नई दिल्ली: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद अब गणेश चतुर्थी के त्योहार में पूरा देश सराबोर है. देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा, जिसको लेकर सभी तैयारियां अंतिम दौर पर है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष तौर पर बाजार सजकर तैयार हो चुका है. जगह-जगह आकर्षक डिजाइन में भगवान गणेश जी की प्रतिमाएं देखने को मिल रही है. ये मूर्तियां इस अंदाज में तैयार की गई है, कि ये हर किसी को पसंद आए.
दिल्ली के सुल्तानपुरी में भी कुछ ऐसी ही नजारा देखने को मिला, जहां विशेष तौर पर गणेश जी की इको फ्रेंडली प्रतिमाएं श्रद्धालुओं की भी पहली पसंद रही है. श्रद्धालुओं में इसको लेकर एक अलग ही उत्साह है. श्रद्धालुओं का कहना है कि पर्यावरण के लिहाज से ईको फ्रेंडली प्रतिमाएं बेहद कारगर साबित होती है. इन्ही सब को ध्यान में रखते हुए अधिकतर लोगों द्वारा बाजार में मिट्टी से बनी इस प्रतिमाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. लोगों का ये भी कहना है कि इस दिन का वो बेसब्री से इंतजार करते हैं.
गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है. यह त्योहार 10 दिन तक मनाया जाता है. इस दौरान लोग घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं. वहीं, दसवें यानी अनंनत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. ऐसी मान्यता हैं कि इन दस दिनों में भगवान गणेश की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, इसलिए बड़ी संख्या में उनकी प्रतिमा को लोग अपने घरों में स्थापित करते हैं.
गणपति उत्सव को लेकर एमसीडी का अहम फैसला: दिल्ली नगर निगम ने गणपति उत्सव को लेकर अपने सभी जोन में इको फ्रेंडली प्रतिमाएं को मुफ्त की योजना के तहत वितरित करने का निर्णय लिया है. जानकारी के अनुसार, इको फ्रेंडली मूर्ति को विसर्जित करने के बाद मूर्ति के भीतर एक पौधे का बीज लगभग 15 दिनों में अंकुरित होगा. धीरे-धीरे वह पौधे का रूप ले लेगा, इस योजना का शुभारम्भ आज निगम मुख्यालय में मेयर शैली ऑबराय की मौजूदगी में तीन छोटी गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर किया गया.
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