नई दिल्ली: चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवालय में सभी मंत्रियों के साथ बैठक की. इसके बाद गर्मी के मद्देनजर राजधानी में पानी की जबरदस्त समस्या को लेकर दिल्ली जल बोर्ड की बैठक होनी थी, जो टल गई.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आचार संहिता होने से सरकार जनहित योजनाओं को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी, अब आचार संहिता खत्म होने के बाद केजरीवाल ने सभी मंत्रियों की बैठक की और पाइप लाइन की योजनाओं को कैसे लागू करना है इस पर चर्चा की.
इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड की बैठक होनी थी, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते यह बैठक टल गई. वहीं जल बोर्ड के सदस्यों ने सूचना देरी से देने का आरोप लगाया और दिल्ली जल बोर्ड की बैठक किसी और दिन बुलाने की बात कही. जिस पर मुख्यमंत्री जो दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन भी हैं उन्होंने बैठक स्थगित करने के लिए हामी भर दी.
लोगों को मिल रहा है गंदा पानी
भीषण गर्मी में दिल्ली के कई इलाकों में पानी की जबरदस्त समस्या है और जल बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों से जो पानी की आपूर्ति की जा रही है, वो भी गंदा और बदबूदार पानी है. जिससे लोगों के साथ-साथ स्थानीय विधायकों को भी काफी परेशानी हो रही है. वहीं, विधायक के पास समस्या लेकर जब लोग पहुंचते हैं तो विधायकों को भी सिवाय अधिकारियों को फोन करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है. कई विधायकों का आरोप है कि संबंधित अधिकारी फोन नहीं उठाते जिससे लोगों की समस्या दूर नहीं हो पाती और ऐसे में लोगों की नजर में विधायकों का महत्व कम हो जाता है.