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केजरीवाल के सपनों पर फिर सकता है पानी, 2019 में '30 लाख' लोग करेंगे AAP का बहिष्कार! - dtc employees

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक हैं. बीते 3 महीने से धरने पर बैठे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंधित कर्मचारियों ने लोकसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार को 30 जनवरी तक मांगों पर गौर करने का आखिरी समय दिया है. दावा है कि इसके बाद कर्मचारी बहिष्कार करने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रचार भी करेंगे.

केजरीवाल के सपनों पर फिर सकता है पानी, 2019 में '30 लाख' लोग करेंगे AAP का बहिष्कार!
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Published : Feb 6, 2019, 11:31 AM IST

Updated : Feb 6, 2019, 2:27 PM IST

शनिवार को कर्मचारियों ने बताया कि गुप्त मीटिंग के जरिए यह तय किया गया है कि डीटीसी के कर्मचारी आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी का साथ नहीं देंगे. इसमें न सिर्फ डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारी बल्कि परमानेंट कर्मचारियों के साथ होने की बात भी कही गई है. कर्मचारियों के गणित के मुताबिक, ऐसे में पार्टी का 30 लाख का वोटबैंक प्रभावित होगा.

डीटीसी कॉन्ट्रक्चुअल एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष वाल्मिकी झा ने बताया कि बीते 3 महीने से धरने पर बैठे कर्मचारियों की मांगों पर आज की तारीख तक कोई सुनवाई नहीं की गई है.

2019 में दिल्ली के '30 लाख' लोग करेंगे AAP का बहिष्कार!
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अभी के समय में कर्मचारियों ने एकमत यह फैसला किया है कि 30 जनवरी तक केजरीवाल सरकार के कर्मचारियों की मांग नहीं मानती है तो लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी का बहिष्कार किया जाएगा.

ऐसे में न सिर्फ बहिष्कार होगा बल्कि कर्मचारी उस पार्टी का समर्थन भी करेंगे जो डीटीसी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करेगा.

बता दें कि धरने पर बैठे कर्मचारियों की मुख्य मांगों में कर्मचारियों को पक्का करने और समान काम समान वेतन की मांग की मुख्य है.

इनका कहना है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाना चाहिए. साथ ही, आंदोलन के दौरान नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से वापस बुलाया जाना चाहिए.

शनिवार को कर्मचारियों ने बताया कि गुप्त मीटिंग के जरिए यह तय किया गया है कि डीटीसी के कर्मचारी आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी का साथ नहीं देंगे. इसमें न सिर्फ डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारी बल्कि परमानेंट कर्मचारियों के साथ होने की बात भी कही गई है. कर्मचारियों के गणित के मुताबिक, ऐसे में पार्टी का 30 लाख का वोटबैंक प्रभावित होगा.

डीटीसी कॉन्ट्रक्चुअल एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष वाल्मिकी झा ने बताया कि बीते 3 महीने से धरने पर बैठे कर्मचारियों की मांगों पर आज की तारीख तक कोई सुनवाई नहीं की गई है.

2019 में दिल्ली के '30 लाख' लोग करेंगे AAP का बहिष्कार!
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अभी के समय में कर्मचारियों ने एकमत यह फैसला किया है कि 30 जनवरी तक केजरीवाल सरकार के कर्मचारियों की मांग नहीं मानती है तो लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी का बहिष्कार किया जाएगा.

ऐसे में न सिर्फ बहिष्कार होगा बल्कि कर्मचारी उस पार्टी का समर्थन भी करेंगे जो डीटीसी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करेगा.

बता दें कि धरने पर बैठे कर्मचारियों की मुख्य मांगों में कर्मचारियों को पक्का करने और समान काम समान वेतन की मांग की मुख्य है.

इनका कहना है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाना चाहिए. साथ ही, आंदोलन के दौरान नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से वापस बुलाया जाना चाहिए.

Intro:नई दिल्ली:
बीते 3 महीने से धरने पर बैठे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंधित कर्मचारियों ने लोकसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार को 30 जनवरी तक मांगों पर गौर करने का आखिरी समय दिया है. दावा है कि इसके बाद कर्मचारी बहिष्कार करने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रचार भी करेंगे.


Body:शनिवार को कर्मचारियों ने बताया कि गुप्त मीटिंग के जरिए यह तय किया गया है कि डीटीसी के कर्मचारी आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी का साथ नहीं देंगे. इसमें न सिर्फ डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारी बल्कि परमानेंट कर्मचारियों के साथ होने की बात भी कही गई है. कर्मचारियों के गणित के मुताबिक, ऐसे में पार्टी का 30 लाख का वोटबैंक प्रभावित होगा.

डीटीसी कॉन्ट्रक्चुअल एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष वाल्मिकी झा ने बताया कि बीते 3 महीने से धरने पर बैठे कर्मचारियों की मांगों पर आज की तारीख तक कोई सुनवाई नहीं की गई है. अभी के समय में कर्मचारियों ने एकमत यह फैसला किया है कि 30 जनवरी तक केजरीवाल सरकार के कर्मचारियों की मांग नहीं मानती है तो लोकसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी का बहिष्कार किया जाएगा. ऐसे में न सिर्फ बहिष्कार होगा बल्कि कर्मचारी उस पार्टी का समर्थन भी करेंगे जो डीटीसी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करेगा.

बता दें कि धरने पर बैठे कर्मचारियों की मुख्य मांगों में कर्मचारियों को पक्का करने और समान काम समान वेतन की मांग की मुख्य है. इनका कहना है कि डीटीसी का निजीकरण तुरंत बंद किया जाना चाहिए. साथ ही, आंदोलन के दौरान नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से वापस बुलाया जाना चाहिए.


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Last Updated : Feb 6, 2019, 2:27 PM IST

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