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कड़कड़डूमा कोर्ट में दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख की सरकारी गवाह ने की पहचान - DELHI NCR NEWS

कड़कड़डूमा कोर्ट में दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख पठान और अन्य आरोपियों की सुनवाई चल रही है. बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकारी गवाह सेवानिवृत्त एसआई करन सिंह ने कोर्ट के सामने शाहरुख पठान की पहचान की.

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Published : May 17, 2023, 5:20 PM IST

Updated : May 17, 2023, 8:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख पठान व अन्य आरोपियों की कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बुधवार को अतरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट में सरकारी गवाह के रूप सेवानिवृत्त एसआई करन सिंह को बुलाया गया था, जहां उन्होंने कोर्ट के सामने शाहरुख पठान की पहचान की. इस मामले के चारों आरोपी कोर्ट आए थे.

वहीं, आरोपियों के वकीलों ने अपने बचाव में जिरह के दौरान सरकारी गवाह से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने गवाह से पूछा कि दंगे के समय आप की ड्यूटी कहां थी और आपको इस इलाके में आने का आदेश किसने दिया. सरकारी गवाह ने कहा कि दंगे की आपातकाल सूचना मिलने पर हमें पीटीसी ग्राउंड वजीराबाद से अपने दस्ते व दंगे के बचाव समान के साथ तुरंत आने के लिए कहा गया. इस मामले के मुख्य गवाह दीपक दहिया हैं, जो उस समय पिस्तौल थामे हुए शाहरुख पठान के ठीक सामने खड़े थे, जिनकी अभी गवाही नहीं हुई है. आने वाले समय मे उन्हें भी जल्द गवाही के लिए बुलाया जाएगा.

2020 में दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो एक पिस्तौल लिए एक पुलिसवाले के सामने खड़ा था. इसके कई दिन बाद पुलिस ने शाहरुख पठान व उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. 23 साल के इस शख्स पर जाफराबाद में ऐंटी-सीएए प्रोटेस्ट के दौरान दंगे में शामिल होने के आरोप लगे हैं. अब इसके पिछले एक और वायरल वीडियो पर लोगों का गुस्सा फूट था. जब 23 मई को शाहरुख 65 साल के अपने बीमार पिता से मिलने के लिए घर पहुंचा था. पुलिस की कस्टडी में घर आए दंगे के आरोपी का उसके समर्थकों ने स्वागत ऐसे किया जैसे कोई सिलेब्रिटी आया हो. गली में नारे लगे और हल्ला मचाया गया, जबकि उसे कोर्ट ने केवल चार घंटे की परोल मोहल्लत दी थी.

इसे भी पढ़ें: जेल में बंद सुकेश ने लिखा एक और लेटर, कहा- केजरीवाल के दवाब में काम कर रहे जेल अधिकारी

जानकारी के मुताबिक, उस समय शाहरुख पठान कुछ घंटों के लिए ही जेल से पेरोल पर आया था. उस दौरान उसके समर्थकों की भीड़ जुटी थी. उस दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जहां उसके समर्थक उसका स्वागत कर रहे. उस वीडियो में वह पुलिसकर्मियों के साथ कहीं जा रहा है और उसके आसपास भीड़ जमा है. यह वीडियो 23 मई 2022 का था. उस दिन उसे 4 घंटे की कस्टडी परोल पर रिहा किया गया था. शाहरुख पठान को यह परोल उसके बीमार पिता से मिलने के लिए मिली थी. अब उसे वापस जेल भेज दिया गया है. कोर्ट में आज बचाव पक्ष द्वारा कई जरूरी सवाल सरकारी गवाह से पूछे गए, जिनको कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया है. मामले की अगली सुनवाई कल यानी गुरुवार को फिर होगी.

दिल्ली दंगों से जुड़े आरोपी को कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के एक आरोपी को सशर्त जमानत दी है. इस मामले में आरोपी जमानत मिलने के बाद कोर्ट के समक्ष पेश नहीं होता था, जिस कारण से कोर्ट ने आरोपी के गैर जमानती वारंट जारी कर उसकी जमानत निरस्त करके उसे हिरासत में ले लिया था.

अब इसी मामले में आरोपी की मां ने जमानत का आवेदन लगाया गया था. जहां आरोपी के वकील ने कोर्ट में अपने दलील में कहा कि आरोपी काफी समय से अपने परिवार वालों के सम्पर्क में नहीं था. ना ही आरोपी के पास कोई मोबाइल फोन था, जिससे उससे सम्पर्क हो सकता. अब आरोपी के परिवार वाले कोर्ट से ये निवेदन कर रहे हैं कि आने वाली सभी तारीखों पर आरोपी को पेश किया जाएगा, इसलिए उसे जमानत प्रदान की जाए. मौजूदा मामले में आरोपी लगातार कोर्ट के सामने आने से लगातार बच रहा था और उसने अपना निवास स्थान भी बदल लिया था. जिस कारण से उससे किसी का संपर्क भी नहीं हो पा रहा था, इसलिए कोर्ट ने उसकी जमानत खारिज कर उसको दुबारा जेल भेज दिया था.

आरोपी की मां ने कोर्ट को आश्वाशन दिया कि अब वो आगे से आरोपी को कोर्ट के समक्ष खुद पेश करेगी. आरोपी की मां के निवेदन पर कोर्ट ने आरोपी को 5 हज़ार रुपए के बेल बांड पर सशर्त जमानत दे दी है, जिसमे कोर्ट ने कहा है कि आरोपी देश छोड़कर कही नहीं जाएगा. साथ ही किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेगा.

इसे भी पढ़ें: एयर इंडिया की दिल्ली-सिडनी फ्लाइट में अचानक लगे तेज झटके, कई यात्री घायल

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख पठान व अन्य आरोपियों की कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बुधवार को अतरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट में सरकारी गवाह के रूप सेवानिवृत्त एसआई करन सिंह को बुलाया गया था, जहां उन्होंने कोर्ट के सामने शाहरुख पठान की पहचान की. इस मामले के चारों आरोपी कोर्ट आए थे.

वहीं, आरोपियों के वकीलों ने अपने बचाव में जिरह के दौरान सरकारी गवाह से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने गवाह से पूछा कि दंगे के समय आप की ड्यूटी कहां थी और आपको इस इलाके में आने का आदेश किसने दिया. सरकारी गवाह ने कहा कि दंगे की आपातकाल सूचना मिलने पर हमें पीटीसी ग्राउंड वजीराबाद से अपने दस्ते व दंगे के बचाव समान के साथ तुरंत आने के लिए कहा गया. इस मामले के मुख्य गवाह दीपक दहिया हैं, जो उस समय पिस्तौल थामे हुए शाहरुख पठान के ठीक सामने खड़े थे, जिनकी अभी गवाही नहीं हुई है. आने वाले समय मे उन्हें भी जल्द गवाही के लिए बुलाया जाएगा.

2020 में दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो एक पिस्तौल लिए एक पुलिसवाले के सामने खड़ा था. इसके कई दिन बाद पुलिस ने शाहरुख पठान व उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. 23 साल के इस शख्स पर जाफराबाद में ऐंटी-सीएए प्रोटेस्ट के दौरान दंगे में शामिल होने के आरोप लगे हैं. अब इसके पिछले एक और वायरल वीडियो पर लोगों का गुस्सा फूट था. जब 23 मई को शाहरुख 65 साल के अपने बीमार पिता से मिलने के लिए घर पहुंचा था. पुलिस की कस्टडी में घर आए दंगे के आरोपी का उसके समर्थकों ने स्वागत ऐसे किया जैसे कोई सिलेब्रिटी आया हो. गली में नारे लगे और हल्ला मचाया गया, जबकि उसे कोर्ट ने केवल चार घंटे की परोल मोहल्लत दी थी.

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जानकारी के मुताबिक, उस समय शाहरुख पठान कुछ घंटों के लिए ही जेल से पेरोल पर आया था. उस दौरान उसके समर्थकों की भीड़ जुटी थी. उस दौरान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जहां उसके समर्थक उसका स्वागत कर रहे. उस वीडियो में वह पुलिसकर्मियों के साथ कहीं जा रहा है और उसके आसपास भीड़ जमा है. यह वीडियो 23 मई 2022 का था. उस दिन उसे 4 घंटे की कस्टडी परोल पर रिहा किया गया था. शाहरुख पठान को यह परोल उसके बीमार पिता से मिलने के लिए मिली थी. अब उसे वापस जेल भेज दिया गया है. कोर्ट में आज बचाव पक्ष द्वारा कई जरूरी सवाल सरकारी गवाह से पूछे गए, जिनको कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया है. मामले की अगली सुनवाई कल यानी गुरुवार को फिर होगी.

दिल्ली दंगों से जुड़े आरोपी को कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के एक आरोपी को सशर्त जमानत दी है. इस मामले में आरोपी जमानत मिलने के बाद कोर्ट के समक्ष पेश नहीं होता था, जिस कारण से कोर्ट ने आरोपी के गैर जमानती वारंट जारी कर उसकी जमानत निरस्त करके उसे हिरासत में ले लिया था.

अब इसी मामले में आरोपी की मां ने जमानत का आवेदन लगाया गया था. जहां आरोपी के वकील ने कोर्ट में अपने दलील में कहा कि आरोपी काफी समय से अपने परिवार वालों के सम्पर्क में नहीं था. ना ही आरोपी के पास कोई मोबाइल फोन था, जिससे उससे सम्पर्क हो सकता. अब आरोपी के परिवार वाले कोर्ट से ये निवेदन कर रहे हैं कि आने वाली सभी तारीखों पर आरोपी को पेश किया जाएगा, इसलिए उसे जमानत प्रदान की जाए. मौजूदा मामले में आरोपी लगातार कोर्ट के सामने आने से लगातार बच रहा था और उसने अपना निवास स्थान भी बदल लिया था. जिस कारण से उससे किसी का संपर्क भी नहीं हो पा रहा था, इसलिए कोर्ट ने उसकी जमानत खारिज कर उसको दुबारा जेल भेज दिया था.

आरोपी की मां ने कोर्ट को आश्वाशन दिया कि अब वो आगे से आरोपी को कोर्ट के समक्ष खुद पेश करेगी. आरोपी की मां के निवेदन पर कोर्ट ने आरोपी को 5 हज़ार रुपए के बेल बांड पर सशर्त जमानत दे दी है, जिसमे कोर्ट ने कहा है कि आरोपी देश छोड़कर कही नहीं जाएगा. साथ ही किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेगा.

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Last Updated : May 17, 2023, 8:03 PM IST
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