नई दिल्ली: दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने अलीपुर में 16 लाख की लूट का सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए दो लुटेरों को पकड़ा है. गिरफ्तार लुटेरों के कब्जे से पुलिस टीम ने 1 देसी पिस्तौल और 72 हजार रुपए नकदी बरामद की है. फिलहाल इस संबंध में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है. हालांकि, जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपियों के ऊपर पहले से ही 3 हत्या के मामले सहित 7 अपराधिक मामले दर्ज है.
क्राइम ब्रांच विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि शिकायतकर्ता दीपांशु ने दिल्ली के थाना अलीपुर में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनकी कंपनी मोविक फास्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर 22 रोहिणी में है. वह अपने दोस्त आसाराम के साथ नरेला और आसपास के क्षेत्र में अपने बिजनेस से जुड़े पैसे को इकट्ठा कर रहे थे. अलग-अलग जगह से उन्होंने करीब 16 लाख रुपए दो बैग में भर रखे थे. दोपहर करीब 1:20 बजे जब वह वापस जा रहे थे तो होलंबी कला चौक के पास एक सिगरेट की दुकान पर रुके. इस दौरान दो बदमाशों ने बंदूक की नोक पर 16 लाख रुपए लूट कर अपनी बाइक से फरार हो गए.
अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच एसीपी नरेंद्र सिंह ने इंस्पेक्टर संदीप स्वामी की देखरेख में टीम का गठन किया. इसमें एसआई प्रदीप दहिया, एएसआई अशोक, सुनील, प्रीतम, हैड कॉन्स्टेबल कपिल, कांस्टेबल सुमित को शामिल किया गया. टीम ने जांच शुरू की तो पता चला कि लुटेरे की बोली हरियाणवी भाषा की थी. छानबीन के दौरान कांस्टेबल सुमित को एक गुप्त सूचना मिली कि डकैती के मामले में शामिल आरोपी दिल्ली आने वाले हैं.
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इस सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने आर्य समाज अखाड़ा बैंकर दिल्ली के पास जाल बिछाया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपित व्यक्तियों की पहचान लक्ष्य और हिमांशु के रूप में की गई है, दोनों हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पूछताछ के दौरान इन्होंने खुलासा किया कि वह सोनीपत जेल में बंद थे, जहां उनकी अंकित नाम के लड़के से मुलाकात हुई, सोनीपत जेल से रिहा होने के बाद अंकित उर्फ माया ने उससे संपर्क किया और बताया कि उसे अत्याधुनिक हथियार खरीदने के लिए पैसे की जरूरत है. इसके बाद लक्ष्य ने अपने गांव के हिमांशु से संपर्क साधा और इस घटना को अंजाम दिया.
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