नई दिल्ली : बसंत पंचमी के अवसर पर पुरानी दिल्ली के प्राचीन सिद्ध पीठ मंदिर श्री नरसिंह जी व सिद्ध हनुमान जी महाराज मंदिर में भगवान का भव्य श्रृंगार किया गया. भगवान को नए वस्त्र पहनाने के साथ ही सिंहासन के आसपास भी सुंदर सजावट की गई. प्राचीन सिद्ध पीठ मंदिर में हनुमान जी का सुबह पंचामृत से अभिषेक किया, उन्हें शुद्ध घी और सिंदूर लगाया.
बसंत पंचमी के अवसर पर भगवान को पीले रंग के नए वस्त्र पहनाए गए. हनुमान जी के साथ ही रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ का भी पीले रंग के वस्त्रों में आकर्षक श्रृंगार किया. भगवान के सिंहासन को पीले रंग के फूलों (गेंदा) से सजाया गया. बसंत पंचमी पर सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया हुआ. भगवान का मनमोहक श्रृंगार देख भक्त प्रफुल्लित हो उठे. मंदिर के पुजारी महंत गौरव शर्मा ने कहा कि मंदिर में भगवान के श्रृंगार के बाद उनके आरती की गई.
महामृत्युंजय जाप एवं यज्ञ करके पूजा अर्चना के दौरान मां सरस्वती से विश्व में जल्द ही कुरूना मुक्ति एवं कल्याण की कामना भी की गई. भगवान को चांदी के पात्र में लड्डुओं को भोग अर्पित किया. दही खिचड़ी का प्रसाद बनाया गया है और लोगों में बांटा गया.
महंत गौरव शर्मा ने बताया कि हनुमान जी का सुंदर श्रृंगार किया गया है. हनुमान जी का पंचामृत से अभिषेक कर तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाया गया. भगवान को चंदन से सीता राम लिखी आकड़े के पत्तों की माला अर्पित की गई. बसंत पंचमी के अवसर पर हनुमान जी को भी पीले रंग के वस्त्र पहनाए गए. हनुमान जी के सिंहासन को फूलों की पंखुड़ियों से सजाया गया.
वहीं दिल्ली केचांदनी चौक का प्राचीन सिद्ध पीठ श्री नरसिंह जी का मंदिर है. यहां पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा पर किसी को कोविड गाइडलाइंस के चलते मंदिर के भीतर जाने की अनुमति नहीं थी. मंदिर में पूरी तरह कोरोना गाइडलाइन का पालन भी किया जा रहा है. मंदिर के महंत गौरव शर्मा ने बताया कि श्रृंगार के बाद हनुमान जी की आरती की गई.
उन्हें फलों और मिठाईयों का भोग अर्पित किया गया. मंदिर में सुबह से ही भक्तों के आना शुरू हो गया था बसंत पंचमी का त्यौहार सबसे बड़ा तोहार माना जाता है और मां सरस्वती की पूजा की जाती है. मां सरस्वती देवी को ज्ञान की देवी भी कहा जाता है और इस अवसर पर उन्होंने आज माता की पूजा अर्चना के साथ हवन कर प्रभु से उन्होंने यही कामना की है कि इस सृष्टि से दुनिया से कोरोना बीमारी का खात्मा हो और सभी सुख और चैन से रहें.