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विज्ञापन में कोरोना के टीके का मोटा इंजेक्शन, डर की वजह से नहीं कराया वैक्सीनेशन - कोरोना के टीका के विज्ञापन में मोटा इंजेक्शन

कोरोना का टीका अब लोग स्वेच्छा से लगवाने के लिए आ रहे हैं, लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो विज्ञापन में दिखाए जा रहे इंजेक्शन के आकार को देखकर डर रहे हैं और टीका केंद्रों पर जाने से हिचक रहे हैं.

विज्ञापन में कोरोना के टीके का मोटा इंजेक्शन
विज्ञापन में कोरोना के टीके का मोटा इंजेक्शन
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Published : Oct 7, 2021, 5:52 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना का टीका लगवाने के लिए लोग बड़ी संख्या में टीका केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी भी एक वर्ग ऐसा है जो टीका लगवाने से डर रहा है. उनके डर की वजह कुछ और नहीं बल्कि विज्ञापनों में दिखाया जाने वाला मोटा इंजेक्शन है.

भले ही यह सुनने में अजीब लग रहा हो, लेकिन यह बात सही है. वीर सावरकर कन्या विद्यालय कालका जी टीका केंद्र पर पहुंचे लोगों ने बताया कि किस तरह लोग विज्ञापन में दिखाए जा रहे मोटे इंजेक्शन के डर की वजह से लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं.

विज्ञापन में कोरोना के टीके के मोटा इंजेक्शन का डर


टीका के लिए टीवी और आउटडोर मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है और उसमें मोटा इंजेक्शन दिखाया जाता है. लोगों में इस बात का ज्यादा डर है कि इतना मोटा इंजेक्शन उसे दिया जाएगा. गांव के लोग इंजेक्शन से डरने वाले होते हैं. अगर उन्हें यह लगता है कि इंजेक्शन मोटा है तो वह बिल्कुल घबरा जाते हैं. टीका लगाने आए एक व्यक्ति ने बताया कि वह काफी दिनों तक इस बात से डरते रहे कि मोटा इंजेक्शन उन्हें लगाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- माता के जगराते गाने वालों की दर्द भरी फरियाद…आ मां आ तुझे दिल ने पुकारा…


उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा था कि यह मोटा इंजेक्शन उन्हें दिया जाएगा, लेकिन जैसे ही उन्होंने टीका का पहला डोज लिया और वहां डॉक्टर के हाथ में इंजेक्शन देखा तो बड़ी तसल्ली हुई क्योंकि जैसा इंजेक्शन बाहर विज्ञापनों में दिखाया जाता है उससे बिल्कुल उलट इंजेक्शन बहुत पतली होता है. इसीलिए उन्हें टीका लगाने के दौरान किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई.

ये भी पढ़ें- मां के जयकारों से गूंज उठा झंडेवालान, कोरोना के बाद भक्तों के लिए खुले मंदिर


उन्होंने सरकार और नीति निर्माताओं से अपील की है कि विज्ञापनों में इंजेक्शन के आकार को वास्तविक आकार में दिखाया जाए ताकि जिन लोगों में भी अभी टीका के इंजेक्शन के आकार को लेकर थोड़ा डर है वह दूर हो जाए और टीका लगवाने के लिए टीका केंद्रों पर खुशी-खुशी आ जाएंगे.

नई दिल्ली: कोरोना का टीका लगवाने के लिए लोग बड़ी संख्या में टीका केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन अभी भी एक वर्ग ऐसा है जो टीका लगवाने से डर रहा है. उनके डर की वजह कुछ और नहीं बल्कि विज्ञापनों में दिखाया जाने वाला मोटा इंजेक्शन है.

भले ही यह सुनने में अजीब लग रहा हो, लेकिन यह बात सही है. वीर सावरकर कन्या विद्यालय कालका जी टीका केंद्र पर पहुंचे लोगों ने बताया कि किस तरह लोग विज्ञापन में दिखाए जा रहे मोटे इंजेक्शन के डर की वजह से लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं.

विज्ञापन में कोरोना के टीके के मोटा इंजेक्शन का डर


टीका के लिए टीवी और आउटडोर मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है और उसमें मोटा इंजेक्शन दिखाया जाता है. लोगों में इस बात का ज्यादा डर है कि इतना मोटा इंजेक्शन उसे दिया जाएगा. गांव के लोग इंजेक्शन से डरने वाले होते हैं. अगर उन्हें यह लगता है कि इंजेक्शन मोटा है तो वह बिल्कुल घबरा जाते हैं. टीका लगाने आए एक व्यक्ति ने बताया कि वह काफी दिनों तक इस बात से डरते रहे कि मोटा इंजेक्शन उन्हें लगाया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा था कि यह मोटा इंजेक्शन उन्हें दिया जाएगा, लेकिन जैसे ही उन्होंने टीका का पहला डोज लिया और वहां डॉक्टर के हाथ में इंजेक्शन देखा तो बड़ी तसल्ली हुई क्योंकि जैसा इंजेक्शन बाहर विज्ञापनों में दिखाया जाता है उससे बिल्कुल उलट इंजेक्शन बहुत पतली होता है. इसीलिए उन्हें टीका लगाने के दौरान किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई.

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उन्होंने सरकार और नीति निर्माताओं से अपील की है कि विज्ञापनों में इंजेक्शन के आकार को वास्तविक आकार में दिखाया जाए ताकि जिन लोगों में भी अभी टीका के इंजेक्शन के आकार को लेकर थोड़ा डर है वह दूर हो जाए और टीका लगवाने के लिए टीका केंद्रों पर खुशी-खुशी आ जाएंगे.

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