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रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 2.68 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रविवार को तमिलनाडु के 28 लोगों को नौकरी का वादा करके 2.68 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

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Published : Feb 5, 2023, 11:03 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौकरी दिलाने के नाम पर 2.68 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. दोनों ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर तमिलनाडु के 28 व्यक्तियों से 2.68 करोड़ रुपये की ठगी की थी. यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि तमिलनाडु के कोयम्बटूर के रहने वाले शिवरामन वी को यहां महादेव मार्ग पर सरकारी नौकर क्वार्टर से और उसके साथी विकास राणा को दार्जिलिंग से गिरफ्तार किया गया. विकास राणा प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में एक शैक्षिक सहायक के रूप में काम करता था, लेकिन उसने मार्च 2022 में नौकरी छोड़ दी थी. पुलिस ने बिहार के रहने वाले 35 वर्षीय सतेंद्र दुबे की पहचान गिरोह के सरगना के रूप में की है. वह दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के उत्तम नगर में रहता था.

  • Delhi Police Economic Offences Wing busted a railway job scam racket and arrested two men Sivaraman V & Vikas Rana who duped innocent people for providing jobs in railways: EOW

    — ANI (@ANI) February 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पुलिस ने कहा कि दुबे अपने 24 वर्षीय साथी राहुल चौधरी के साथ फरार है. राणा ने ऑनलाइन लेनदेन के साथ-साथ नकद में एक सुब्बुसामी से धोखाधड़ी की राशि प्राप्त की. अधिकारी ने कहा कि राणा पैसे लेने के लिए पीड़ितों से हमेशा बाहर मिलते थे और उन्हें कभी भी किसी रेलवे भवन के अंदर नहीं ले गए. अधिकारी ने कहा कि बाद में 20 और लोग उनके साथ जुड़ गए और इसके शिकार हो गए. सभी पीड़ितों की जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए और साक्ष्य के रूप में दस्तावेज एकत्र किए गए, जिसके आधार पर शिवरामन को मामले में गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ेंः नोए़डाः रेप पीड़िता ने वीडियो जारी कर जांच अधिकारी पर लगाया दबाव बनाने का आरोप

अधिकारियों ने बताया कि राणा को 40 लाख रुपये जबकि शिवरामन को 8 लाख रुपये मिले, उसने अपने परिवार और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों पर खर्च किया. बताया कि हम अभी तक मास्टरमाइंड और उसके गुर्गों को नहीं पकड़ पाए हैं. टीम इसकी भी जांच कर रही है कि क्या कोई रेलवे कर्मचारी भी साजिश में शामिल था.

ये भी पढ़ेंः हनी ट्रैप में फंसाकर वसूली करने वाले नकली पुलिसकर्मियों के गैंग का भंडाफोड़

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने नौकरी दिलाने के नाम पर 2.68 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. दोनों ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर तमिलनाडु के 28 व्यक्तियों से 2.68 करोड़ रुपये की ठगी की थी. यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी.

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि तमिलनाडु के कोयम्बटूर के रहने वाले शिवरामन वी को यहां महादेव मार्ग पर सरकारी नौकर क्वार्टर से और उसके साथी विकास राणा को दार्जिलिंग से गिरफ्तार किया गया. विकास राणा प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में एक शैक्षिक सहायक के रूप में काम करता था, लेकिन उसने मार्च 2022 में नौकरी छोड़ दी थी. पुलिस ने बिहार के रहने वाले 35 वर्षीय सतेंद्र दुबे की पहचान गिरोह के सरगना के रूप में की है. वह दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के उत्तम नगर में रहता था.

  • Delhi Police Economic Offences Wing busted a railway job scam racket and arrested two men Sivaraman V & Vikas Rana who duped innocent people for providing jobs in railways: EOW

    — ANI (@ANI) February 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पुलिस ने कहा कि दुबे अपने 24 वर्षीय साथी राहुल चौधरी के साथ फरार है. राणा ने ऑनलाइन लेनदेन के साथ-साथ नकद में एक सुब्बुसामी से धोखाधड़ी की राशि प्राप्त की. अधिकारी ने कहा कि राणा पैसे लेने के लिए पीड़ितों से हमेशा बाहर मिलते थे और उन्हें कभी भी किसी रेलवे भवन के अंदर नहीं ले गए. अधिकारी ने कहा कि बाद में 20 और लोग उनके साथ जुड़ गए और इसके शिकार हो गए. सभी पीड़ितों की जांच की गई और उनके बयान दर्ज किए गए और साक्ष्य के रूप में दस्तावेज एकत्र किए गए, जिसके आधार पर शिवरामन को मामले में गिरफ्तार किया गया.

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अधिकारियों ने बताया कि राणा को 40 लाख रुपये जबकि शिवरामन को 8 लाख रुपये मिले, उसने अपने परिवार और स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों पर खर्च किया. बताया कि हम अभी तक मास्टरमाइंड और उसके गुर्गों को नहीं पकड़ पाए हैं. टीम इसकी भी जांच कर रही है कि क्या कोई रेलवे कर्मचारी भी साजिश में शामिल था.

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