नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली नगर निगम के स्कूलों की सुरक्षा के मामले में दिल्ली नगर निगम आयुक्त को समन जारी किया है. आयोग ने दिल्ली के प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की सुरक्षा की स्थिति की जांच शुरू की है और इस संबंध में मई 2022 में आयोग ने दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित चार प्राथमिक विद्यालयों का दौरा किया था. टीम ने स्कूल भवनों का निरीक्षण किया और साथ ही छात्रों, शिक्षकों और स्कूल के अन्य कर्मचारियों के साथ बातचीत की. निरीक्षण के दौरान आयोग द्वारा कई स्पष्ट अनियमितताएं और कमियां देखी गईं. इसलिए आयोग ने 23 मई को नगर निगम आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी. इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे में नगर निगम द्वारा उठाए गए तत्काल कदमों की विस्तृत जानकारी देने के बजाय, निगम ने आयोग से अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए दो महीने का समय मांगा है और देरी के लिए हाल ही में हुए तीनों नगर निगमों के एकीकरण का हवाला दिया है.
DCW ने अब नगर निगम आयुक्त को समन जारी कर फाइल की कॉपी मांगा
आयोग ने अब नगर निगम आयुक्त को समन जारी कर विस्तृत जवाब देने के साथ-साथ उस फाइल की कॉपी मांगी है, जिस पर आयोग द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. आयोग ने अपने समन में कहा है कि नगर निगम स्कूलों में खतरनाक परिस्थितियों में पढ़ने वाली छात्राओं सहित लाखों छात्रों को गंभीर खतरे का सामना करने के बावजूद नगर निगम इतनी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने में विफल रहा है.
कार्रवाई नहीं होने से आयोग ने नाराजगी व्यक्त की
आयोग ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि विभाग ने अभी तक आयोग द्वारा दौरा किए गए स्कूलों की दयनीय स्थिति में सुधार के लिए गंभीर कदम नहीं उठाए हैं. आयोग ने कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि नगर निगम इन स्कूलों की निराशाजनक और असुरक्षित स्थितियों को सुधारने के लिए गंभीर नहीं है और मांगी गई जानकारी देने में नगर निगम की विफलता निगम में गंभीर प्रशासनिक कुप्रबंधन और दुखद स्थिति को दर्शाता है. आयोग ने अपने समन में कहा है कि नगर निगम स्कूलों में व्याप्त कमियों को सुधारने में किसी भी तरह की देरी के लिए निगम आयुक्त का कार्यालय घोर आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार होगा.
नौ जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन किया
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह बहुत ही चकित करने वाला है कि हमारी रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई के बजाय, दिल्ली नगर निगम ने प्राथमिक छात्रों की सुरक्षा की तरफ से आंखें मूंद ली है. नगर निगम के अधिकारियों की उदासीनता ने लाखों बच्चों की जान दांव पर लगा दी है और अब आयोग को जवाब देने के लिए दो महीने का समय मांगा है. गलत प्रबंधन और लापरवाही के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता है और हम नगर निगम को ऐसे नहीं जाने देंगे. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने निगम आयुक्त को मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ संबंधित फाइलों और दस्तावेजों के साथ 09 जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए समन किया है.
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