नई दिल्ली: केरल में ड्यूटी के दौरान मरीज द्वारा एक महिला डॉक्टर की हत्या के विरोध में देश भर के डॉक्टरों में भारी रोष है. कार्यस्थल पर इस प्रकार की घटनाओं से डॉक्टरों में दहशत का माहौल है. मृत डॉक्टर की आत्मा की शांति और डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग के लिए देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स, सफदरजंग और आरएमएल समेत कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाला.
एम्स आरडीए के अध्यक्ष डॉक्टर विनय कुमार ने बताया कि मरीज द्वारा डॉक्टर की हत्या जैसे जघन्य अपराध होते हुए देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. आरोपी को केरल पुलिस तालुक अस्पताल, कोट्टारक्करा, कोल्लम में मेडिकल जांच के लिए लेकर आई थी. इलाज के दौरान ही उसने एक लेडी डॉक्टर पर सर्जिकल ब्लेड से जानलेवा हमला कर दिया, जिससे उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई.
फेमा के नेशनल चेयरमैन डॉ. रोहन कृष्णन ने बताया कि इस घटना ने पूरे देश में डॉक्टर समुदाय को झकझोर कर रख दिया है. वह एक युवा नवोदित डॉक्टर, एक हाउस सर्जन थी, जो समुदाय की सेवा कर रही थी. अपना कर्तव्य निभा रही थी. उसे उन पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में ही मार डाला गया, जिनके पास पीड़िता को हथकड़ी लगाने की बुनियादी समझ नहीं थी.
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डॉ. विनय कुमार ने कहा कि आरडीए, एम्स इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है और किसी भी तरह की हिंसा या किसी भी डॉक्टर के खिलाफ उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा है. हम हमलावर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं. हम केरल सरकार से अनुरोध करते हैं कि अपराधी पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करते हुए कठोर सजा सुनिश्चित की जाए. आरडीए केरल पुलिस से उन दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की भी मांग करता है, जिन्होंने अपने कर्तव्य में लापरवाही दिखाई और इस अपराध को नियंत्रित करने में असफल रहे.
डॉ. दशरथ सिंह ने कहा कि कई मौकों पर डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की ऐसी क्रूर घटनाएं देखना बहुत निराशाजनक है. सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. इससे मरीजों और डॉक्टरों के बीच रिश्ते सुधरेंगे और अस्पतालों में एक अच्छा माहौल पैदा होगा. इसके लिए जरूरी है कि डॉक्टरों की सुरक्षा को कानूनी दायरे में लाया जाए. काफी समय से डॉक्टर समुदाय मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहा है. इस एक्ट को लागू करने का यही सही समय है.