नई दिल्ली: छठ पूजा को लेकर साउथ दिल्ली के सबसे बड़े तालाब की सफाई में वन विभाग जुटा है. दिल्ली में छठ पूजा की तैयारी इस बार दीपावली के पहले से ही देखी जा रही है. बहरहाल छठ घाट पूजा के लिए तमाम डिपार्टमेंट ने अभी से अपना काम करना शुरू कर दिया है. यह तस्वीर है नेब सराय इलाके के एक तालाब की है. ये दक्षिणी दिल्ली का यह सबसे बड़ा तालाब है.
त्योहारों के समय इस तालाब की सफाई की जाती है, लेकिन उसके बाद फिर इस तालाब में इतना मलवा लोग डाल देते हैं कि फिर से यह गंदा हो जाता है. इस बार फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा इसे हमेशा साफ रखने की खास तैयारी की जा रही है.
तस्वीर में आप देख सकते हैं इस तालाब को साफ करने के लिए तालाब में नाव को उतारा गया है और नाव द्वारा पूरे तालाब की सफाई की जा रही है. सफाई का कार्य कई दिनों से चल रहा है और काफी हद तक इसकी गंदगी को साफ भी कर दिया गया है. इस तालाब की सफाई छठ पूजा के मद्देनजर की जा रही है.
पर्यटन को ध्यान में रखकर की जा रही तालाब की सफाईः आने वाले दिनों में यहां फिर से गंदगी ना हो इसके लिए फॉरेस्ट विभाग तालाब को साफ और सुंदर बनाने के लिए पहले से तैयारी मेंं जुटा है. छठ पूजा के बाद इस तालाब के चारों तरफ बॉउंड्री बनाई जाएगी. साथ ही यहां तालाब के चारों तरफ किनारे पर टाइल्स लगाई जाएगी. यही नहीं और भी यहां सौंदर्यकरण का कार्य वन विभाग द्वारा किया जायेगा. साथ ही यहां चार गेट बनाये जायेंगे औऱ वहाँ पर सुरक्षा गार्ड मौजूद रहेंगे ताकि तालाब में कोई भी कूड़ा -कचड़ा ना फेंक सके.
तालाब का चारों तरफ से सौंदर्यीकरण किया जाएगाः साथ ही साथ तालाब के चारों तरफ सौंदर्य करण किया जाएगा और सुन्दर सुन्दर लाइटें लगाई जाएंगी . जिसके कारण लोग यहां घूमने और सैर करने के लिए आ पाएंगे. यह तालाब प्राकृतिक खूबसूरती को लेकर बेहद खास है क्चायोंकि ये चारो तरफ ये जंगल से घिरा हुआ है.बदलते मौसम में जो विदेशी परिंदे भारत की तरफ आते हैं वे इस तालाब के आसपास समान्यतः दिख जाते हैं.
तालाब की वजह से पूरे इलाके का वाटर लेवल भी रहता है मेंटेनः इसके अलावा दिल्ली में जिस तरह प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में ऐसी प्राकृतिक धरोहर को बचाना बेहद जरूरी है. साथ ही तालाब के इस पानी की वजह से पूरे इलाके का वाटर लेवल बाकी जगह से काफी सामान्य रहता है. बहरहाल छठ पूजा के नाम पर ही सही इस तालाब को एक बार फिर स्वच्छ करने की तैयारी की जा रही है. यह काम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा किया जा रहा है.