एंटरप्रेन्योरशिप पाठ्यक्रम के लिए दिल्ली सरकार ने नई दिल्ली के राउज़ एवेन्यू में स्थित एक सरकारी स्कूल में वर्कशॉप का आयोजन किया और कई संस्थाओं से इस पाठ्यक्रम को लेकर उनकी राय मांगी. इस वर्कशॉप में 80 से ज्यादा एनजीओ ने भाग लिया. बता दें कि 13 फरवरी को एससीईआरटी त्यागराज स्टेडियम में एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम लॉन्च करेगी.
6 लाख छात्रों के लिए पाठ्यक्रम
सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्रों को सक्षम बनाने में दिल्ली सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही, जिसकी शुरुआत हैप्पीनेस पाठ्यक्रम द्वारा की गई. इस पाठ्यक्रम को नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए ये तैयार किया गया है. यह पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक सभी स्कूलों में लागू हो चुका है.
वहीं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्रों को सक्षम बनाने के लिए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसके चलते 9वीं से 12वीं तक की कक्षा में पढ़ रहे लगभग 6 लाख छात्रों के लिए अगले सत्र से यह पाठ्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा.
इस पाठ्यक्रम को लेकर उप मुख्यमंत्री ने राउज़ एवेन्यू स्थित एक सरकारी स्कूल में एकदिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसमें कई स्वयं सेवा संस्थाओं ने हिस्सा लिया. साथ ही 9वीं से 11वीं तक के कई प्रतिभाशाली छात्रों ने भी इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया और इस पाठ्यक्रम को लेकर अपने विचार साझा किए.
'भारत में एक से एक विद्वान'
छात्रों को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां पर एक से एक विद्वान है. फिर भी विश्व की 50 सबसे बड़ी कंपनियों में एक भी कंपनी भारतीय नहीं है. इसका कारण है कि आज कल युवा पीढ़ी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी पाने की अभिलाषा रखती है.
यही कारण है कि भारत के प्रतिभाशाली युवा विदेशी कंपनियों में काम करके उन कंपनियों को आगे बढ़ा रहे हैं. सिसोदिया का कहना है कि युवा पीढ़ी को एक बेहतर सोच देने के लिए और उन्हें सशक्त बनाने के लिए स्कूलों से ही शुरुआत करनी होगी. एंटरप्रेन्योरशिप पाठ्यक्रम द्वारा न सिर्फ छात्रों को विभिन्न प्रकार के स्किल्स सिखाए जाएंगे बल्कि छात्रों में ऊंची सोच और बेहतर नजरिए को भी विकसित किया जाएगा.
नौकरी देना सीखें!
जिससे वे नौकरी मांगने की जगह नौकरी देना सीख सकें. उदाहरण देते हुए सिसोदिया ने कहा कि यह ऊंची सोच ही थी जिसने मार्क जुकरबर्ग को फेसबुक बनाने के लिए प्रेरित किया और सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया. यह ऊंची सोच ही थी जिसने एक सरकारी अफसर वर्गीज कुरियन को अमूल जैसी कंपनी जो विश्व में दूसरी सबसे बड़ी डेयरी है के संचालन के लिए प्रेरित किया और अपने साथ साथ कई अन्य लोगों को भी रोजगार दिलवाया.
इन्हीं उदाहरणों से सीख कर हमारे छात्र भी एक नए नजरिए का विकास कर सकें. इसको लेकर 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए यह पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है जिससे अपने भविष्य के साथ साथ वह औरों का भी भविष्य बना सकें.
80 से ज्यादा संस्थाओं ने लिया हिस्सा
बता दें कि एक दिवसीय इस वर्कशॉप में 80 से ज्यादा संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. उप मुख्यमंत्री ने इस वर्कशॉप में भाग लेने वाले सभी लोगों से उनकी राय और विचार साझा करने के लिए कहा. जिसके लिए उन्हें 4 भागों में बांट दिया गया.
हर ग्रुप ने अपने विचार और डिजाइन श्रोताओं के साथ साझा किए. इस वर्कशॉप में केवल संस्थाओं के प्रतिनिधि और युवा ही नहीं बल्कि 9वीं से 11वीं तक के बीस प्रतिभाशाली छात्रों ने भी हिस्सा लिया जिन्होंने इस पाठ्यक्रम की संरचना में अपने विचार साझा किए.