नई दिल्ली: दिल्ली क्राइम ब्रांच इंटरस्टेट सेल की टीम ने दिल्ली से मोबाइल फोन चोरी कर नेपाल में भेजने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी के साथ अपराध में इस्तेमाल एक कार और 70 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. इसके साथ ही करीब 31 मामलों को सुलझा लिया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ग्रुप के मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. आरपियों की पहचान संदीप, मोहम्मद चमन, राधेश्याम मिश्रा, अरमान अंसारी, सरबजीत सिंह, रियाज और राहुल के रूप में की गई है.
दिल्ली क्राइम राज्य विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच इंटरस्टेट सेल की टीम चोरी के मोबाइल फोन की बिक्री और खरीद में शामिल विशिष्ट ग्रुप पर काम कर रही थी. ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया. जांच में यह पता चला कि गिरोह के सदस्य नई दिल्ली के करोल बाग रोड इलाके में सक्रिय थे और अपने सहयोगियों से चोरी के फोन खरीदते थे.
खुफिया जानकारी के आधार पर टीम ने एक सरगना संदीप की पहचान की, जो थोक में चोरी के फोन खरीदा था और फिर अपने ज्ञात के माध्यम से मोबाइल फोन नेपाल भेजता था. संदीप 40-50 फोन की संख्या में चोरी के मोबाइल फोन नेपाल भेज चुका था और फिर नेपाल में उसके रिसीवर मोबाइल फोन को प्राप्त करके पैसे भेजते थे. यह ग्रुप दिल्ली एनसीआर से मोबाइल फोन चोरी कर नेपाल भेज दिया करता था. अब तक इस गैंग ने 700 से अधिक मोबाइल फोन नेपाल भेजे है.
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इसके बाद क्राइम ब्रांच ने संदीप को उसके दो सहयोगी मोहम्मद चमन और राधेश्याम के साथ आनंद विहार बस टर्मिनल से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी संदीप और मोहम्मद चमन के कब्जे से 30 मोबाइल फोन बरामद किए गए, जबकि आरोपी राधेश्याम के पास से चोरी के 16 एप्पल मोबाइल फोन बरामद किए गए. पूछताछ के दौरान आरोपी संदीप सिंह ने खुलासा किया कि उसने पिछले छह महीनों के दौरान नेपाल में अपने तीन सहयोगियों आजाद, किशोर महाजन और मनीष को लगभग 700 मोबाइल फोन भेजे थे.
आरोपी संदीप मोबाइल फोन के लिए 500 से 1,000 और हाई एंड मोबाइल फोन के लिए 5,000 का मुनाफा कमाता था. जांच के दौरान आरोपी संदीप निशानदेही पर आरोपी अरमान को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके कब्जे से चार मोबाइल फोन बरामद किए गए. आगे अरमान की निशानदेही पर आरोपी राहुल को पकड़ा गया और उसके कब्जे से भी 4 फोन बरामद किए गए. जांच के दौरान अब तक 31 मामलों को सुलझा लिया गया है. फिलहाल इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम आगे की जांच में जुट गई है, सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.