नई दिल्ली: मनुष्य की मानसिक शक्ति के विस्तार लिए शिक्षा बहुत जरूरी है. पुरुष हो या महिला, किसी को भी शिक्षा से वंचित करना, उसकी मानसिक क्षमता को विकसित होने से रोकना है. हालांकि आज भी देखा जाता है कि गरीबी के कारण कुछ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर पाने में असमर्थ हैं. ऐसे ही बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाया है दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर अनीता बैरवा ने, जो अपने एनजीओ अंजलम फाउंडेशन के जरिए ऐसे कई बच्चों को मुफ्त में शिक्षित करने का काम कर रही हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता अनीता ने बताया कि वे गरीब, असहाय लोगों के बच्चों को शिक्षा दे रही हैं. उनकी एनजीओ पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों पढ़ाने का काम कर रही है. उनका कहना है कि शिक्षा सभी का अधिकार है और इसी से लोगों की प्रगति हो सकती है. उनकी कोशिश है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.
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उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से अर्जित किए गए ज्ञान, कौशल और जीवन के मूल्यों के बल पर लोग समाज में परिवर्तन ला सकते हैं. इससे आने वाली पीढ़ियों का पथ प्रदर्शन प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है. बच्चे किसी भी राष्ट्र की आधारशिला होते हैं. अगर वे शिक्षित रहेंगे तो बेहतर राष्ट्र का निर्माण करने में अपना योगदान देंगे. और तो और वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम होंगे.
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