नई दिल्ली: सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के नाम पट्ट के आगे से गुर्जर शब्द को हटाये जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद नहीं थम रहा है. गुर्जर समाज ने खट्टर सरकार की आलोचना की है. गुर्जर समाज के वरिष्ट लोगों ने बताया कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज के नाम पर जो राजनीति शुरू हुई है वो न सिर्फ गुर्जर समाज के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ है, बल्कि गुर्जर समाज के इतिहास को नकारने की भी साजिश है.
सम्राट मिहिर भोज के आदर्शों के अनुसरण करते हुए गुर्जर समाज ने हमेशा एक योद्धा होना और सामाजिक न्याय के लिए खड़े होना स्वीकार किया है, लेकिन दुर्भाग्य से किसी भी सरकार और कुछ इतिहासकारों ने गुर्जर समाज की एक अलग छवि बनाने की कोशिश की है. जिसको लेकर समाज के सभी सम्मानित सदस्यों आज सम्राट मिहिर भोज जी के साथ गुर्जर शब्द हटाने से, हमसे हमारा आत्मसम्मान और हमारा वजूद छीनने का प्रयास है.
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रोमी भाटी गुर्जर ने गुर्जर समाज से ये अपील की कि खट्टर सरकार के इस फैसले के खिलाफ गुर्जर समाज बीजेपी और खट्टर सरकार के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की जाए. सर्व गुर्जर समाज से निवेदन है कि आज और अभी से बीजेपी को दिया गया हर तरह का समर्थन वापस लिया जाए और इतिहास से छेड़छाड़ करने वाले चापलूस प्रतिनिधियों को भी समाज से बहिष्कृत किया जाए.
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