नई दिल्ली: दिल्ली में वर्ष 2019 में सड़क हादसों को कम करने में ट्रैफिक पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली और उन्होंने लगभग 200 लोगों की जान बचाई. मौत के इस आंकड़े को और कम करने के लिए 2020 में ट्रैफिक पुलिस 96 नये स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाने जा रही है. इसके लिए जगहों को चिन्हित कर लिया गया है. जल्द ही इसके लिए ट्रैफिक पुलिस टेंडर निकालने जा रही है.
सीसीटीवी से हुए 45 लाख चालान
ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केवल 100 जगहों पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की मदद से ट्रैफिक पुलिस ने वर्ष 2019 में 45 लाख से ज्यादा चालान किये हैं. यह कैमरे तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने, रेड लाइट जम्प करने एवं जेब्रा क्रासिंग का उल्लंघन करने वालों का चालान करते हैं. जिन जगहों पर यह कैमरे लगाए गए हैं, वहां लोग अब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से बचते हैं. इसकी वजह से वहां सड़क हादसों में कमी आई है.
96 स्पीड डिटेक्टर कैमरे जल्द लगाए जाएंगे
ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी योजना ज्यादा से ज्यादा स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाने की है. इससे जहां आसानी से चालान होते हैं तो वहीं इसके लिए उन्हें ट्रैफिक पुलिस के जवानों को नहीं लगाना पड़ता. इसलिए जल्द ही 96 नये स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाने की योजना है. इनके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है. अब इसके लिए ट्रैफिक पुलिस टेंडर निकालेगी और जिसे टेंडर मिलेगा, वह इन कैमरों को लगाएगा.
ऐसे काम करता है स्पीड डिटेक्टर कैमरा
दिल्ली में लगाया गया स्पीड डिटेक्टर कैमरा सामने से आने वाले वाहनों की रफ्तार को नापता है. अगर उसकी रफ्तार तय गति से तेज होती है तो इसकी जानकारी वह सर्वर पर फोटो सहित भेज देता है. सर्वर पर सभी गाड़ी मालिकों की जानकारी मौजूद है. वह मैसेज भेजकर गाड़ी चालक को बताता है कि उसने ट्रैफिक नियम तोड़ा है. इसलिए उसका चालान हुआ है. उसे एक लिंक भेजा जाता है जिसके जरिये वह चालान का भुगतान कर सकता है.