नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता समेत सात बीजेपी विधायकों की सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने के लिए दिल्ली सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी, 2025 को करने का आदेश दिया.
याचिका में दिल्ली सरकार को सीएजी की 14 रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने का आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में आश्वासन देने के एक सप्ताह बाद भी दिल्ली सरकार ने सीएजी की रिपोर्ट सदन में नहीं रखी है. यह भी कहा गया कि दिल्ली हाईकोर्ट में 16 दिसंबर को दिल्ली सरकार ने दो से तीन दिन में सीएजी की रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को भेजने का आश्वासन दिया था.
इस आश्वासन के एक हफ्ते बाद तक भी दिल्ली सरकार ने, ना तो ये रिपोर्ट्स स्पीकर को भेजी और ना ही इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि वह दिल्ली सरकार को निर्देश जारी कर सीएजी की 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही स्पीकर को भेजने और इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दें.
दिल्ली सरकार का दावा: हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि उनकी तरफ से शराब टैक्स, प्रदूषण और वित्त से संबंधित सीएजी रिपोर्ट विधनसभा पटल पर रखने के लिए उपराज्यपाल को भेज दिया है. सुनवाई के दौरान उपराज्यपाल की ओर से पेश वकील ने कहा था कि 11 दिसंबर की रात में दस फाइल उपराज्यपाल के दफ्तर विधानसभा के पटल पर रखने के लिए भेजी गई है.
सीएजी की रिपोर्ट्स अभी भी लंबित हैं: याचिका में कहा गया था कि सीएजी की ये रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी के पास लंबित हैं और उपराज्यपाल के बार-बार अनुरोध के बावजूद इन्हें विधानसभा के समक्ष पेश करने के लिए नहीं भेजा गया है. इस मामले पर याचिका दायर करने से पहले बीजेपी विधायक इस मामले पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसे लेकर बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री आतिशी के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था.
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