नई दिल्ली: पिछले 13 दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बैठे दिल्ली नगर निगम के महापौरौं और पार्षदों को दिल्ली पुलिस ने वहां से कहीं और अपना धरना-प्रदर्शन करने के लिए नोटिस दिया है. दिल्ली पुलिस के एसीपी ने सुप्रीम कोर्ट DDMA ऐक्ट और धारा 144 का हवाला देते हुए तीनों महापौर और उनके साथी पार्षदों को जगह खाली करने का नोटिस दे दिया है. साथ ही कहा गया है कि वह अपना धरना-प्रदर्शन यहां की जगह कहीं और कर सकते हैं.
लड़ाई को हम कमजोर नहीं होने देंगे
महापौर जयप्रकाश ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा हमें नोटिस दिया गया. हम संविधान को मानने वाले लोग हैं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर ने कहा कि दिल्ली पुलिस के आग्रह पर हम यहां से जाने के लिए तैयार हैं. लेकिन अभी हमारी लड़ाई समाप्त नहीं हुई, अभी तो शुरू हुई है. दिल्ली सरकार ने सदन में भी यह माना है कि उन्हें नगर निगम का 13000 करोड़ रुपए देना है. महापौर ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो निगम के साथ भेदभाव किया है उसको जन-जन तक लेकर जाएंगे और इस लड़ाई को हम कमजोर नहीं होने देंगे.
निगम ने आगे बढ़कर किया काम
दिल्ली सरकार पर बड़ा हमला करते हुए महापौर ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, सैनिटाइजेशन बायो मेडिकल वेस्ट उठाना, सड़कों की सफाई करना और कोरोना काल में भी संक्रमण को कम करना यह काम आगे बढ़कर नगर निगम ने किया है. ना कि दिल्ली सरकार ने. हम यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात करने के लिए आए थे ना कि यहां धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल करने के लिए. हमारी कोई व्यक्तिगत मांग नहीं है, यह मांगे सभी निगम के कर्मचारियों के लिए है. हम उनकी आवाज बन कर यहां पहुंचे थे, लेकिन हम 13 दिन से बैठे हैं. मुख्यमंत्री के पास 30 सेकेंड का भी समय नहीं है हमसे बात करने के लिए.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर बैठे धरने पर अब सभी महापौरौं को और उनके साथी पार्षदों को दिल्ली पुलिस द्वारा यहां से हटने का नोटिस दिया गया है. लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि यहां से हटने के बाद दिल्ली नगर निगम के सभी महापौर दिल्ली सरकार के खिलाफ कैसे अपना धरना प्रदर्शन करते हैं.