नई दिल्ली: देश में फैल रही महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली सरकार के लॉक डाउन को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों के बाद धार्मिक स्थलों को भी 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है. यमुनापार में भी मंदिर और मस्जिदों पर इसका असर देखने को मिला, यहां मस्जिदों के बाहर बोर्ड लगाकर लोगों से घरों में नमाज पढ़ने का आह्वान किया गया है.
वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुकी कोरोना वायरस की बीमारी को देखते हुए इस वायरस के प्रकोप को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने आगामी 31 मार्च तक के लिए लॉक डाउन का ऐलान किया है. जिसके मद्देनजर बाजारों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों को भी इसमें शामिल किया गया है.
लगाए गए मंदिर-मस्जिद के बाहर बोर्ड
इसी घोषणा को ध्यान में रखते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में मौजूद मंदिर, मस्जिद में इस तरह के नोटिस बोर्ड लगाए गए जिनपर लिखा हुआ था कि कोरोना के वायरस को रोकने की मुहिम में भाग लेते हुए धार्मिक स्थल बंद किए गए हैं. साथ ही लोगों से इस तरह की अपील भी की गई है कि लोग मस्जिद में जाने के बजाय घरों पर ही नमाज अदा करें. इसी तरह मंदिरों में भी 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी गई है.
सीलमपुर स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर के पुजारी पंडित भगवत प्रसाद शर्मा ने बताया कि लोगों से आह्वान किया गया है कि लोग मंदिर में न आए और जो कोई इक्के दुक्का मंदिर आ भी जाता है उसे बताकर घरों से ही पूजा अर्चना की बात कहकर लौट दिया जाता है.
वहीं बाबुल उलूम मदरसे के मौलाना दाऊद अमिनी ने कहा कि सरकार जो भी कदम उठा रही है वह दिल्ली की अवाम के लिए उठा रही है, ऐसे में अवाम का भी फर्ज बनता है कि इस बीमारी को रोक के लिए सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसले में उसका न केवल समर्थन करें बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक बनकर इस महामारी के वायरस को फैलने से बचाने में भी सरकार की मदद करें.