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भाजपा की नीति पर चल रही है दिल्ली सरकार, लंबित है इमामों की सैलरी: मौलाना साजिद - Amanatullah Khan

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद ने दिल्ली सरकार की तुलना भाजपा की नीतियों से की है. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार भी भाजपा की नीति पर चल रही है. पिछले 5 महीनों से मस्जिद के इमामों की सैलरी नहीं मिली है.

delhi government should release imams five month pending salary says maulana sajid
भाजपा की नीति पर चल रही है दिल्ली सरकार
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Published : Oct 6, 2020, 12:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में लंबा चला लॉकडाउन भले अब खत्म हो गया हो, लेकिन दिल्ली वक्फ बोर्ड में चेयरमैन न होने की वजह से मस्जिदों के इमामों की सैलरी पिछले 5 महीने से लंबित पड़ी हुई है. जिसकी वजह से इनके सामने गुजर बसर की भी दिक्कत आने लगी है. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष का मानना है कि दिल्ली सरकार अब भाजपा की नीति पर काम कर रही है. जिसकी वजह से मुसलमानों से जुड़े मामले अटके हैं. सोची समझी रणनीति के तहत चेयरमैन नहीं बनाया जा रहा है जिसका खामियाजा आज दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े कर्मचारी और इमाम भुगत रहे हैं.

भाजपा की नीति पर चल रही है दिल्ली सरकार.
दिल्ली वक्फ बोर्ड में चुनाव जरूरी

दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े करीब 1500 इमामों की सैलरी पिछले चार सालों से लंबित पड़ी है. दरअसल इस सैलरी के अटके होने की अहम वजह यह है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव दिल्ली सरकार नहीं कर पा रही है. जिसकी वजह से यह बोर्ड के कर्मचारियों के साथ ही इमामों की सैलरी भी रुकी हुई है. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि लॉकडाउन के दौरान पांच महीने की सैलरी रुकी थी , जो काफी मशक्कत के बाद रिलीज हुई, अब क्योंकि कई महीनों से दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव लटका हुआ हुआ है, जिसकी वजह से बोर्ड से जुड़े करीब ढाई सौ परमानेंट और करीब पंद्रह सौ निजी इमामों की सैलरी चार महीने से नहीं मिली, अब पांचवा महीना चल रहा है.

नहीं निकला कोई हल

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि अलीपुर के ADM तनवीर दिल्ली वक्फ बोर्ड के CEO हैं. एमएलए ओखला अमानतुल्लाह खान का चयन पुनः एमएलए कोटे से मेंबर के तौर पर कर लिया गया था. लेकिन नोटिफिकेशन नहीं होने से अब तक चेयरमैन पद खाली है. और इसी कारण से सैलरी का मामला भी अटका हुआ है. उन्होंने कई बार CEO और SDM रेवेन्यू से भी बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला.

भाजपा की नीति पर चल रही है आप

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे दिल्ली की केजरीवाल सरकार भाजपा की नीति पर चल रही है. मुसलमानों से जुड़े कामों को जानबूझकर लटकाया जा रहा है. कुछ समय पहले दिल्ली में हुए दंगों के दौरान दिल्ली जर्जर का क्या रवैया रहा और सरकार ने क्या एक्शन लिया, कौन जिम्मेदार रहा दिल्ली या फिर केंद्र सरकार यह किसी से ढंका छुपा नहीं है.

केजरीवाल सरकार ने केंद्र के आगे घुटने टेके

उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी मुसलमानों की नहीं है हर कोई राजनीतिक दल मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझते हैं. कोई भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता, दिल्ली में हुए दंगों के बाद से तो ऐसा लगता है जैसे दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र के आगे घुटने ही टेक दिए हैं.

जल्द हो चुनाव

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अलावा भी बहुत लोग इस बात के लिए आवाज उठा चुके हैं कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए, ताकि बोर्ड से जुड़े कर्मचारियों और इमामों की रुकी हुई सैलरी का निस्तारण भी जल्द हो सके. जिससे उन सभी लोगों को राहत की सांस मिले. देखना होगा कि आखिर कब तक चेयरमैन कुर्सी पर बैठ पाते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली में लंबा चला लॉकडाउन भले अब खत्म हो गया हो, लेकिन दिल्ली वक्फ बोर्ड में चेयरमैन न होने की वजह से मस्जिदों के इमामों की सैलरी पिछले 5 महीने से लंबित पड़ी हुई है. जिसकी वजह से इनके सामने गुजर बसर की भी दिक्कत आने लगी है. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष का मानना है कि दिल्ली सरकार अब भाजपा की नीति पर काम कर रही है. जिसकी वजह से मुसलमानों से जुड़े मामले अटके हैं. सोची समझी रणनीति के तहत चेयरमैन नहीं बनाया जा रहा है जिसका खामियाजा आज दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े कर्मचारी और इमाम भुगत रहे हैं.

भाजपा की नीति पर चल रही है दिल्ली सरकार.
दिल्ली वक्फ बोर्ड में चुनाव जरूरी

दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े करीब 1500 इमामों की सैलरी पिछले चार सालों से लंबित पड़ी है. दरअसल इस सैलरी के अटके होने की अहम वजह यह है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव दिल्ली सरकार नहीं कर पा रही है. जिसकी वजह से यह बोर्ड के कर्मचारियों के साथ ही इमामों की सैलरी भी रुकी हुई है. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि लॉकडाउन के दौरान पांच महीने की सैलरी रुकी थी , जो काफी मशक्कत के बाद रिलीज हुई, अब क्योंकि कई महीनों से दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव लटका हुआ हुआ है, जिसकी वजह से बोर्ड से जुड़े करीब ढाई सौ परमानेंट और करीब पंद्रह सौ निजी इमामों की सैलरी चार महीने से नहीं मिली, अब पांचवा महीना चल रहा है.

नहीं निकला कोई हल

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि अलीपुर के ADM तनवीर दिल्ली वक्फ बोर्ड के CEO हैं. एमएलए ओखला अमानतुल्लाह खान का चयन पुनः एमएलए कोटे से मेंबर के तौर पर कर लिया गया था. लेकिन नोटिफिकेशन नहीं होने से अब तक चेयरमैन पद खाली है. और इसी कारण से सैलरी का मामला भी अटका हुआ है. उन्होंने कई बार CEO और SDM रेवेन्यू से भी बात की लेकिन कोई हल नहीं निकला.

भाजपा की नीति पर चल रही है आप

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे दिल्ली की केजरीवाल सरकार भाजपा की नीति पर चल रही है. मुसलमानों से जुड़े कामों को जानबूझकर लटकाया जा रहा है. कुछ समय पहले दिल्ली में हुए दंगों के दौरान दिल्ली जर्जर का क्या रवैया रहा और सरकार ने क्या एक्शन लिया, कौन जिम्मेदार रहा दिल्ली या फिर केंद्र सरकार यह किसी से ढंका छुपा नहीं है.

केजरीवाल सरकार ने केंद्र के आगे घुटने टेके

उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी मुसलमानों की नहीं है हर कोई राजनीतिक दल मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझते हैं. कोई भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करता, दिल्ली में हुए दंगों के बाद से तो ऐसा लगता है जैसे दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र के आगे घुटने ही टेक दिए हैं.

जल्द हो चुनाव

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अलावा भी बहुत लोग इस बात के लिए आवाज उठा चुके हैं कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाए, ताकि बोर्ड से जुड़े कर्मचारियों और इमामों की रुकी हुई सैलरी का निस्तारण भी जल्द हो सके. जिससे उन सभी लोगों को राहत की सांस मिले. देखना होगा कि आखिर कब तक चेयरमैन कुर्सी पर बैठ पाते हैं.

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