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12वें राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर दिल्ली के AIIMS में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

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Published : Jul 24, 2022, 1:54 PM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (All India Institute of Medical Sciences) नई दिल्ली का बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने 15 जुलाई को 12वें राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर 'सुश्रुत फिल्म महोत्सव' का आयोजन किया. जिसमें प्लास्टिक सर्जरी कराने वालों की कहानी दिखाई गई.

दिल्ली के AIIMS में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन
दिल्ली के AIIMS में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

नई दिल्ली: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) में 15 जुलाई को एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन ऑफ इंडिया (Association of Plastic Surgeons of India) ने एक फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी के सामाजिक पहलुओं को दिखाया गया. प्रदर्शित होने वाली फिल्मों में कोच्चि के अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एक ट्रेन दुर्घटना में हाथ गंवाने के बाद डबल-हैंड ट्रांसप्लांट से गुजरने वाले भारत के पहले व्यक्ति की कहानी दिखाई गई.

साथ ही इसमें एक अंधे व्यक्ति की कहानी भी दिखाई गई, जिसकी उंगलियों को फिर से जोड़ा गया था. गौरतलब है कि एक अंधे व्यक्ति के लिए अपने आस-पास की हर चीज़ को महसूस करने के लिए खास तौर से उंगलियों की जरूरत होती है. एम्स में प्लास्टिक और पुनर्निर्माण सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि ज्यादातर लोग प्लास्टिक सर्जरी को कॉस्मेटिक परिवर्तनों से जोड़ते हैं, जो अमीर और प्रसिद्ध हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी ग्रीक शब्द 'प्लास्टिकोस' से आया है, जिसका अर्थ है ढालना और यह हाथों को फिर से जोड़ने के लिए, जले हुए पीड़ितों के उपचार और माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी जैसी चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है. संगठन के मानद सचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि देश में लगभग 2,500 प्लास्टिक सर्जन हैं. हर दिन लगभग 5,000 बड़ी और छोटी सर्जरी होती हैं. अब, इनमें से लगभग 50 प्रतिशत सर्जरी ट्रॉमा के मामलों से संबंधित हैं.

दिल्ली के AIIMS में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

एम्स की सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवांगी शाह ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी कराना सिर्फ कॉस्मेटिक सर्जरी तक ही सीमित नहीं है. इसके अलावा बर्न इंजरी, चोट लगने के बाद निशान पड़ना, शरीर के अंग कट जाना आदि की भी सर्जरी की जाती है. लेकिन लोग सिर्फ कॉस्मेटिक और सुंदर दिखने को ही प्लास्टिक सर्जरी समझते हैं. उन्होंने कहा कि इस इवेंट का मुख्य उद्देश्य लोगों तक ज्यादा से ज्यादा अवेयरनेस पहुंचाना है. वहीं इस मामले में APSI के प्रेसिडेंट डॉक्टर रवि महाजन ने बताया कि इस इवेंट में सफल और बेहतरीन सर्जरी करने वाले अस्पतालों के डॉक्टरों को सम्मानित भी किया गया है और उन्हें अवार्ड दिया गया है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) में 15 जुलाई को एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन ऑफ इंडिया (Association of Plastic Surgeons of India) ने एक फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी के सामाजिक पहलुओं को दिखाया गया. प्रदर्शित होने वाली फिल्मों में कोच्चि के अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एक ट्रेन दुर्घटना में हाथ गंवाने के बाद डबल-हैंड ट्रांसप्लांट से गुजरने वाले भारत के पहले व्यक्ति की कहानी दिखाई गई.

साथ ही इसमें एक अंधे व्यक्ति की कहानी भी दिखाई गई, जिसकी उंगलियों को फिर से जोड़ा गया था. गौरतलब है कि एक अंधे व्यक्ति के लिए अपने आस-पास की हर चीज़ को महसूस करने के लिए खास तौर से उंगलियों की जरूरत होती है. एम्स में प्लास्टिक और पुनर्निर्माण सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि ज्यादातर लोग प्लास्टिक सर्जरी को कॉस्मेटिक परिवर्तनों से जोड़ते हैं, जो अमीर और प्रसिद्ध हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी ग्रीक शब्द 'प्लास्टिकोस' से आया है, जिसका अर्थ है ढालना और यह हाथों को फिर से जोड़ने के लिए, जले हुए पीड़ितों के उपचार और माइक्रोवैस्कुलर सर्जरी जैसी चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है. संगठन के मानद सचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि देश में लगभग 2,500 प्लास्टिक सर्जन हैं. हर दिन लगभग 5,000 बड़ी और छोटी सर्जरी होती हैं. अब, इनमें से लगभग 50 प्रतिशत सर्जरी ट्रॉमा के मामलों से संबंधित हैं.

दिल्ली के AIIMS में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

एम्स की सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवांगी शाह ने बताया कि प्लास्टिक सर्जरी कराना सिर्फ कॉस्मेटिक सर्जरी तक ही सीमित नहीं है. इसके अलावा बर्न इंजरी, चोट लगने के बाद निशान पड़ना, शरीर के अंग कट जाना आदि की भी सर्जरी की जाती है. लेकिन लोग सिर्फ कॉस्मेटिक और सुंदर दिखने को ही प्लास्टिक सर्जरी समझते हैं. उन्होंने कहा कि इस इवेंट का मुख्य उद्देश्य लोगों तक ज्यादा से ज्यादा अवेयरनेस पहुंचाना है. वहीं इस मामले में APSI के प्रेसिडेंट डॉक्टर रवि महाजन ने बताया कि इस इवेंट में सफल और बेहतरीन सर्जरी करने वाले अस्पतालों के डॉक्टरों को सम्मानित भी किया गया है और उन्हें अवार्ड दिया गया है.

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