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चोरी होने के 14 महीने बाद मिली बाइक, पुलिस पर घूस लेने का आरोप

दक्षिणी दिल्ली इलाके से नवंबर 2018 में एक बाइक चोरी हो गई थी. जिसके करीब 14 महीने बाद साकेत मेट्रो स्टेशन से बाइक मालिक ने खुद ही अपनी बाइक बरामद कर ली है. मामले में बाइक मालिक ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Published : Jan 10, 2020, 2:00 PM IST

bike was found after 14 months of the theft in delhi
तस्वीर में बाइक मालिक

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के राजू पार्क से नवंबर 2018 में एक बाइक चोरी हो गई थी. वारदात के करीब 14 महीने बाद साकेत मेट्रो स्टेशन से बाइक मालिक ने बाइक को बरामद कर लिया है. मामले में उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए पुलिस पर घूस लेने का आरोप लगाया है.

बाइक मालिक से बातचीत

लावारिस हालत में मिली बाइक
बता दें कि बाइक मालिक सिराजुद्दीन का कहना है कि नवंबर 2018 में उनकी बाइक पैशन प्रो राजू पार्क से गायब हो गई थी. उन्होंने नवंबर 2018 में ही नेब सराय थाने की पुलिस को शिकायत की थी. लेकिन दिल्ली पुलिस बाइक ढूंढने में नाकाम रही थी. ठीक 14 महीने बाद बाइक मालिक सिराजुद्दीन को किसी से सूचना मिली कि उनकी बाइक साकेत मेट्रो स्टेशन के पास लावारिस हालत में खड़ी है, तो उन्होंने अपनी गाड़ी की पहचान की और बाइक वापस अपने घर ले आए.

'पुलिसकर्मी ने लिए 1500 रुपए'
इसके बाद थाने पहुंचकर उन्होंने हेड कांस्टेबल जयकुमार से कहा कि उनकी बाइक जो चोरी हुई गई थी, अब मिल गई है. इसकी कंप्लेंट क्लोज कर दें लेकिन दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल ने ऐसा नहीं किया उसने कोई कार्रवाई नहीं की और पीड़ित सिराजुद्दीन से डेढ़ हजार रुपए ले लिए.

'ट्रैफिक पुलिस ने चोरी की बाइक कहकर रोका'
₹1500 लेने के बाद हेड कॉन्स्टेबल जयकुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि जाइए बाइक चलाइए फिर ट्रैफिक पुलिस ने सिराजुद्दीन रोड पर बाइक चलाते रोक लिया और कहा कि ये बाइक चोरी की है.

'DCP ने दिया कार्रवाई का भरोसा'
मामले में सिराजुद्दीन ने अपनी दलील दी है कि यह बाइक उनकी है और वे खुद चला रहे हैं. इसके बाद फिर हेड कांस्टेबल जय कुमार सिंह सिराजुद्दीन ने जब मिलने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. आखिरकार थक हार कर सिराजुद्दीन डीसीपी अतुल ठाकुर के पास पहुंचे तो DCP ठाकुर ने कार्रवाई का भरोसा दिया.

नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के राजू पार्क से नवंबर 2018 में एक बाइक चोरी हो गई थी. वारदात के करीब 14 महीने बाद साकेत मेट्रो स्टेशन से बाइक मालिक ने बाइक को बरामद कर लिया है. मामले में उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए पुलिस पर घूस लेने का आरोप लगाया है.

बाइक मालिक से बातचीत

लावारिस हालत में मिली बाइक
बता दें कि बाइक मालिक सिराजुद्दीन का कहना है कि नवंबर 2018 में उनकी बाइक पैशन प्रो राजू पार्क से गायब हो गई थी. उन्होंने नवंबर 2018 में ही नेब सराय थाने की पुलिस को शिकायत की थी. लेकिन दिल्ली पुलिस बाइक ढूंढने में नाकाम रही थी. ठीक 14 महीने बाद बाइक मालिक सिराजुद्दीन को किसी से सूचना मिली कि उनकी बाइक साकेत मेट्रो स्टेशन के पास लावारिस हालत में खड़ी है, तो उन्होंने अपनी गाड़ी की पहचान की और बाइक वापस अपने घर ले आए.

'पुलिसकर्मी ने लिए 1500 रुपए'
इसके बाद थाने पहुंचकर उन्होंने हेड कांस्टेबल जयकुमार से कहा कि उनकी बाइक जो चोरी हुई गई थी, अब मिल गई है. इसकी कंप्लेंट क्लोज कर दें लेकिन दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल ने ऐसा नहीं किया उसने कोई कार्रवाई नहीं की और पीड़ित सिराजुद्दीन से डेढ़ हजार रुपए ले लिए.

'ट्रैफिक पुलिस ने चोरी की बाइक कहकर रोका'
₹1500 लेने के बाद हेड कॉन्स्टेबल जयकुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि जाइए बाइक चलाइए फिर ट्रैफिक पुलिस ने सिराजुद्दीन रोड पर बाइक चलाते रोक लिया और कहा कि ये बाइक चोरी की है.

'DCP ने दिया कार्रवाई का भरोसा'
मामले में सिराजुद्दीन ने अपनी दलील दी है कि यह बाइक उनकी है और वे खुद चला रहे हैं. इसके बाद फिर हेड कांस्टेबल जय कुमार सिंह सिराजुद्दीन ने जब मिलने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. आखिरकार थक हार कर सिराजुद्दीन डीसीपी अतुल ठाकुर के पास पहुंचे तो DCP ठाकुर ने कार्रवाई का भरोसा दिया.

Intro:दक्षिण दिल्ली के राजू पार्क से नवंबर 2018 में एक बाइक चोरी हुई थी और उसके बाद करीब 14 महीने बाद साकेत मेट्रो स्टेशन से बाइक को बाइक मालिक ने बरामद कर लिया और पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए बाइक मालिक ने पुलिस पर घूस लेने का आरोप लगाया है


Body:लावारिस हालत में मिली बाइक

आपको बता दें कि राजू पार्क खानपुर निवासी सिराजुद्दीन का कहना है कि नवंबर 2018 में उनकी बाइक पैशन प्रो राजू पार्क से गायब हो गई थी और उन्होंने नवंबर 2018 में ही नेब सराय थाने की पुलिस को शिकायत की थी कि उनकी बाइक चोरी हो गई है और दिल्ली पुलिस बाइक को खोजने में नाकाम रही ठीक 14 महीने बाद बाइक मालिक सिराजुद्दीन को किसी से सूचना मिली कि उनकी बाइक साकेत मेट्रो स्टेशन के पास लावारिस हालत में खड़ी है और उन्होंने अपनी गाड़ी की पहचान की और बाइक को अपने घर लाया

पुलिसकर्मी पर 1500 लेने का आरोप

इसके बाद थाने पहुंचकर उन्होंने हेड कांस्टेबल जयकुमार से कहा कि उनकी बाइक जो चोरी हुई गई थी अब मिल गई है और इसकी कंप्लेंट क्लोज कर दे लेकिन दिल्ली पुलिस हेड कांस्टेबल ने ऐसा नहीं किया उसने कोई कार्यवाही ना करते हुए पीड़ित सिराजुद्दीन से डेढ़ हजार रुपए ले लिए
BYTE- सिराजुद्दीन, बाइक मालिक


Conclusion:ट्रैफिक पुलिस ने चोरी की बाइक कहकर रोका

₹1500 लेने के बाद हर हेड कॉन्स्टेबल जयकुमार ने कोई कार्रवाई नहीं की उन्होंने कहा कि जाइए बाइक चलाइए और ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें सिराजुद्दीन को रोक लिया कहा कि यह बाइक चोरी की है

DCP ने दिया कार्रवाई का भरोसा

तो सिराजुद्दीन ने अपनी दलील दी कि यह बाइक मेरी है और वे खुद चला रहे हैं इसके बाद फिर हेड कांस्टेबल जय कुमार सिंह सिराजुद्दीन ने जब मिलने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और आखिरकार थक हार कर सिराजुद्दीन ने डीसीपी अतुल ठाकुर के पास पहुंचे तो DCP ठाकुर ने कार्रवाई का भरोसा दिया है
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