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लॉकडाउन: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया माता की मूर्ति का विसर्जन - कोरोना वायरस का प्रकोप

लॉकडाउन और कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए इस बार रामनवमी सादगी से मनाया गया. इसी कड़ी में गांधी नगर इलाके से कुछ लोग माता की मूर्ति का विसर्जन करने पहुंचे. हालांकि इन लोगों ने माता के जागरण और भंडारे को जरूर कैंसिल कर दिया.

idol of mother flon in yamuna river with social distancing
मूर्ति विसर्जन
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Published : Apr 2, 2020, 9:00 PM IST

नई दिल्लीः कोरोना वायरस का प्रकोप रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन का सीधा असर धार्मिक अनुष्ठानों पर भी देखने को मिल रहा है. रामनवमी हो या फिर कोई और त्यौहार सबकुछ लॉकडाउन की वजह से सादगी से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में गांधी नगर इलाके से कुछ लोग माता की मूर्ति का विसर्जन करने पहुंचे. हालांकि इन लोगों ने माता के जागरण और भंडारे को जरूर कैंसिल कर दिया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन लोगों ने यमुना घाट पर माता की मूर्ति का विसर्जन किया.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया माता की मूर्ति का विसर्जन

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए ही प्रधानमंत्री ने देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया और जिसकी वजह से उन सभी धार्मिक स्थलों को भी उसमें शामिल किया गया. जहां पांच से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटने का अंदेशा था. लॉकडाउन के चलते किसी भी तरह के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं है. इसी के चलते की धार्मिक अनुष्ठान भी पूरी तरह से कैंसल कर दिए गए हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

माता की मूर्ति के विसर्जन के दौरान नियमों के पूरा ख्याल रखा गया और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही इस मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया गया. इस बात का भी ख्याल रखा गया कि विसर्जन के दौरान सिर्फ चार लोग ही वहां पर मौजूद हो. वह सभी दूरी बनाकर मूर्ति को पकड़ें और विसर्जन करें. हालांकि विसर्जन के दौरान घाट पर मौजूद बच्चों का समूह प्रसाद लेने के लिए इकट्ठा हो गया था.

जागरण और भंडारा कैंसल

विसर्जन के लिए पहुंचे संगठन के पदाधिकारी ने बताया कि हर साल वे लोग जागरण और भंडारे का भी आयोजन करते रहे हैं. क्योंकि इस बार लॉकडाउन है इसका ख्याल रखते हुए जागरण और भंडारे को कैंसिल कर दिया. वहीं लॉकडाउन की असर की बात करें तो भले ही इसका प्रभाव धार्मिक आनुष्ठानों पर पड़ा हो, लेकिन कुछ जगहों पर आस्था लॉकडाउन पर हावी होते दिखाई दी.

नई दिल्लीः कोरोना वायरस का प्रकोप रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन का सीधा असर धार्मिक अनुष्ठानों पर भी देखने को मिल रहा है. रामनवमी हो या फिर कोई और त्यौहार सबकुछ लॉकडाउन की वजह से सादगी से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में गांधी नगर इलाके से कुछ लोग माता की मूर्ति का विसर्जन करने पहुंचे. हालांकि इन लोगों ने माता के जागरण और भंडारे को जरूर कैंसिल कर दिया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन लोगों ने यमुना घाट पर माता की मूर्ति का विसर्जन किया.

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया माता की मूर्ति का विसर्जन

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए ही प्रधानमंत्री ने देशभर में लॉकडाउन का ऐलान किया और जिसकी वजह से उन सभी धार्मिक स्थलों को भी उसमें शामिल किया गया. जहां पांच से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटने का अंदेशा था. लॉकडाउन के चलते किसी भी तरह के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं है. इसी के चलते की धार्मिक अनुष्ठान भी पूरी तरह से कैंसल कर दिए गए हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग का रखा ख्याल

माता की मूर्ति के विसर्जन के दौरान नियमों के पूरा ख्याल रखा गया और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही इस मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया को पूरा किया गया. इस बात का भी ख्याल रखा गया कि विसर्जन के दौरान सिर्फ चार लोग ही वहां पर मौजूद हो. वह सभी दूरी बनाकर मूर्ति को पकड़ें और विसर्जन करें. हालांकि विसर्जन के दौरान घाट पर मौजूद बच्चों का समूह प्रसाद लेने के लिए इकट्ठा हो गया था.

जागरण और भंडारा कैंसल

विसर्जन के लिए पहुंचे संगठन के पदाधिकारी ने बताया कि हर साल वे लोग जागरण और भंडारे का भी आयोजन करते रहे हैं. क्योंकि इस बार लॉकडाउन है इसका ख्याल रखते हुए जागरण और भंडारे को कैंसिल कर दिया. वहीं लॉकडाउन की असर की बात करें तो भले ही इसका प्रभाव धार्मिक आनुष्ठानों पर पड़ा हो, लेकिन कुछ जगहों पर आस्था लॉकडाउन पर हावी होते दिखाई दी.

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