नई दिल्ली: भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उनके साथ उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और साथी माइकल क्रेमर को भी सम्मानित किया गया है.
बता दें कि अभिजीत बनर्जी ने 1983 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए किया था. वहीं उनको नोबेल पुरस्कार मिलने को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने इसे जेएनयू के लिए गर्व का पल बताया.
'यह पूरे जेएनयू के लिए खुशी का पल है'
वहीं अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिलने को लेकर जेएनयू के छात्रों में उत्साह का माहौल है. जेएनयू से एमए कर रहे छात्र शशिधर ने कहा कि यह गर्व की बात है कि मैं उसी सेंटर का छात्र हूं, जहां पर अभिजीत बनर्जी छात्र थे और आज उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि यह पूरे जेएनयू के लिए खुशी का पल है.
'जेएनयू के छात्रों का मनोबल बढ़ा है'
इसके अलावा एमए फर्स्ट ईयर के एक अन्य छात्र नीरज शास्त्री ने कहा कि यह पूरे जेएनयू के लिए खुशी का पल है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह नोबेल पुरस्कार मिलने से हम सभी जेएनयू के छात्रों का मनोबल बढ़ा है. साथ ही कहा कि इस अवार्ड के बाद अब जेएनयू का विश्व स्तर पर मान बढ़ेगा. शास्त्री ने कहा कि उन्होंने समाज के निचले तबके के लोगों की स्थिति को सुधारने के लिए काम किया था जो कि अपने आप में ही काबिले तारीफ है.
भारत का विश्व भर में मान-सम्मान और बढ़ेगा
वहीं छात्र सुब्रत साहू ने कहा कि उनको नोबेल पुरस्कार मिलने से केवल जेएनयू ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश का विश्व भर में मान-सम्मान और बढ़ेगा. उन्होंने ने कहा कि अभिजीत बनर्जी को यह पुरस्कार मिलने के बाद जेएनयू के छात्रों को एकेडमिक क्षेत्र में कार्य करने का और हौसला मिलेगा. बता दें कि इससे पहले वर्ष 1998 में अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिल चुका है.