नई दिल्ली: किराड़ी विधानसभा के शारदा एन्क्लेव के लोग गलियों में गंदा पानी जमा रहने से परेशान हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि शारदा एन्क्लेव में करीब 20 गलियों में गंदा पानी जमा रहता है. जिसके बारे में एमसीडी से शिकायत भी की गई. लेकिन एमसीडी की ओर से कहा जाता है कि निकासी ना होने के कारण पानी जमा है. वो पानी निकालने में असमर्थ हैं. लोगों ने बताया कि अभी तक गलियों से पानी साफ नहीं किया है. जिसके कारण स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
गलियों में भरा रहता है गंदा पानी
शारदा एन्क्लेव के निवासी मास्टर जुल्फीकार का कहना है कि ये पानी कौन निकालेगा. क्या हमारा जीवन इसी गंदे पानी में ही गुजरने वाला है. हम लोग जब ड्यूटी पर जाते हैं तो इसी गंदे पानी से गुजरना पड़ता है. कई बार बीमार पड़ने के बावजूद छुट्टियां भी हो जाती हैं. बच्चों को स्कूल ले जाना और लाना बहुत ही मुश्किल हो चुका है.
'पार्षद-विधायक से लेकर सीएम तक की शिकायत'
वहीं निवासी मोहम्मद इरशाद का कहना है कि 40 बार एमसीडी को शिकायत कर चुके हैं. आज तक निराशा ही हाथ लगी. दो बार सीएम केजरीवाल को भी मेल कर चुके हैं. वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इतना ही नहीं फ्लड डिपार्टमेंट को भी दो बार शिकायत कर चुके हैं, कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि वो लोग शिकायत लेकर दो बार निगम पार्षद पूनम पराशर झा के पास भी जा चुके हैं. वो अपने ऑफिस में नहीं मिलती. उनके स्टाफ बैठे थे. उन्हीं को लिखित में देकर आ गए, पार्षद ने भी कुछ नहीं किया. विधायक ऋतुराज के पास भी कई बार शिकायत कर चुके हैं. उन्होंने ने भी इस गंदे पानी की समस्या हल नहीं की.
'बच्चों को हो रही है बीमारियां'
वहीं एक महिला लुक्मी देवी ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे इसी गंदे पानी से होकर स्कूल जाते हैं. कई बार बच्चे इस गंदे पानी में गिर भी चुके हैं. वहीं इस गंदे पानी की वजह से कई बार बच्चे बीमार भी हो चुके हैं. बीमार होकर बच्चों को स्कूल की छुट्टियां करनी पड़ती है. उनका कहना है कि यहां बेहद गंदा पानी है, बड़े तो जैसे-तैसे निकल जाते हैं पर बच्चे कैसे निकले. अभी तो बरसात का समय भी नहीं है. जब बारिश होती है तब तो पानी लोगों के घरों में घुस जाता है. पूरी कॉलोनी तालाब में तब्दील हो जाती है
हम तो यह सोच कर अपने आप को कोसते हैं आखिर किराड़ी विधानसभा में हम लोग क्यों आए कहीं और क्यों नहीं गए. यहां के पार्षद और विधायक किसी की बात सुनने को तैयार ही नहीं है.