

दो बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग

केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल और सांसद मीनाक्षी लेखी के बीच यह बहस हो गई.

ये है पूरा मामला
लेखी ने बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास और वहां के वर्तमान समस्या का जिक्र करते हुए वहां के लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया दिया, जिसके बाद यह बात पटेल को नागवार गुजरी तो उन्होंने मंच से ही लेखी और अन्य लोगों को वहां के गौरवशाली इतिहास के लिए वहां के लोगों के योगदान को याद रखने की नसीहत दे दी.

'लोगों ने कमाई का 100वां हिस्सा किया था दान'
प्रहलाद पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों ने लगातार 700 सालों तक युद्ध किया, जिसके लिए इतिहास उन्हें कभी नहीं भूल सकता. जिसने कभी हार नहीं मानी और मुगलों के भी गुलाम नहीं बने. उन्होंने आगे कहा कि वहां के लोगों ने अपने इतिहास को आज भी संजो कर रखा है. इतिहास में साफ वर्णन है कि वहां के लोग किस तरह अपनी कमाई का 100वां हिस्सा दान में दे दिया था.

'बुंदेलखंड का निवासी होने पर गर्व'
पर्यटक आज भी बुंदेलखंड घूमने जाते हैं तो वहां की वास्तुकला और धरोहरों से रूबरू होते हैं. पटेल यहीं नहीं रुके, उन्होंने मीनाक्षी लेखी को संबोधित करते हुए कहा कि नेताओं और लोगों को यह लगता है कि वह समस्या को गिनाएंगे तो फंड मिलेगा. गौरवशाली इतिहास का गुणगान करने से उन्हें शायद सहायता न मिले, लेकिन मुझे गर्व है कि मैं बुंदेलखंड के निवासी हूं.

नई दिल्ली: राजधानी के सफदरजंग मकबरे में एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था का शुभारंभ होना था, लेकिन यह मंच बीजेपी नेताओं की जुबानी जंग का अखाड़ा बन गया. दोनों नेताओं की बीच बुंदेलखंड की समस्या और वहां के गौरवशाली इतिहास को लेकर तू-तू-मैं-मैं हो गई.

दो बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग

केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल और सांसद मीनाक्षी लेखी के बीच यह बहस हो गई.

ये है पूरा मामला
लेखी ने बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास और वहां के वर्तमान समस्या का जिक्र करते हुए वहां के लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया दिया, जिसके बाद यह बात पटेल को नागवार गुजरी तो उन्होंने मंच से ही लेखी और अन्य लोगों को वहां के गौरवशाली इतिहास के लिए वहां के लोगों के योगदान को याद रखने की नसीहत दे दी.

'लोगों ने कमाई का 100वां हिस्सा किया था दान'
प्रहलाद पटेल ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों ने लगातार 700 सालों तक युद्ध किया, जिसके लिए इतिहास उन्हें कभी नहीं भूल सकता. जिसने कभी हार नहीं मानी और मुगलों के भी गुलाम नहीं बने. उन्होंने आगे कहा कि वहां के लोगों ने अपने इतिहास को आज भी संजो कर रखा है. इतिहास में साफ वर्णन है कि वहां के लोग किस तरह अपनी कमाई का 100वां हिस्सा दान में दे दिया था.

'बुंदेलखंड का निवासी होने पर गर्व'
पर्यटक आज भी बुंदेलखंड घूमने जाते हैं तो वहां की वास्तुकला और धरोहरों से रूबरू होते हैं. पटेल यहीं नहीं रुके, उन्होंने मीनाक्षी लेखी को संबोधित करते हुए कहा कि नेताओं और लोगों को यह लगता है कि वह समस्या को गिनाएंगे तो फंड मिलेगा. गौरवशाली इतिहास का गुणगान करने से उन्हें शायद सहायता न मिले, लेकिन मुझे गर्व है कि मैं बुंदेलखंड के निवासी हूं.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली के सफदरजंग मकबरे में मौका तो था वहां की गई लाइटिंग की व्यवस्था के शुभारंभ का, लेकिन यह मंच दो भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग का अखाड़ा बन गया. दिलचस्प बात है कि एक केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल थे, तो दूसरी नेता नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद मीनाक्षी लेखी. लेखी ने बुंदेलखंड के गौरवशाली इतिहास और वर्तमान की समस्या का जिक्र करते हुए वहां के लोगों को जिम्मेदार ठहराया तो पटेल को यह बात चुभ गई. उन्होंने मंच से ही लेखी और अन्य लोगों को बुंदेलखंड की सिर्फ समस्या नहीं, वहां के गौरवशाली इतिहास और वहां के लोगों के योगदान को भी याद रखने की नसीहत दे डाली.


Body:प्रहलाद पटेल ने कहा बुंदेलखंड के लगातार 700 वर्षों तक युद्ध करने का इतिहास रहा है. जिसने कभी हारा नहीं और मुगलों का भी गुलाम नहीं रहा. उन्होंने आगे कहा कि वहां के लोगों ने अपने इतिहास को आज भी संजो कर रखा है. इतिहास में साफ वर्णन है कि वहां के लोग किस तरह अपनी कमाई का 100वां हिस्सा दान में देते थे.
पर्यटक आज भी बुंदेलखंड घूमने जाते हैं तो वहां की वास्तुकला और धरोहरों से रूबरू होते हैं. पटेल यहीं नहीं रुके, उन्होंने मीनाक्षी लेखी को संबोधित करते हुए कहा कि नेताओं और लोगों को यह लगता है कि वह समस्या को गिनाएंगे तो फंड मिलेगा, गौरवशाली इतिहास का गुणगान करने से उन्हें शायद सहायता न मिले. लेकिन मुझे गर्व है कि मैं बुंदेलखंड के निवासी हूं.


Conclusion:दरअसल, सफदरजंग मकबरे में मकबरे के ऊपर एलइडी लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. दोनों नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे थे.
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