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जामिया के 3 छात्रों को मिलेगा 50 हजार का स्टाइपेंड, मल्टीनेशनल कंपनी में हुआ सिलेक्शन - 3 students of Jamia

3 छात्रों को एक मल्टीनेशनल कंपनी ने 2 महीने की समर इंटर्नशिप के लिए चुना है. इस इंटर्नशिप में छात्रों को हर महीने 50 हजार रुपये स्टाइपेंड के तौर पर मिलेंगे.

इंटर्नशिप के लिए मल्टीनेशनल कंपनी में जामिया के 3 छात्रों का हुआ सिलेक्शन
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Published : May 28, 2019, 8:46 PM IST

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के 3 छात्रों को एक मल्टीनेशनल कंपनी ने 2 महीने की समर इंटर्नशिप के लिए चुना है. इसमें खास बात यह है कि इस इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को हर महीने 50 हजार रुपये स्टाइपेंड के तौर पर मिलेंगे, जो कि अपने आप में बेहद बड़ी रकम है.

150 बच्चों में से हुआ 3 बच्चों का सिलेक्शन
इस प्रोग्राम के तहत 150 बच्चों में से सिर्फ तीन बच्चों को कंपनी की ओर से चुना गया है. जिसमें मोहम्मद जफरयाब, चिराग कौशिक और दिव्यांशु सिंह शामिल हैं. यह तीनों छात्र बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र हैं. कॉलेज प्रशासन के मुताबिक यह पहली बार है जब इंटर्नशिप के दौरान यूनिवर्सिटी के किसी छात्र को इतनी बड़ी रकम मिलने जा रही है.

इंटर्नशिप के लिए मल्टीनेशनल कंपनी में जामिया के 3 छात्रों का हुआ सिलेक्शन

प्लेसमेंट ऑफिसर ने दी पूरी जानकारी
कॉलेज प्रशासन के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉक्टर रिहान खान सूरी ने बताया कि मल्टीनेशनल कंपनी ट्राइडेंट लिमिटेड ने समर इंटर्नशिप के लिए बीटेक के 3 छात्रों को सिलेक्ट किया है और यह 2 महीने की इंटर्नशिप है. इसके लिए हर महीने छात्रों को 50 हजार स्टाइपेंड के तौर पर दिया जाएगा.

थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल भी जरूरी
इंटर्नशिप के 3 छात्रों में से ही एक छात्र मोहम्मद जफरयाब अब्दुल्ला ने बताया कि वह कई तरीके की प्रैक्टिस करते रहते हैं. कंट्रोल सिस्टम रोबोटिक्स और ऑटोमेशन से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं और जब उनके कॉलेज में कंपनी इंटर्नशिप के लिए आई तो करीबन 150 बच्चों सेलेक्ट किये गए, उनसे प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई.

सभी बच्चों के इंटरव्यू के बाद हुआ सिलेक्शन
वहीं दूसरे छात्र दिव्यांशु सिंह ने बताया कि इस इंटर्नशिप के लिए उन्होंने काफी मेहनत की और उनका जो पढ़ाई का तरीका है वह प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी टिका हुआ है क्योंकि किसी भी स्टडी के लिए थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल भी जरूरी है.

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के 3 छात्रों को एक मल्टीनेशनल कंपनी ने 2 महीने की समर इंटर्नशिप के लिए चुना है. इसमें खास बात यह है कि इस इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को हर महीने 50 हजार रुपये स्टाइपेंड के तौर पर मिलेंगे, जो कि अपने आप में बेहद बड़ी रकम है.

150 बच्चों में से हुआ 3 बच्चों का सिलेक्शन
इस प्रोग्राम के तहत 150 बच्चों में से सिर्फ तीन बच्चों को कंपनी की ओर से चुना गया है. जिसमें मोहम्मद जफरयाब, चिराग कौशिक और दिव्यांशु सिंह शामिल हैं. यह तीनों छात्र बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र हैं. कॉलेज प्रशासन के मुताबिक यह पहली बार है जब इंटर्नशिप के दौरान यूनिवर्सिटी के किसी छात्र को इतनी बड़ी रकम मिलने जा रही है.

इंटर्नशिप के लिए मल्टीनेशनल कंपनी में जामिया के 3 छात्रों का हुआ सिलेक्शन

प्लेसमेंट ऑफिसर ने दी पूरी जानकारी
कॉलेज प्रशासन के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉक्टर रिहान खान सूरी ने बताया कि मल्टीनेशनल कंपनी ट्राइडेंट लिमिटेड ने समर इंटर्नशिप के लिए बीटेक के 3 छात्रों को सिलेक्ट किया है और यह 2 महीने की इंटर्नशिप है. इसके लिए हर महीने छात्रों को 50 हजार स्टाइपेंड के तौर पर दिया जाएगा.

थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल भी जरूरी
इंटर्नशिप के 3 छात्रों में से ही एक छात्र मोहम्मद जफरयाब अब्दुल्ला ने बताया कि वह कई तरीके की प्रैक्टिस करते रहते हैं. कंट्रोल सिस्टम रोबोटिक्स और ऑटोमेशन से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं और जब उनके कॉलेज में कंपनी इंटर्नशिप के लिए आई तो करीबन 150 बच्चों सेलेक्ट किये गए, उनसे प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई.

सभी बच्चों के इंटरव्यू के बाद हुआ सिलेक्शन
वहीं दूसरे छात्र दिव्यांशु सिंह ने बताया कि इस इंटर्नशिप के लिए उन्होंने काफी मेहनत की और उनका जो पढ़ाई का तरीका है वह प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी टिका हुआ है क्योंकि किसी भी स्टडी के लिए थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल भी जरूरी है.

Intro:जामिया मिलिया इस्लामिया के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के 3 छात्रों को एक मल्टीनेशनल कंपनी ने 2 महीने की समर इंटर्नशिप के लिए चुना है, इसमें खास बात यह है कि इस इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को हर महीने 50 हजार रुपये स्टाइपेंड के तौर पर मिलेंगे जोकि अपने आप में बेहद बड़ी रकम है,

150 बच्चों में से हुआ 3 बच्चों का सिलेक्शन
इस प्रोग्राम के तहत 150 बच्चों में से सिर्फ तीन बच्चों का कंपनी की ओर से चुना गया जिसमें मोहम्मद जफरयाब, चिराग कौशिक, और दिव्यांशु सिंह शामिल है यह तीनों छात्र बीटेक कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र हैं कॉलेज प्रशासन के मुताबिक यह पहली बार है जब इंटर्नशिप के दौरान यूनिवर्सिटी के किसी छात्र को इतनी बड़ी रकम मिलने जा रहा है


Body:प्लेसमेंट ऑफिसर ने दी पूरी जानकारी
इस पर हमने कॉलेज प्रशासन के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉक्टर रिहान खान सूरी से बात की जिन्होंने हमें इंटर्नशिप के बारे में पूरी जानकारी दी रेयान सूरी ने बताया के मल्टीनेशनल कंपनी ट्राइडेंट लिमिटेड ने समर इंटर्नशिप के लिए बीटेक के 3 छात्रों को सिलेक्ट किया है और यह 2 महीने की इंटर्नशिप है जिसके दौरान हर महीने छात्रों को ₹50000 स्टाइपेंड के तौर पर दिया जाएगा रियान सूरी ने बताया की ट्राइडेंट ग्रुप पहले भी यूनिवर्सिटी के कई छात्रों को प्लेसमेंट दे चुका है इससे पहले एक छात्र को सालाना 15 लाख रुपए तौर पर प्लेसमेंट दी थी और आगे भी 2020 में वह यूनिवर्सिटी के कई छात्रों को प्लेसमेंट देने की योजना बना रहे हैं

हर साल बच्चों को दी जाती हैं इंटर्नशिप
रियान सूरी जी ने बताया कि बीते के 3 छात्रों को मिली इस इंटर्नशिप के बाद यूनिवर्सिटी के सभी छात्रों में काफी उत्साह है और छात्रों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि किसी कंपनी में जाकर एक्सपीरियंस लेना बड़ी बात है और वह भी इतनी बड़ी कंपनी में काफी कुछ सीखने को मिलता है इसी के साथ आपको इतना बड़ा अमाउंट पर मिल रहा है जिसके लिए बच्चे भी काफी उत्साहित हैं और बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं

बच्चों को मिलता है प्रोत्साहन
रियान सूरी का कहना था जब भी बच्चों को इस तरीके का रिवॉर्ड मिलता है तो वह उनके लिए एक प्रोत्साहन होता है क्योंकि पैसा जरूरी नहीं होता लेकिन बच्चों को इस तरीके की उपलब्धि और रिवॉर्ड दिए जाने से उनकी हौसला अफजाई होती है

हर हर साल कई कंपनियां इंटर्नशिप के लिए आती हैं
रियान सूरी ने बताया कि यूनिवर्सिटी की ओर से हर साल इस तरीके की कई कंपनियां आती हैं और बच्चों के टेस्ट के बाद उनका सिलेक्शन किया जाता है और अभी तक करीबन 500 बच्चों को इस तरीके की इंटर्नशिप दी जा चुकी है और बच्चे भी इस तरीके के प्रोग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और काफी उत्साह पूर्वक इसके लिए तैयारी कर रहे हैं


Conclusion:थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल भी जरूरी
समर इंटर्नशिप प्रोग्राम जिन बच्चों को मिली है उस पर हमने उन बच्चों से भी बात की और जानने की कोशिश की कि आखिर वॉइस इंटर्नशिप के बाद किस तरीके का महसूस कर रहे हैं और इसके पीछे उनकी क्या मेहनत रही, जिस पर इंटर्नशिप के 3 छात्रों में से ही एक छात्र मोहम्मद जफरयाब अब्दुल्ला ने बताया कि वह कई तरीके की प्रैक्टिस करते रहते हैं कंट्रोल सिस्टम रोबोटिक्स और ऑटोमेशन से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं और जब उनके कॉलेज में कंपनी इंटर्नशिप के लिए आई तो करीबन 150 बच्चों के ड्रेस लिए गए उनके जो प्रोजेक्ट से उन पर उनसे चर्चा की गई और काफी चर्चा के बाद उनका 150 सूट में से सिलेक्शन हुआ

कभी बच्चों के इंटरव्यू के बाद हुआ सिलेक्शन
वही दिव्यांशु सिंह ने बताया कि इस इंटर्नशिप के लिए उन्होंने काफी मेहनत की और उनका जो पढ़ाई का तरीका है वह प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी टिका हुआ है क्योंकि किसी भी स्टडी के लिए थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल भी जरूरी है और बीटेक की पढ़ाई करते हुए प्रैक्टिकल करते रहना चाहिए जिससे कि नॉलेज बढ़ती है और आगे इंटर्नशिप या प्लेसमेंट में इसका फायदा मिलता है और इसी चीज को ध्यान में रखते हुए वह कई प्रोजेक्ट पर प्रैक्टिस करते रहते थे और इसके लिए उन्होंने बाकी छात्रों को भी यही सलाह दी आपको बता दें कि इसके लिए 3 छात्रों का सिलेक्शन हुआ था तीसरे छात्र हमारे बीच उस समय मौजूद नहीं थे लेकिन 2 छात्रों ने अपने सिलेक्शन को लेकर और अपने पढ़ाई के तरीके को लेकर हम से चर्चा की
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