नई दिल्ली: राजधानी के उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर युवाओं से ठगी करने के मामले में इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफाश करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया (cheating in name of work from home 4 arrested) है. पता चला है कि गिरोह का सरगना दुबई में है और वह युवाओं को वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी का शिकार बना रहा था. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 12 मोबाइल फोन, 20 मोबाइल बॉक्स, 17 एटीएम कार्ड, 22 सिम कार्ड, 5 फर्जी इंपोर्ट एक्सपोर्ट सर्टिफिकेट, 50 हजार रुपये व अन्य सामान बरामद किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मॉडल टाउन निवासी प्रदीप कुमार, कल्याण विहार निवासी अमित केडिया, शालीमार बाग निवासी रोहित जैन व पीतमपुरा निवासी सचिन गुप्ता के रूप में हुई है.
उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि आर्य पुरा इलाके में रहने वाले 20 साल की एक युवती ने नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी. युवती ने बताया था कि उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें उस शख्स ने खुद को अमेजन कंपनी का कर्मचारी बताया और वर्क फ्रॉम होम के बहाने उससे 3,15 745 रुपये ऐंठ लिए. मामले की पड़ताल के दौरान पता लगा कि युवती से ठगी गई रकम पेटीएम के द्वारा अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कराई गई है. इसके बाद, शिकायत के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया और मामले की पड़ताल के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया.
मामले की तफ्तीश करते हुए पुलिस टीम ने इन बैंक खातों की जांच की और टेक्निकल सर्विलांस के द्वारा आरोपों की पड़ताल शुरू कर दी. इसके बाद टीम को प्रदीप उर्फ राहुल नाम के एक युवक की जानकारी मिली, जिसे पुलिस ने मॉडल टाउन इलाके से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने बताया कि वह बैंक अकाउंट अमित केडिया और सचिन गुप्ता का है, जिसके बाद पुलिस टीम ने इन दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. इन आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि दिल्ली में उनकी टीम का लीडर रोहित जैन है, जो अशोक विहार में एक कॉल सेंटर चलाता है और दुबई में गिरोह के मास्टरमाइंड पैसा ट्रांसफर करता है. बाद में पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर आरोपी रोहित जैन को भी गिरफ्तार किया जिसके पास से कैश गिनने वाली मशीन भी बरामद हुई है.
वहीं आरोपी रोहित जैन ने पूछताछ में बताया कि उसका पार्टनर जिगर उर्फ जॉली, गिरोह का मुख्य सरगना है और दोनों दुबई में रहने वाले गुलाटी के लिए काम करते हैं. गुलाटी से दोनों की मुलाकात दुबई में हुई थी, जब वे दुबई घूमने के लिए गए थे. जॉली ने ही इन्हें बताया था कि वह लोगों को किस तरह से अपनी ठगी का शिकार बना सकते हैं. गुलाटी ने कुछ लोगों की मदद से अमेजन की फर्जी वेबसाइट बनवाई जिसके बाद वे जॉब ढूंढने वाले लोगों को टारगेट करने लगे. वह फिलीपींस ओरिएंटेड नंबर के जरिए व्हाट्सऐप पर ऐसे बेरोजगार नौजवानों से संपर्क करता जिनका डाटा वह ऑनलाइन जॉब पोर्टल के माध्यम से हासिल करता था और उन्हें अपनी ठगी का शिकार बनाता था.
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पूछताछ में यह भी जानकारी मिली कि वे व्हाट्सऐप नंबर के जरिए फर्जी वेबसाइट का लिंक लोगों को भेजते थे. इस तरह से जो भी बेरोजगार नौजवान उनके झांसे में आता वह उसे अपना शिकार बनाते और ठगी की रकम के लिए अलग-अलग बैंक अकाउंट के पेटीएम नंबर उसे देते थे. यह रकम सीधे दुबई में गुलाटी को ट्रांसफर हो जाती थी. फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पड़ताल में जुटी है.
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