नई दिल्लीः राजधानी में रेहड़ी-पटरी लगाकर सामन बेचने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली में तहबाजारी के लिए अगले सप्ताह से टाउन वेंडिंग कमेटी का सर्वे शुरू हो जाएगा. जिसके तहत दिल्ली में वर्त्तमान में रेहड़ी-पटरी लगाने वाले सभी लोगों को शामिल किया जाएगा.
दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग सड़क या फुटपाथ पर रेहड़ी-पटरी लगाकर सामान बेचते हैं. इससे बहुत सारे लोगों को रोजगार तो बहुतों को सस्ता सामान मिलता है, लेकिन अक्सर इसकी वजह अतिक्रमण भी होता है और सड़कों पर जाम की स्थिति भी बन जाती है.
इसमें सामंजस्य बिठाने के लिए नगर निगम ऐसे रेहड़ी-पटरी वालों को तहबाजारी के तहत स्थान देती है. लेकिन दिल्ली में करीब 20 साल से तहबाजारी बंद है, इसकी वजह से रेहड़ी-पटरी वाले अक्सर नगर निगम और पुलिस वालों के सख्ती के शिकार होते रहते हैं.
'आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी है तहबाजारी'
इस पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्थाई समिति की सदस्य गुंजन गुप्ता का कहना है कि आत्मनिर्भर होने लिए जरूरी है कि सभी छोटे-बड़े व्यापर करने वाले लोगों को उनके इलाके में ही जगह उपलब्ध कराइ जाए. ताकि वो नौकरी मांगने वाले से नौकरी देने वाला बन सके. इसके लिए वर्षों से लंबित टाउन वेडिंग कमेटी का काम जल्द से पूरा होना चाहिए और लोगों को निडर होकर काम करने की आजादी मिलनी चाहिए.
अगस्त में पूरा हो जाएगा सर्वे
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उत्तरी शाहदरा जोन के उपायुक्त रानेन बताते हैं कि अब इस पर तेजी से काम हो रहा है. इसका सर्वे करने के लिए दिल्ली सरकार ने दो एजेंसियों को तय भी कर लिया है, जो इस सप्ताह में सर्वे का फॉर्मेट तय कर नगर निगम को प्रेजेंटेशन देंगी. उसके बाद सर्वे का काम शुरू हो जाएगा.
उनका कहना है कि फिलहाल सर्वे में वर्तमान में जितने भी लोग रेहड़ी-पटरी लगा रहे हैं सभी को शामिल किया जाएगा. उनकी कोशिश है कि सर्वे के काम को अगस्त के महीने में ही पूरा कर लिया जाए.