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बादली विधानसभा: बूंद-बूंद पानी के लिए मची त्राहि, हफ्ते में एक ही बार आता है टैंकर

भीषण गर्मी में नगर में पानी और बिजली का संकट गंभीर रूप लेता जा रहा है. यह हाल बादली विधानसभा के भलस्वा इलाके की स्वामी श्रद्धानंद कॉलोनी का है. यहां पर हफ्ते में एक बार ही पानी का टैंकर आता है, जिससे सैकड़ों लोगों के बीच पानी को लेकर होड़ मच जाती है. ईटीवी भारत ने इलाके की हालत जानी.

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Published : May 29, 2020, 5:09 PM IST

people of  shradhanand colony facing water crisis at badli in delhi
पानी की किल्लत से परेशान हुए लोग

नई दिल्ली: एक तो कोरोना वायरस की महामारी और दूसरी तरफ अब बढ़ती गर्मी में घरों में पीने का पानी भी मुश्किल से नसीब हो रहा है. ऐसे में इसकी आपूर्ति दिल्ली सरकार जल बोर्ड (DJB) के टैंकरों द्वारा कॉलोनियों में कराती है. लेकिन, जनता हर बार पानी की कमी के चलते परेशान होती है.

पानी की किल्लत से परेशान लोगों की सुनिए आपबीती

ऐसी ही किल्लत का सामना बादली विधानसभा के भलस्वा इलाके की स्वामी श्रद्धानंद कॉलोनी के लोग कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम हालात का जायजा लेने पहुंची.


जानिए लोगों की आपबीती

जब ईटीवी भारत ने इन लोगों से पानी की किल्लत के बारे में बात की तो जानिए इनका क्या कहना है.

  • पानी भरने को लेकर होती मारपीट

स्थानीय निवासी ने बताया कि गर्मियों में इस तरह से हर साल परेशान होना पड़ता है. सर्दियों में तो जैसे-तैसे काम चल जाता है. लेकिन गर्मियों के समय में बोतल बंद पानी भी महंगी दरों पर खरीदना पड़ता है. सरकार की नाकामियों के बावजूद दिल्ली की जनता पानी के टैंकरों के पीछे बर्तन लेकर दौड़ती है. कई बार पानी भरने को लेकर लोगों में मारपीट भी होती है, जिसका खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर भी चुकाना पड़ता है.

  • लोग टैंकर के पानी पर आश्रित

लोगों का कहना है कि पानी कभी-कभी जल बोर्ड की पाइप लाइन में आता है लेकिन ज्यादातर टैंकरों से ही भरना पड़ता है. सर्दियों के मौसम में तो जैसे-तैसे कम पानी से कम चल रहा था, लेकिन अब गर्मी आ गई है. जिसकी वजह से लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. पीने का पानी तो टैंकर से भर लेते हैं, बाकी दैनिक जरूरतों के लिए पानी दूसरों के घरों से भरना पड़ता है.

  • खाली बर्तन लेकर लौटते घर

वहीं लोगों का कहना है कि पानी भरने को लेकर कई बार झगड़ा भी होता है और कई बार तो ऐसा भी होता है कि बर्तन लेकर आते हैं तो पानी नहीं मिलने से खाली बर्तन लेकर ही वापस घर जाना पड़ता है. या फिर दूसरी जगह टैंकर आने का इंतजार करना पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चे पानी भरने को लेकर दूसरों से मिन्नते भी करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें पानी नहीं मिल पाता.

  • महंगी दरों पर खरीद रहे बोतल बंद पानी

गर्भवती महिला भी पानी देने के लिए लाइन में लगी हुई हैं. इनका कहना है कि कई बार पानी नहीं मिलने की वजह से परेशानी होती है. जिसका खामियाजा बोतल बंद पानी खरीद कर उठाना पड़ता है. अवैध बोरवेल वाले बोतलबंद पानी का कारोबार करते हैं और महंगी दरों पर गर्मियों के मौसम में पानी बेचते हैं. गर्मियों के सीजन में बोतल बंद पानी का कारोबार करने वालों की चांदी होती है. जरूरत के हिसाब से हर घर में 3-4 बोतल पानी रोज लगता है. सरकार के फ्री के पाने के बावजूद भी महंगी दरों पर बोतल बंद पानी खरीदना पड़ रहा है.

सरकार के खोखले वादे

हालांकि, चुनाव के दौरान बादली विधानसभा से आम आदमी पार्टी विधायक अजेश यादव ने दावे किए कि विधानसभा में ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. वहीं इलाके के लोग पानी को तरस रहे हैं और जमकर सरकार को कोस रहे हैं. जरूरत है सरकार जनता से किए गए वादों को पूरा करें ताकि आने वाले चुनाव में प्रत्याशी जनता के सामने वोट मांगने के लिए आकर खड़े हो सके.

नई दिल्ली: एक तो कोरोना वायरस की महामारी और दूसरी तरफ अब बढ़ती गर्मी में घरों में पीने का पानी भी मुश्किल से नसीब हो रहा है. ऐसे में इसकी आपूर्ति दिल्ली सरकार जल बोर्ड (DJB) के टैंकरों द्वारा कॉलोनियों में कराती है. लेकिन, जनता हर बार पानी की कमी के चलते परेशान होती है.

पानी की किल्लत से परेशान लोगों की सुनिए आपबीती

ऐसी ही किल्लत का सामना बादली विधानसभा के भलस्वा इलाके की स्वामी श्रद्धानंद कॉलोनी के लोग कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम हालात का जायजा लेने पहुंची.


जानिए लोगों की आपबीती

जब ईटीवी भारत ने इन लोगों से पानी की किल्लत के बारे में बात की तो जानिए इनका क्या कहना है.

  • पानी भरने को लेकर होती मारपीट

स्थानीय निवासी ने बताया कि गर्मियों में इस तरह से हर साल परेशान होना पड़ता है. सर्दियों में तो जैसे-तैसे काम चल जाता है. लेकिन गर्मियों के समय में बोतल बंद पानी भी महंगी दरों पर खरीदना पड़ता है. सरकार की नाकामियों के बावजूद दिल्ली की जनता पानी के टैंकरों के पीछे बर्तन लेकर दौड़ती है. कई बार पानी भरने को लेकर लोगों में मारपीट भी होती है, जिसका खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर भी चुकाना पड़ता है.

  • लोग टैंकर के पानी पर आश्रित

लोगों का कहना है कि पानी कभी-कभी जल बोर्ड की पाइप लाइन में आता है लेकिन ज्यादातर टैंकरों से ही भरना पड़ता है. सर्दियों के मौसम में तो जैसे-तैसे कम पानी से कम चल रहा था, लेकिन अब गर्मी आ गई है. जिसकी वजह से लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. पीने का पानी तो टैंकर से भर लेते हैं, बाकी दैनिक जरूरतों के लिए पानी दूसरों के घरों से भरना पड़ता है.

  • खाली बर्तन लेकर लौटते घर

वहीं लोगों का कहना है कि पानी भरने को लेकर कई बार झगड़ा भी होता है और कई बार तो ऐसा भी होता है कि बर्तन लेकर आते हैं तो पानी नहीं मिलने से खाली बर्तन लेकर ही वापस घर जाना पड़ता है. या फिर दूसरी जगह टैंकर आने का इंतजार करना पड़ता है. छोटे-छोटे बच्चे पानी भरने को लेकर दूसरों से मिन्नते भी करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें पानी नहीं मिल पाता.

  • महंगी दरों पर खरीद रहे बोतल बंद पानी

गर्भवती महिला भी पानी देने के लिए लाइन में लगी हुई हैं. इनका कहना है कि कई बार पानी नहीं मिलने की वजह से परेशानी होती है. जिसका खामियाजा बोतल बंद पानी खरीद कर उठाना पड़ता है. अवैध बोरवेल वाले बोतलबंद पानी का कारोबार करते हैं और महंगी दरों पर गर्मियों के मौसम में पानी बेचते हैं. गर्मियों के सीजन में बोतल बंद पानी का कारोबार करने वालों की चांदी होती है. जरूरत के हिसाब से हर घर में 3-4 बोतल पानी रोज लगता है. सरकार के फ्री के पाने के बावजूद भी महंगी दरों पर बोतल बंद पानी खरीदना पड़ रहा है.

सरकार के खोखले वादे

हालांकि, चुनाव के दौरान बादली विधानसभा से आम आदमी पार्टी विधायक अजेश यादव ने दावे किए कि विधानसभा में ज्यादातर काम पूरा हो चुका है. वहीं इलाके के लोग पानी को तरस रहे हैं और जमकर सरकार को कोस रहे हैं. जरूरत है सरकार जनता से किए गए वादों को पूरा करें ताकि आने वाले चुनाव में प्रत्याशी जनता के सामने वोट मांगने के लिए आकर खड़े हो सके.

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