नई दिल्ली: शाहदरा इलाके के झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया में हुए भीषण अग्निकांड के पीड़ितों को मुआवजा जारी किया गया. तीन कर्मचारियों के परिवारजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक दिए गए. इस दौरान पीड़ित परिवारों की आंखें नम हो गई.
फ्रेंड्स कालोनी की एक फैक्ट्री में हुए भीषण अग्निकांड में मारे गए तीन कर्मचारियों के परिवारवालों को शाहदरा जिलाधिकारी कुलदीप पाकड़ और एसडीएम सीमापुरी ने नंदनगरी ऑफिस में पांच पांच लाख रुपये के चेक दिए. इस दौरान मृतकों के परिजनों की आंखें नम हो गई.
बीते 13 जुलाई की सुबह झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया की फ्रेंड्स कॉलोनी में कोरसा कंपनी में भयानक आग लग गई. आग की चपेट में वहां काम करने वाले तीन कर्मचारियों की मौत जो गई थी. हादसे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौके का मुआयना करने के बाद मृतकों के आश्रितों को पांच पांच लाख के मुआवजे का ऐलान किया था.
जानकारी के मुताबिक झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया की कंपनी में हुए अग्निकांड की चपेट में आई मंजू (45) पत्नी सीताराम निवासी गांव दानपुर, संगीता(40) पत्नी लखन प्रसाद निवासी बिहार और ब्रहमपुरी की गली नंबर 19 में रहने वाले शोएब जिसकी उम्र महज 20 साल थी उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
शोएब घर का इकलौता चिराग था और पिछले डेढ़ साल से उस फैक्ट्री में नौकरी कर रहा था. ये हादसा इतना दर्दनाक था कि घटनास्थल पर खुद विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन भी पहुंच गए थे.
सीएम केजरीवाल ने किया था ऐलान
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की तरफ से मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया था. शुक्रवार सुबह एसडीएम सीमापुरी पंकज भटनागर ने जिलाधिकारी शाहदरा कुलदीप पाकड़ की मौजूदगी में तीनों के परिजनों को सहायता राशि के चेक दिए.
इस दौरान हादसे में मौत का शिकार बनी संगीता के पति लखन प्रसाद अपनी बेटियों के साथ मौजूद रहे, बेटी ने जैसे ही डीएम और एसडीएम से मुआवजे का चेक लिया उनकी आँखों से आंसू छलक आए.
पीड़ितों ने सीएम केजरीवाल का आभार जताया
लखन प्रसाद ने इस सहायता राशि का चेक मिलने पर जिला प्रशासन के साथ साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद किया और कहा कि ये सहायता राशि उनके तीनों बच्चों की पढ़ाई लिखाई में काम आ जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद करते हैं कि अगर भविष्य में परिवार की और किसी तरह से मदद मिल जाये तो परिवार का लालन पालन हो जाएगा, क्योंकि संगीता ही अकेले पूरे परिवार को संभालती थी.
शोएब की मां बेटे के लिए करती रही विलाप
इस अग्निकांड में अपने घर का इकलौता चिराग गंवाने वाले वाहिद अली वैसे तो ब्रहमपुरी की गली नम्बर 19 में परिवार के साथ रहते हैं, लेकिन वो मूलरूप से यूपी के अलीगढ़, सिकंदर राऊ के रहने वाले हैं. आज भी शोएब की मां का रो रो कर हाल बुरा है. जैसे ही वाहिद सहायता राशि का चेक लेकर घर पहुंचे, उनकी पत्नी बेटे को याद करके बिलखने लगीं.
हालात ये हैं कि मां बार-बार एक ही बात कहती है कि सारी दुनिया की दौलत भी अब उनके बेटे को वापस नहीं ला सकती. सरकार ने जो सहायता राशि उन्हें दी है उससे कुछ गुजर बसर जरूर हो जाएगा.