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चुनाव 2019: युवा और बच्चे इस तरह लोकतंत्र के महापर्व में कर रहे हिस्सेदारी

लोकतंत्र के पर्व में युवा यानी यंगिस्तान का अलग क्रेज देखने को मिल रहा है. खासतौर पर स्कूली बच्चे भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. ये बच्चे अपनी कम उम्र की वजह से वोट तो नहीं दे सकते, लेकिन प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

चुनाव 2019: युवा और बच्चे इस तरह लोकतंत्र के महापर्व में कर रहे हिस्सेदारी
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Published : May 10, 2019, 2:01 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है, सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रचार के लिए जीन-जान लगा चुकी है. प्रचार में सिर्फ नेता या स्टार्स ही नहीं बल्कि यंगस्टर्स भी खूब बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इसकी कई तस्वीरें दिल्ली में देखने को मिल रही हैं.

लोकतंत्र के पर्व में युवा यानी यंगिस्तान का अलग क्रेज देखने को मिल रहा है. खासतौर पर स्कूली बच्चे भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. ये बच्चे अपनी कम उम्र की वजह से वोट तो नहीं दे सकते, लेकिन प्रचार में बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

चुनाव प्रचार में युवा भी निभा रहे अहम किरदार

ये बच्चे वॉलिंटियर और कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं. बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी हर एक बच्चा किसी ना किसी पार्टी के लिए प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है.

डांस कर मोदी के लिए वोट
दिल्ली के लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर कुछ युवा बीजेपी के लिए प्रचार करते हुए नजर आए. इस दौरान वह बीजेपी के प्रचार के लिए बनाए गए गाने पर थिरक रहे थे.

बच्चों ने नेताओं की वेशभूषा पहनी
कई रोड शो और रैली में बच्चों ने नेताओं की वेशभूषा धारण की हुई थी. ये बच्चे रैलियों का आकर्षण बने हुए हैं.

केजरीवाल के लिए मांगे वोट
दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 11 साल की बच्ची शिखा पांडेय AAP और अरविंद केजरीवाल के लिए वोट मांग रही है, इस बच्ची का कहना है कि सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बहुत सी सुविधाएं मुहैया कराई जो पहले नहीं थी. इसलिए उन्हें मौका मिलना चाहिए.

टोपी पहनकर प्रचार
दिल्ली में कई जगह छोटे बच्चों ने AAP के समर्थन वाली टोपी पहनकर अरविंद केजरीवाल के लिए प्रचार किया और वोट मांगे. इनकी उम्र महज 7 से 8 साल होगी, जो कि टोपी लगाए हाथों में झंडा लिए पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे.

जिन्हें देखकर मानो ऐसा लगा कि इन छोटे-छोटे बच्चों को कहां राजनीति का ज्ञान है. कहां इन्हें पता है कौन सा नेता किस पार्टी का है. कौन किसके लिए प्रचार कर रहा है लेकिन ये मासूम तो सिर्फ इस त्यौहार में अपनी हिस्सेदारी दे रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है, सभी पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रचार के लिए जीन-जान लगा चुकी है. प्रचार में सिर्फ नेता या स्टार्स ही नहीं बल्कि यंगस्टर्स भी खूब बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. इसकी कई तस्वीरें दिल्ली में देखने को मिल रही हैं.

लोकतंत्र के पर्व में युवा यानी यंगिस्तान का अलग क्रेज देखने को मिल रहा है. खासतौर पर स्कूली बच्चे भी चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं. ये बच्चे अपनी कम उम्र की वजह से वोट तो नहीं दे सकते, लेकिन प्रचार में बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

चुनाव प्रचार में युवा भी निभा रहे अहम किरदार

ये बच्चे वॉलिंटियर और कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहे हैं. बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी हर एक बच्चा किसी ना किसी पार्टी के लिए प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है.

डांस कर मोदी के लिए वोट
दिल्ली के लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर कुछ युवा बीजेपी के लिए प्रचार करते हुए नजर आए. इस दौरान वह बीजेपी के प्रचार के लिए बनाए गए गाने पर थिरक रहे थे.

बच्चों ने नेताओं की वेशभूषा पहनी
कई रोड शो और रैली में बच्चों ने नेताओं की वेशभूषा धारण की हुई थी. ये बच्चे रैलियों का आकर्षण बने हुए हैं.

केजरीवाल के लिए मांगे वोट
दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 11 साल की बच्ची शिखा पांडेय AAP और अरविंद केजरीवाल के लिए वोट मांग रही है, इस बच्ची का कहना है कि सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बहुत सी सुविधाएं मुहैया कराई जो पहले नहीं थी. इसलिए उन्हें मौका मिलना चाहिए.

टोपी पहनकर प्रचार
दिल्ली में कई जगह छोटे बच्चों ने AAP के समर्थन वाली टोपी पहनकर अरविंद केजरीवाल के लिए प्रचार किया और वोट मांगे. इनकी उम्र महज 7 से 8 साल होगी, जो कि टोपी लगाए हाथों में झंडा लिए पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे.

जिन्हें देखकर मानो ऐसा लगा कि इन छोटे-छोटे बच्चों को कहां राजनीति का ज्ञान है. कहां इन्हें पता है कौन सा नेता किस पार्टी का है. कौन किसके लिए प्रचार कर रहा है लेकिन ये मासूम तो सिर्फ इस त्यौहार में अपनी हिस्सेदारी दे रहे हैं.

Intro:लोकसभा चुनाव 2019 अपने छठे चरण में प्रवेश करने वाला है और इस तरीके से अपने अंतिम दौड़ तक आगे बढ़ रहा है उसी तरह से इसका उत्साह भी लगातार बढ़ता जा रहा है खासतौर पर लोकतंत्र के पर्व में युवा यानी यंगिस्तान का अलग क्रैज देखने को मिल रहा है हम यूवाओं की बात नहीं कर रहे हैं हम बच्चों की बात कर रहे हैं क्योंकि इस चुनाव में बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए नजर आ रहे हैं हालांकि वह मतदान नहीं कर सकते , वोट नहीं डाल सकते लेकिन वह इस पर्व में एक वॉलिंटियर और कार्यकर्ता के तौर पर हिस्सा लेते हुए इस त्यौहार को मना रहे हैं बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी हर एक बच्चा किसी ना किसी पार्टी के लिए प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है


Body:हमने देखा दिल्ली के लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर कुछ युवा बीजेपी के लिए प्रचार करते हुए नजर आए. इस दौरान वह बीजेपी पार्टी के प्रचार के लिए बनाए गए ...अपना मोदी आएगा... गाने पर थिरकते हुए नजर आए. जिससे हमें ये नज़र आया कि ना कोई लड़ाई ना कोई बेर ये बच्चे तो सिर्फ इस लोकतंत्र के त्योहार को मना रहे हैं.
वही हम बात करें किसी रोड शो या रैली की तो इनमें भी कई बार कई नेताओं के वेशभूषा में छोटे बच्चों को देखा गया है जो कि बड़े उत्साह के साथ अपने नेता का वेश धारण करते हुए रैली में नजर आते हैं फिर चाहे वह आम आदमी पार्टी का हो चाहे वह बीजेपी का हर कोई इस त्यौहार के रंग में रंग का हुआ नजर आ रहा है और बच्चे भी इससे अछूते नहीं है

दिल्ली में 12 मई को मतदान होना है जिसके लिए ईटीवी भारत दिल्ली की हर एक सीट पर जाकर लोगों से और खासकर युवाओं से उनके मुद्दे जान रहा है इसी बीच हमें एक 11 साल की छात्रा अपने मुद्दे बताती हैं. 11 साल की शिखा पांडे साउथ दिल्ली में रहती हैं और एक सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं और जब सरकारी स्कूल की बात आती है तो सरकारी स्कूलों की स्थिति सामने आ जाती है लेकिन जब हमने शिखा पांडे से बात की तो उन्होंने बताया कि अब सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधर गई है केजरीवाल की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए बेहद काम किया है हर एक स्कूल में पानी कैमरा और शिक्षा का स्तर सुधरा है 11 साल की छात्रा बताती हैं की दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने अच्छा काम किया है



Conclusion:महज 11 साल की उम्र में सातवीं कक्षा की छात्रा को इतनी जानकारी होने पर जब हमनें उनसे इसकी वजह पूछी तो वो बताती हैं कि उन्हें उनके स्कूल में बेहतर शिक्षा दी जा रही है जिसकी वजह से वह इतना ज्ञान प्राप्त कर पाई हैं

इस दौरान कुछ छोटे बच्चे भी हमें रैली में नजर आए जो महज 7 से 8 साल के होंगे जो की टोपी लगाए हाथों में झंडा लिए पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे जिन्हें देखकर मानो ऐसा लगा कि इन छोटे-छोटे बच्चों को कहां राजनीति का ज्ञान है कहां इन्हें पता है कौन सा नेता किस पार्टी का है कौन किसके लिए प्रचार कर रहा है लेकिन यह मासूम तो सिर्फ इस त्यौहार में अपनी हिस्सेदारी दे रहे हैं और जिस तरीके से हमारे देश में दीपावली होली समेत तमाम त्योहार मनाए जाते हैं ठीक उसी प्रकार से यह भी इस त्यौहार को खेल कूद कर एंजॉय कर रहे हैं
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