नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव (MCD Election in Delhi) की तारीखों की घोषणा के बाद खुलेआम आचार संहिता (Code of Conduct violation) की धज्जियां उड़ाई जा रही है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता आचार संहिता को दरकिनार कर पोस्टर और बैनर के माध्यम से अपनी दावेदारी को मजबूत करते दिखाई दे रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह मौन है और इनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
चुनाव आयोग ने 4 दिसंबर को दिल्ली की 250 निगम वार्डों पर मतदान का ऐलान किया है, जिसके नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे. दिल्ली में चुनावी घोषणा के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई है. हालांकि, राजनीतिक पार्टियों द्वारा अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली के तमाम इलाकों में अलग-अलग पार्टियों में नए-नए चेहरे अपनी दावेदारी को मजबूत करते दिख रहे हैं.
तमाम पार्टियों के कार्यकर्ता अपनी दावेदारी ठोकते हुए पोस्टर और बैनर के माध्यम से अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. ये पोस्टर और बैनर जहां एक ओर दिल्ली की सुंदरता को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर इन पोस्टर और बैनर के माध्यम से खुलेआम आचार संहिता की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है. दिल्ली में आचार संहिता लगने के बावजूद ये पोस्टर और बैनर का दौर बदस्तूर जारी है, जो प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है.
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बता दें, इस तरह की तस्वीर कोई विशेष जगह नहीं बल्कि हर जगह देखी जा सकती है. दिल्ली के रोहिणी और आसपास के इलाकों में लगे ये पोस्टर और बैनर प्रशासन से यह सवाल करने पर मजबूर कर रहा है कि आखिर इस पर कोई भी विभागीय कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है. इस तरह की पोस्टरबाजी के बावजूद किसी तरह का एक्शन ना होना प्रशासन के सुस्त रवैए को भी दर्शा रहा है, जबकि आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन द्वारा सबसे पहले पोस्टरबाजी के खिलाफ कार्यवाही की जाती है, लेकिन यहां तो तमाम दीवारें और खंभे पोस्टर से पटे पड़े हैं.