नई दिल्ली : दिल्ली में साप्ताहिक बाजारों के बंद होने से आर्थिक मार झेल रहे रेहड़ी-पटरी वालों ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास के पास हाथों में कटोरी लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि दिल्ली के अनलॉक होने के बाद साप्ताहिक बाजार भी लगाने की अनुमति दी जाए, ताकि हम लोग भी अपनी आजीविका चला सकें. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेताते हुए कहा, यदि सरकार साप्ताहिक बाजार लगाने की अनुमति नहीं देगी, तो हजारों लोग सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
ईटीवी भारत ने प्रदर्शनकारियों से जब बात की तो उनका कहना था कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली को धीरे-धीरे अनलॉक कर दिया है, लेकिन 16 अप्रैल 2021 से साप्ताहिक बाजार बंद है. अभी तक लोगों को बाजार लगाने की परमिशन नहीं मिली है. आर्थिक मंदी के चलते लोगों के घर के चूल्हे भी ठंडे हो गए हैं. साथ ही बच्चों के स्कूल और ट्यूशन की फीस भी देने में असमर्थ हैं.
महीनों से मकानों का किराया भी नहीं दिया गया है. किराया नहीं मिलने पर मकान मालिक घर का सामान बाहर फेंक रहा है. बंदी के चलते लोगों के ऊपर काफी कर्ज भी हो गया है. घर में बुजुर्ग मां-बाप हैं उनकी दवाई का खर्चा भी बमुश्किल ही उठाया जा रहा है. मजबूरी में लोग गहने बेच रहे हैं. भुखमरी के हालात में प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेताया है कि यदि साप्ताहिक बाजार लगाने वाले कोई गलत कदम उठाते हैं, तो उसकी जिम्मेदार खुद सरकार होगी.
इसे भी पढ़ें: CISCE ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित किया
वहीं ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अश्वनी बागड़ी ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी की पहली लहर में करीब 2 महीने का लॉकडाउन लगाया तो सरकार के राजकोष खाली हो गए. सरकार ने अपना राजकोष भरने के लिए शराब की दुकानों को खोल दिया. महंगी दरों पर शराब भी बेची. अब, जब साप्ताहिक बाजार लगाने वाले लोगों के सामने कोई दुकान लगाने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं है, तो सरकार उनको दुकान नहीं लगाने दे रही है. बागड़ी ने दिल्ली की केजरावाल सरकार से माग कि है कि इनको दुकान लगाने की अनुमति दी जाए.
इसे भी पढ़ें: किसान कानून मर चुके हैं, डेथ सर्टिफिकेट पर साइन होना बाकी, सरकार वो नहीं कर रही है: योगेन्द्र यादव