नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार को लेकर आम आदमी की क्या राय है. इसका जायजा लेने के लिए ईटीवी मोहल्ला कार्यक्रम के तहत छतरपुर विधानसभा के अंतर्गत दुर्गा आश्रम कॉलोनी के लोगों से खास बातचीत की गई.
ईटीवी मोहल्ला कार्यक्रम के दौरान ईटीवी भारत की टीम छतरपुर विधानसभा इलाके में पहुंची. दुर्गा आश्रम इसी इलाके के अंतर्गत आता है. दुर्गा आश्रम के निवासियों से हुई बातचीत ने आम आदमी पार्टी के किए जा रहे सभी दावों की पोल खोलकर रख दी.
'केजरीवाल के दावे खोखले'
स्थानीय निवासियों ने आम आदमी पार्टी के सभी दावों को खोखला बताया है. उनका आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने न ही कोई नाली बनवाई और न ही पानी के निकास की कोई दूसरी व्यवस्था की. साथ ही कहा कि सीवर बनवाने के दावे बस पोस्टर तक ही सीमित रहे, हकीकत में आजतक तब्दील नहीं हो पाए.
'मिलते हैं सिर्फ कोरे वादे'
एक दूसरे निवासी ने आरोप लगाया कि पांच साल के कार्यकाल में सिर्फ 6 महीने ही पानी आया है. साथ ही मीटर भी नहीं लगाया जा रहा है. जिससे स्थानीय निवासी विधायक से पूरी तरह असंतुष्ट हैं. उनका कहना है कि जब भी विधायक जी को समस्या से रूबरू करवाया जाता है तो वो बस कोरे वादे कर वापस लौटा देते हैं. उनके पास इतनी फुरसत नहीं होती कि वे एक बार आकर इलाके का जायजा ले सकें.
विधायक ने नहीं ली कोई सुध
कई स्थानीय निवासी विधायक से खासे नाराज दिखें. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार ने वोट मांगते समय जितने वादे किए थे, वे सब हवा-हवाई निकले. न सड़कें बनी, न सीसीटीवी कैमरे लगे, न ही पानी का कोई निकास बना. आलम यह है कि जब पानी आता है तो बिजली काट दी जाती है और बिजली रहती है तो पानी नहीं आता. एक स्थानीय निवासी ने तो विधायक महोदय पर चुटकी लेते हुए कहा कि इन विधायक महोदय ने कभी इलाके के लोगों की सुध ही नहीं ली. जबकि कम से कम पुराने विधायक कभी-कभी दर्शन तो दे दिया करते थे.
'फ्री यात्रा सिर्फ वोट बटोरने का स्टंट'
डीटीसी और मेट्रो सेवा फ्री करने को लेकर आम जनता का कहना है कि जब लोगों को मूलभूत सुविधाएं ही मुहैया नहीं करवाई जा सकती तो बस में यात्रा फ्री करने का क्या फायदा है. वहीं महिला निवासियों ने फ्री बस सेवा को गलत फैसला बताया है और कहा कि यह सरकार का केवल वोट बटोरने का स्टंट है.
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि उनके इलाके में मोहल्ला क्लीनिक भी उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि इलाके में कोई अस्पताल नहीं होने से प्राथमिक उपचार के लिए भी लोगों को बहुत दूर जाना पड़ता है. निवासियों का कहना है कि उनका इलाका सबसे उपेक्षित इलाका है. जहां सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं किया है.