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2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे के दो आरोपी दोषी करार, 8 जनवरी को हो सकती है सजा

2020 Delhi Riots: दिल्ली की अदालत ने 2020 दिल्ली दंगे के दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. उनकी सजा पर 8 जनवरी को विचार किया जाएगा. इन पर त्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी करने का आरोप है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 3, 2024, 8:46 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने दोनों दोषियों की सजा पर 8 जनवरी को विचार करने का आदेश दिया. कोर्ट ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है उनमें नूर मोहम्मद ऊर्फ नूरा और नबी मोहम्मद शामिल हैं.

कोर्ट ने नूरा को भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 188, 392, 427, 435 और 436 के तहत दोषी करार दिया. जबकि, नबी मोहम्मद को धारा 411 के तहत दोषी करार दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
घटना 24 फरवरी 2020 की है.

1 मार्च 2020 को शिकायकर्ता दिलीप और शिव कुमार राघव ने संयुक्त रूप से खजूरी खास पुलिस थाने में लिखित शिकायत दी थी. इसके आधार पर पुलिस ने 4 अप्रैल 2020 को एफआईआर दर्ज की थी. शिकायत के मुताबिक, 24 फरवरी 2020 को गिरि आटोमोबाइल्स में 40-50 की संख्या में दंगाई तोड़फोड़ करते घुसे और वर्कशाप के बाहर खड़े दो मोटरसाइकिल को आग लगा दिया. दंगाईयों ने वर्कशाप के खुले हुए शटर को तोड़ दिया और वर्कशाप में आग लगाकर वहां पड़े 13 मोटरसाइकिल को जला दिया.

शिकायत के मुताबिक, दंगाईयों में से दो लड़के शिकायकर्ताओं की तरफ आए. एक गेट के पास खड़ा रहा और दूसरा आकर शिकायतकर्ताओं को आग से जलाकर मार डालने की धमकी देते हुए मोबाइल फोन और पैसे मांगने लगा. आरोपियों ने दोनों शिकायतकर्ताओं के मोबाइल फोन और पैसे ले लिए और पांच मिनट के अंदर घटनास्थल से भाग गए.

यह भी पढ़ेंः कोर्ट की अवमानना के मामले में लेखक आनंद रंगनाथन बरी, जज पर की थी टिप्पणी

शिव कुमार राघव अपने दोस्त की बेटी की शादी में देने के लिए ढाई लाख रुपये एक मैट्रेस के अंदर छिपाकर रखे थे. जब स्थिति कुछ नियंत्रण में हुई तो दोनों शिकायतकर्ता 8 बजे अपने वर्कशाप पहुंचे. वहां उन्होंने देखा कि पूरा वर्कशाप जला दिया गया है. शिव कुमार राघव के ढाई लाख रुपये भी वहां नहीं थे. जांच के दौरान जांच अधिकारी जीवानंद ने घटनास्थल से 15 अधजली मोटरसाइकिल जब्त की थी. पुलिस ने इस घटना के साथ ही सात अन्य घटनाओं की शिकायतों को एक साथ जांच शुरू की.

जांच में पाया गया कि आगजनी के दौरान छीना गया एक मोबाइल एक्टिव था. उसका इस्तेमाल एक लड़का कर रहा था. पुलिस ने जब मोबाइल का इस्तेमाल करनेवाले लड़के से पूछा तो उसने बताया कि पड़ोसी नूर मोहम्मद ऊर्फ नूरा ने उससे सात हजार रुपये में मोबाइल बेचा था. लड़के की ओर से पहचान करने के बाद नूरा को 31 मार्च 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया. नूरा ने पूछताछ में बताया कि उसने एक हजार रूप में दूसरे आरोपी नबी मोम्ममद को दूसरा मोबाइल बेच दिया. नूरा पुलिस को नबी मोहम्मद के पास ले गया. नबी मोहम्मद की पहचान के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कुल नौ गवाहों के बयान और उनके साक्ष्य दर्ज कराए थे. बता दें, फरवरी 2020 में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे.

यह भी पढ़ेंः यात्रीगण कृपया ध्यान दें, 15 जनवरी के बाद अयोध्या से आनंद विहार के बीच चलेगी वंदे भारत

नई दिल्लीः दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने दोनों दोषियों की सजा पर 8 जनवरी को विचार करने का आदेश दिया. कोर्ट ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है उनमें नूर मोहम्मद ऊर्फ नूरा और नबी मोहम्मद शामिल हैं.

कोर्ट ने नूरा को भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 188, 392, 427, 435 और 436 के तहत दोषी करार दिया. जबकि, नबी मोहम्मद को धारा 411 के तहत दोषी करार दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
घटना 24 फरवरी 2020 की है.

1 मार्च 2020 को शिकायकर्ता दिलीप और शिव कुमार राघव ने संयुक्त रूप से खजूरी खास पुलिस थाने में लिखित शिकायत दी थी. इसके आधार पर पुलिस ने 4 अप्रैल 2020 को एफआईआर दर्ज की थी. शिकायत के मुताबिक, 24 फरवरी 2020 को गिरि आटोमोबाइल्स में 40-50 की संख्या में दंगाई तोड़फोड़ करते घुसे और वर्कशाप के बाहर खड़े दो मोटरसाइकिल को आग लगा दिया. दंगाईयों ने वर्कशाप के खुले हुए शटर को तोड़ दिया और वर्कशाप में आग लगाकर वहां पड़े 13 मोटरसाइकिल को जला दिया.

शिकायत के मुताबिक, दंगाईयों में से दो लड़के शिकायकर्ताओं की तरफ आए. एक गेट के पास खड़ा रहा और दूसरा आकर शिकायतकर्ताओं को आग से जलाकर मार डालने की धमकी देते हुए मोबाइल फोन और पैसे मांगने लगा. आरोपियों ने दोनों शिकायतकर्ताओं के मोबाइल फोन और पैसे ले लिए और पांच मिनट के अंदर घटनास्थल से भाग गए.

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शिव कुमार राघव अपने दोस्त की बेटी की शादी में देने के लिए ढाई लाख रुपये एक मैट्रेस के अंदर छिपाकर रखे थे. जब स्थिति कुछ नियंत्रण में हुई तो दोनों शिकायतकर्ता 8 बजे अपने वर्कशाप पहुंचे. वहां उन्होंने देखा कि पूरा वर्कशाप जला दिया गया है. शिव कुमार राघव के ढाई लाख रुपये भी वहां नहीं थे. जांच के दौरान जांच अधिकारी जीवानंद ने घटनास्थल से 15 अधजली मोटरसाइकिल जब्त की थी. पुलिस ने इस घटना के साथ ही सात अन्य घटनाओं की शिकायतों को एक साथ जांच शुरू की.

जांच में पाया गया कि आगजनी के दौरान छीना गया एक मोबाइल एक्टिव था. उसका इस्तेमाल एक लड़का कर रहा था. पुलिस ने जब मोबाइल का इस्तेमाल करनेवाले लड़के से पूछा तो उसने बताया कि पड़ोसी नूर मोहम्मद ऊर्फ नूरा ने उससे सात हजार रुपये में मोबाइल बेचा था. लड़के की ओर से पहचान करने के बाद नूरा को 31 मार्च 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया. नूरा ने पूछताछ में बताया कि उसने एक हजार रूप में दूसरे आरोपी नबी मोम्ममद को दूसरा मोबाइल बेच दिया. नूरा पुलिस को नबी मोहम्मद के पास ले गया. नबी मोहम्मद की पहचान के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कुल नौ गवाहों के बयान और उनके साक्ष्य दर्ज कराए थे. बता दें, फरवरी 2020 में हुई हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ के करीब लोग घायल हुए थे.

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