नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह नकली वीजा स्टिकर और अस्थायी निवास कार्ड बनाने का काम करता था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 पासपोर्ट, 50 नकली वीजा स्टिकर, 5 अस्थायी निवास कार्ड, 14 रबर स्टैंप, 4 मोबाइल फोन और 2 पेन ड्राइव बरामद की है.
साथ ही नकली दस्तावेज बनाने वाले उपकरण जैसे यूवी लाइट मशीन, खाली स्टिकर पेपर, रबर स्टैंप और सील भी जब्त की गई है. यह गिरोह फर्जी वीजा बनाकर विदेश भेजने का सपना दिखाता था. इस गिरोह के पास से बड़ी संख्या में पासपोर्ट और नकली वीजा बरामद हुए हैं. पुलिस के अनुसार अब तक इस गिरोह ने सैकड़ों लोगों को धोखा दिया है.
लोगों के सपनों के साथ खिलवाड़: गिरफ्तार चारों आरोपी लोगों के सपनों के साथ खिलवाड़ करते थे. मेक्सिको, यूके, अमेरिका, फ्रांस जैसे बड़े शहरों में घूमने के लिए हाथों हाथ वीजा बनवाने का दावा करते थे. इनके जाल में अब तक बहुत सारे लोग फंस चुके हैं. दरअसल, एक शख्स को मेक्सिको भेजने के नाम पर इन लोगों ने पैसे लिए थे. कुछ पैसे देने के बाद से उसे शंका हुई, जिसके बाद उसने पुलिस में शिकायत की. इसके बाद इन चारों के कारनामे सामने आ गए और पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को इनके पास से दर्जनों पासपोर्ट के अलावा 400 से ज्यादा फर्जी वीजा मिले हैं. पुलिस के मुताबिक, यह पहले भी इस तरह के अपराध में पकड़े जा चुके हैं.
लाखों रुपये की ठगी: नई दिल्ली जिले के उपायुक्त देवेश मेहला के मुताबिक, बीते 16 दिसंबर को लखवीर सिंह ने चाणक्य पुरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह और उसके चार दोस्त (अर्शदीप सिंह, गगनदीप सिंह, राजदीप सिंह और छिंदा सिंह) इंस्टाग्राम के जरिए रणवीर नाम के एक व्यक्ति से मिले, जिन्होंने उन्हें जर्मन वीजा दिलाने की बात कही थी. रणवीर ने उन्हें परमजीत सिंह नामक व्यक्ति का मैक्सिकन व्हॉट्सएप नंबर दिया. इसी वर्ष अगस्त में वे परमजीत सिंह से मिले थे, जिसने उनके मूल पासपोर्ट और प्रति व्यक्ति 20 हजार रुपये का टोकन भुगतान लिया था.
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