नई दिल्ली: सभी अस्पतालों को दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि वो हिंसा में मारे गए लोगों का पोस्टमार्टम करते समय उनकी वीडियोग्राफी कराएं. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी शवों के डीएनए सैंपल को 11 मार्च तक संरक्षित रखने का आदेश दिया हैं. मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.
'बिना पहचान वाले किसी भी शव का निस्तारण नहीं करें'
कोर्ट ने कहा कि बिना पहचान वाले किसी भी शव का निस्तारण 11 मार्च तक नहीं करें. कोर्ट ने ये आदेश एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मोहम्मद आरिफ नामक एक व्यक्ति ने अपने रिश्तेदार का पता लगाने के लिए याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के रिश्तेदार हमजा का शव गोकलपुरी के नाले से बरामद किया गया है. उसका पोस्टमार्टम राममनोहर लोहिया अस्पताल में कराया जाएगा.
'बिना पहचान वाले सभी शवों की सूचना वेबसाइट पर डाले'
पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो बिना पहचान वाले सभी शवों के बारे में उनके फोटो के साथ सूचना अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.