नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. वायरस को कंट्रोल करने और इससे निपटने के लिए लगातार नई रणनीतियां बनाई जा रही हैं. दिल्ली में सीरो सर्वे के 2 चरण पूरे किए जा चुके हैं. कोरोना वायरस के चलते अस्पतालों में मरीजों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है. इन्हीं सब मुद्दों पर ईटीवी भारत ने सफदरजंग अस्पताल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अनूप कुमार गुप्ता से बात की.
डॉ. अनूप गुप्ता का कहना है कि भारत सरकार ने सही समय पर लॉकडाउन का फैसला लिया, जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण काफी हद तक कंट्रोल हुआ. डॉ गुप्ता का ये भी मानना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कोरोना वायरस के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठा रहे हैं और कोरोना को रोकने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
साथ ही लोगों को आगाह करते हुए डॉ. अनूप गुप्ता ने कहा-
बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलें. अगर इमरजेंसी में घर से कोई बाहर निकलता है, तो मास्क जरूर पहनें. सभी सावधानियां बरतते हुए सरकार द्वारा बताई गई गाइडलाइंस का पालन करें.
डॉ. गुप्ता ने सीरोलॉजिकल सर्वे के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि सीरो सर्वे एक तरह का कैंपेन है, जिसमें तैनात टीमें चुनिंदा इलाकों में जाती हैं. वहां ये टीमें लोगों के ब्लड सैंपल्स कलेक्ट करती हैं. इन सैंपल्स की जांच के नतीजों के आधार पर ये पता चलता है कि कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज़ किस तरह डिवेलप हो रही हैं और उनके डिवेलप होने की दर क्या है? ब्लड सैंपल की जांच करके आधे घंटे में ये पता लगाया जाता है कि जिस व्यक्ति का सैंपल लिया गया है, उसके अंदर हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है या नहीं.
'सीरो सर्वे से मिलेगी मदद'
डॉ अनूप गुप्ता ने बताया कि सीरो सर्वे से एंटीबॉडीज की जांच करके ये पता लगाया जा रहा है कि दिल्ली में कौन-कौन से ऐसे इलाके हैं और ऐसी कितनी आबादी है, जहां लोगों को कोरोना हुआ, मगर वो अपने आप ठीक भी हो गए. इससे वायरस के प्रसार और उसकी क्षमता का पता लगाने में भी मदद मिलेगी.