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Video: तो इस फॉर्मूले से दिल्ली पुलिस कर रही अपराधियों को कंट्रोल!

दिल्ली में कोई भी आपराधिक घटना होने पर पुलिस सबसे पहले आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालती है. इससे मिलने वाले सुराग से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. इसलिए पुलिस इस तीसरी नजर को दिल्ली के बाजारों, सड़कों आदि पर अधिक से अधिक संख्या में लगवाने की कोशिश कर रही है.

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Published : Apr 3, 2019, 11:51 AM IST

तो इस फॉर्मूले से दिल्ली पुलिस कर रही अपराधियों को कंट्रोल!

नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों, गलियों और बाजारों में लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस आरोपियों तक तेजी से पहुंच रही है. पुलिस की कोशिश है कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी लगवाए जाए.

दिल्ली में कोई भी आपराधिक घटना होने पर पुलिस सबसे पहले आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालती है. इससे मिलने वाले सुराग से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. इसलिए पुलिस इस तीसरी नजर को दिल्ली के बाजारों, सड़कों आदि पर अधिक से अधिक संख्या में लगवाने की कोशिश कर रही है.

सीसीटीवी से सुलझे 75 फीसदी मामले!
क्राइम ब्रांच के डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. पुलिस ने कई बड़े मामलों को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस का दावा है कि अगर सीसीटीवी फुटेज हो तो लगभग 75% मामले पुलिस सुलझा ही लेती है.

तो इस फॉर्मूले से दिल्ली पुलिस कर रही अपराधियों को कंट्रोल!

सीसीटीवी है पुलिस का मददगार
डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक ने बताया कि अगर सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की तस्वीर कैद हो जाती है तो पुलिस उसे अपने पास मौजूद डेटा से मैच करती है. दरअसल दिल्ली पुलिस अपने अपराधियों का डेटा सुरक्षित रखता है. अगर वह पुराना अपराधी होता है तो उसकी पहचान हो जाती है. अगर वह नया अपराधी है तो पुलिस इसकी तस्वीर लेकर मुखबिर की मदद से उसको पकड़ने का प्रयास करती है.

बदमाशों में ख़ौफ
पुलिस अधिकारी इस बात को मानते हैं कि जहां सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं, वहां बदमाश भी वारदात करने से कतराते हैं. रेकी करने के दौरान बदमाश ये भी सुनिश्चित करते हैं कि उनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो.

सीसीटीवी लगाने पर पुलिस का जोर
दिल्ली पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाने एवं लगवाने का काम कर रही है. पुलिस RWA एवं मार्केट एसोसिएशन को उनके क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए कह रही है. दिल्ली के सभी स्कूलों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गये हैं. इतना ही नहीं राजपथ से लेकर राष्ट्रपति भवन, लालकिला आदि ऐतिहासिक स्थलों पर भी सीसीटीवी के जरिये निगरानी रखी जाती है. दिल्ली का मेट्रो परिसर पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे से लैस होने की वजह से काफी सुरक्षित माना जाता है.

सीसीटीवी की मदद से सुलझे ये बड़े मामले
निर्भया गैंगरेप मामले में पुलिस को सीसीटीवी से बस का नंबर मिला जिसकी मदद से गिरफ्तारियां हुई. वसंतकुंज इलाके के नितेश फार्महाउस में हुई उसके मालिक दीपक भारद्वाज की हत्या में भी हत्यारों का सुराग सीसीटीवी फुटेज से मिला. आईटीओ मेट्रो स्टेशन पर महिला पत्रकार से हुई छेड़छाड़ के मामले को पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से सुलझाया. नजफगढ़ इलाके में हुई पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या के मामले में भी पुलिस सीसीटीवी की मदद से कातिलों तक पहुंची.

नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों, गलियों और बाजारों में लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस आरोपियों तक तेजी से पहुंच रही है. पुलिस की कोशिश है कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी लगवाए जाए.

दिल्ली में कोई भी आपराधिक घटना होने पर पुलिस सबसे पहले आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालती है. इससे मिलने वाले सुराग से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. इसलिए पुलिस इस तीसरी नजर को दिल्ली के बाजारों, सड़कों आदि पर अधिक से अधिक संख्या में लगवाने की कोशिश कर रही है.

सीसीटीवी से सुलझे 75 फीसदी मामले!
क्राइम ब्रांच के डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. पुलिस ने कई बड़े मामलों को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस का दावा है कि अगर सीसीटीवी फुटेज हो तो लगभग 75% मामले पुलिस सुलझा ही लेती है.

तो इस फॉर्मूले से दिल्ली पुलिस कर रही अपराधियों को कंट्रोल!

सीसीटीवी है पुलिस का मददगार
डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक ने बताया कि अगर सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की तस्वीर कैद हो जाती है तो पुलिस उसे अपने पास मौजूद डेटा से मैच करती है. दरअसल दिल्ली पुलिस अपने अपराधियों का डेटा सुरक्षित रखता है. अगर वह पुराना अपराधी होता है तो उसकी पहचान हो जाती है. अगर वह नया अपराधी है तो पुलिस इसकी तस्वीर लेकर मुखबिर की मदद से उसको पकड़ने का प्रयास करती है.

बदमाशों में ख़ौफ
पुलिस अधिकारी इस बात को मानते हैं कि जहां सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं, वहां बदमाश भी वारदात करने से कतराते हैं. रेकी करने के दौरान बदमाश ये भी सुनिश्चित करते हैं कि उनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो.

सीसीटीवी लगाने पर पुलिस का जोर
दिल्ली पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाने एवं लगवाने का काम कर रही है. पुलिस RWA एवं मार्केट एसोसिएशन को उनके क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए कह रही है. दिल्ली के सभी स्कूलों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गये हैं. इतना ही नहीं राजपथ से लेकर राष्ट्रपति भवन, लालकिला आदि ऐतिहासिक स्थलों पर भी सीसीटीवी के जरिये निगरानी रखी जाती है. दिल्ली का मेट्रो परिसर पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे से लैस होने की वजह से काफी सुरक्षित माना जाता है.

सीसीटीवी की मदद से सुलझे ये बड़े मामले
निर्भया गैंगरेप मामले में पुलिस को सीसीटीवी से बस का नंबर मिला जिसकी मदद से गिरफ्तारियां हुई. वसंतकुंज इलाके के नितेश फार्महाउस में हुई उसके मालिक दीपक भारद्वाज की हत्या में भी हत्यारों का सुराग सीसीटीवी फुटेज से मिला. आईटीओ मेट्रो स्टेशन पर महिला पत्रकार से हुई छेड़छाड़ के मामले को पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से सुलझाया. नजफगढ़ इलाके में हुई पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या के मामले में भी पुलिस सीसीटीवी की मदद से कातिलों तक पहुंची.

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नई दिल्ली: राजधानी की सड़कों, गलियों और बाजारों में लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस आरोपियों तक तेजी से पहुंच रही है. पुलिस की कोशिश है कि भीड़-भाड़ वाले इलाके में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी लगवाए जाए.



दिल्ली में कोई भी आपराधिक घटना होने पर पुलिस सबसे पहले आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालती है. इससे मिलने वाले सुराग से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. इसलिए पुलिस इस तीसरी नजर को दिल्ली के बाजारों, सड़कों आदि पर अधिक से अधिक संख्या में लगवाने की कोशिश कर रही है.



सीसीटीवी से सुलझे 75 फीसदी मामले! 

क्राइम ब्रांच के डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी तक पहुंचना आसान हो जाता है. पुलिस ने कई बड़े मामलों को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस का दावा है कि अगर सीसीटीवी फुटेज हो तो लगभग 75% मामले पुलिस सुलझा ही लेती है.



सीसीटीवी है पुलिस का मददगार

डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक ने बताया कि अगर सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की तस्वीर कैद हो जाती है तो पुलिस उसे अपने पास मौजूद डेटा से मैच करती है. दरअसल दिल्ली पुलिस अपने अपराधियों का डेटा सुरक्षित रखता है. अगर वह पुराना अपराधी होता है तो उसकी पहचान हो जाती है. अगर वह नया अपराधी है तो पुलिस इसकी तस्वीर लेकर मुखबिर की मदद से उसको पकड़ने का प्रयास करती है.



बदमाशों में ख़ौफ

पुलिस अधिकारी इस बात को मानते हैं कि जहां सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं, वहां बदमाश भी वारदात करने से कतराते हैं. रेकी करने के दौरान बदमाश ये भी सुनिश्चित करते हैं कि उनका चेहरा सीसीटीवी कैमरे में कैद न हो.



सीसीटीवी लगाने पर पुलिस का जोर

दिल्ली पुलिस अपराध पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाने एवं लगवाने का काम कर रही है. पुलिस  RWA एवं मार्केट एसोसिएशन को उनके क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए कह रही है. दिल्ली के सभी स्कूलों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गये हैं. इतना ही नहीं राजपथ से लेकर राष्ट्रपति भवन, लालकिला आदि ऐतिहासिक स्थलों पर भी सीसीटीवी के जरिये निगरानी रखी जाती है. दिल्ली का मेट्रो परिसर पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे से लैस होने की वजह से काफी सुरक्षित माना जाता है.



सीसीटीवी की मदद से सुलझे ये बड़े मामले

निर्भया गैंगरेप मामले में पुलिस को सीसीटीवी से बस का नंबर मिला जिसकी मदद से गिरफ्तारियां हुई. वसंतकुंज इलाके के नितेश फार्महाउस में हुई उसके मालिक दीपक भारद्वाज की हत्या में भी हत्यारों का सुराग सीसीटीवी फुटेज से मिला. आईटीओ मेट्रो स्टेशन पर महिला पत्रकार से हुई छेड़छाड़ के मामले को पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से सुलझाया. नजफगढ़ इलाके में हुई पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या के मामले में भी पुलिस सीसीटीवी की मदद से कातिलों तक पहुंची.


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