नई दिल्लीः कोरोना की दूसरी लहर थम गई है, लेकिन इसके साथ ही तीसरी लहर (Third wave of corona) की आहट भी होने लगी है. देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने आशंका व्यक्त की है कि अगले छह से आठ हफ्ते में पूरे देश भर में कोरोना की तीसरी लहर आ जाएगी. क्या तीसरी लहर को आने से रोका जा सकता है या इसकी तीव्रता को कम किया जा सकता है? विशेषज्ञ इसको लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं.
AIIMS के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसलटेंट डॉ. अवधेश चंद्रा (Dr. Awadhesh Chandra) बताते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर एक घूमती हुई गेंद की तरह है. यह आएगी या नहीं आएगी किसी को नहीं पता. अगर आएगी तो इसके लिए हमें पहले से तैयारी करके रखनी होगी.
'27 करोड़ लोगों ने लगवा ली टीका, 6 करोड़ लोगों ने ले ली दूसरी डोज'
जितनी जल्दी और जितनी ज्यादा संख्या में लोगों को टीके लगाए जाएंगे उतनी ही प्राकृतिक सुरक्षा मिलेगी. आज की तारीख में पूरे देश भर में 27 करोड़ों लोगों को टीका लगाया जा चुका है. 21 जून को जब केंद्र सरकार की तरफ से फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू किया गया, तो उस दिन 52 लाख लोगों को टीका लगाया गया. 6 करोड़ों लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है.
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'50 करोड़ लोगों को टीका लगा दिया जाए टल सकता है तीसरी लहर'
विशेषज्ञ ऐसा अनुमान लगा रहे हैं कि अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. बचाव के तौर पर अगर तीसरी लहर के आने की अक्टूबर महीने तक पूरे देश भर में 50 करोड़ लोगों को टीका (Corona vaccination) लगाया जाए और 15 करोड़ लोगों को डबल डोज लग जाए, तो लोगों को प्राकृतिक रूप से कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षा मिल जाएगी.
'लहरें आती-जाती रहेगी, सतर्कता है जरूरी'
डॉ. अवधेश बताते हैं कि कोरोना की लहर आती रहेंगी. जब-जब वायरस में म्यूटेशन होगा तब तक नई लहर आने की आशंका बनी रहेगी, लेकिन यह आम लोगों के ऊपर निर्भर करता है कि वह किस तरीके से अपने आप का बचाव करते हैं. कोविड गाइडलाइंस का पालन सख्ती से होनी चाहिए.