नई दिल्लीः लॉकडाउन के दौरान कुछ बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाएं रमजान के पवित्र महीने में आपसी सद्भाव और भाईचारे की मिसाल कायम कर रही हैं. पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद में ये महिलाएं गली मोहल्लों के साथ ही मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे को भी सैनिटाइज कर रही हैं.
'धर्म नहीं इंसानियत रखती मायने'
सैनिटाइज करने में लगी बुर्कानशीं मुस्लिम वॉलंटियर इमराना सैफी ने कहा कि उनके लिए धर्म मायने नहीं रखता, उनके लिए सबसे पहले इंसानियत है, हमारा धर्म इस्लाम भी यही सिखाता है. सामाजिक संस्था से जुड़ी इमराना अपनी दूसरी साथियों के साथ मुस्तफाबाद के नेहरू विहार, शिव विहार समेत आसपास के इलाकों में घूमकर सैनिटाइज कर रही हैं.
बुर्का पहने कंधे पर भारी भरकम मशीन को उठाये इमराना जब नेहरू विहार की गली नंबर दस में मौजूद नव श्री दुर्गा मंदिर पहुंची तो मंदिर के पुजारी भी उन्हें देखकर ठिठक गए, लेकिन जब उनके आने का मकसद जाना तो वह भी बहुत खुश हुए और उन्होंने इन बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं से पूरे मंदिर को सैनिटाइज कराया.
इस मौके पर मंदिर के पुजारी पंडित योगेश्वर ने बताया कि फेडरेशन का यह कार्य यकीनन काबिल-ए-तारीफ है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए लॉकडाउन का पालन करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियम मानने और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा.
संस्था की चेयरमैन रिजवान अली अंबेडकरवादी ने बताया कि रमजान के महीने में ये बुर्कानशीं महिलाएं भी कोरोना से लड़ने के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकार मैदान में उतरी हुई हैं.