नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश लॉकडाउन है और एहतियातन सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. ऐसे में घर बैठे छात्र परिस्थिति को देखकर कोई मानसिक तनाव ना लें और कुछ नया सीख सकें. इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार कोई ना कोई गतिविधियां आयोजित कर रहा है. इसी कड़ी में जेएनयू की ओर से रामायण पर आधारित दो दिवसीय लीडरशिप कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. ये कार्यक्रम 2 और 3 मई को शाम 4 बजे से 6 बजे तक आयोजित किया जाएगा.
'राम सिखाते विपरीत परिस्थियों से जूझने की कला'
इसे लेकर जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि राम अपने आप में एक हैं जिनके जैसा दूसरा कोई नहीं. वह महान हैं, उनसे बड़ा कोई नहीं. वह निराकार हैं अनंत हैं. महात्मा गांधी ने इस बात पर जोर दिया था कि राम हमें सिखाते हैं कि कैसे विपरीत परिस्थितियां होने पर भी मनुष्य को सत्य, धर्म, एकता और न्याय पर बने रहना चाहिए.
'रामायण जीवन को एक बेहतर दिशा देने में मदद करता है'
वहीं प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि रामायण में बहुत सी ऐसी बातें हैं जिसे सीख कर हम अपना जीवन और बेहतर बना सकते हैं. खासतौर पर कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में, इसी को देखते हुए छात्र भी रामायण से सीख ले सकें और अपने अंदर बेहतर लीडरशिप क़्वालिटी विकसित कर सकें.
बता दें कि जेएनयू छात्र, स्टाफ और अन्य सदस्यों के लिए जेएनयू प्रशासन रामायण पर आधारित दो दिवसीय लीडरशिप कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. यह कार्यक्रम 2 और 3 मई को शाम 4 बजे से 6 बजे तक आयोजित किया जाएगा.