नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में महज कुछ घंटों की हुई बारिश ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के दावों की पोल खोल कर रख दी. अभी तो बारिश ने छोटा सा ट्रेलर दिखाया है और पूरा मानसून आना अभी बाकी है. लेकिन दिल्ली की बुराड़ी विधानसभा में सड़कों पर बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया है. जिसकी वजह से आम लोगों को सड़क से निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय विधायक बार-बार विकास का दावा करते हैं लेकिन लगातार तीसरी बार विधायक बनने के बाद भी अभी तक बुराडी की सड़के टूटी हुई है. जिसकी वजह से स्थानीय लोग विधायक के दावों को भी खोखला बता रहे हैं.
बुराड़ी में जलभराव से लोग परेशान
बुराड़ी विधानसभा की टूटी हुई सड़कों पर जलभराव की समस्या आम हो चुकी है जिसकी वजह से सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जो हादसों को दावत भी दे रहे हैं. बुराड़ी की स्थानीय जनता विधायक पर काम ना करने के आरोप भी लगाती रही है. अब तो बारिश ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल कर रख दी. जिस पर बुराड़ी विधायक संजीव झा अपनी सफाई भी दे रहे हैं, तो कहीं आरोप दिल्ली नगर निगम पर है.
दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के काम में भी कमी नजर आ रही है. बुराड़ी विधानसभा में करीब 7 किलोमीटर की मुख्य सड़क पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आती है. जिस पर ज्यादातर गड्ढे और जलभराव की समस्या बनी रहती है. जिसकी वजह से लोग काफी परेशान हैं और अब तो मानसून भी आने वाला है. जिससे कभी भी बड़े बड़े हादसे हो सकते हैं.
विधायक ने काम पर दी सफाई
बुराड़ी विधायक संजीव झा ने बताया कि अभी पीडब्ल्यूडी विभाग और दिल्ली सरकार की ओर से बुराड़ी विधानसभा में कई काम कराए जाने बाकी हैं. सड़कें टूटी हुई है, जिनकी मरम्मत का काम चल रहा है. नाले की सफाई का काम चल रहा है. सड़के टूटी होने और नालों की सफाई होने की वजह से सड़कों पर जलभराव की समस्या से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है, जिसका जल्द ही समाधान किया जाएगा.
तीसरी बार विधायक बनने पर भी समस्या ज्यो की त्यों
हालांकि, बुराड़ी विधायक समय-समय पर जनता की समस्या को देखते हुए काम करने के दावे तो करते हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. जिसकी वजह से स्थानीय जनता भी इनसे खासी नाराज है. जरूरत है कि मानसून को देखते हुए जलभराव की समस्या का निदान कराया जाए. टूटी हुई सड़कों की मरम्मत कराकर होने वाले हादसों को टाला जाए. ताकि मानसून के दौरान जलभराव की वजह से किसी को हादसों का शिकार ना होना पड़े.